बाजूओं पर जमा हो रहा है एक्स्ट्रा फैट, तो इन 3 योगासनों से सुलझाएं ये समस्या

बाजूओं पर जमा चर्बी को दूर करने के लिए इन 3 योगासनों की मदद ले सकते हैं। जानते हैं इन योगासनों को करने का तरीका और उसके फायदे भी।
ज्योति सोही Published: 7 Jun 2023, 08:00 am IST
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शरीर में मोटापा बढ़ने के कारण बाजूओं पर एक्सट्रा फैट (Extra fat) जमा होने लगता है। अक्सर हम बाजूओं पर जमा चर्बी को नज़रअंदाज़ कर टमी फैट कम करने की तरफ ध्यान देने लगते हैं। आर्मस पर फैट इकट्ठा होने से कई बार मन मुताबिक कपड़ों को सिलेक्ट करने में भी उलझन महसूस होने लगती है। ऐसे में इस समस्या को दूर करने के लिए इन योगासनों की मदद ले सकते हैं। इससे ओवरऑल बॉडी वेटलॉस (Weight loss) के साथ आर्म फैट (Yoga poses for arm fat) भी बर्न होने लगता है। जानते हैं इन योगासनों को करने का तरीका और उसके फायदे भी।

बाजूओं में एक्स्ट्रा चर्बी बढ़ने के कारण

शरीर का बढ़ता वज़न
उम्र के कारण होर्मोनल बदलाव
जेनेटिक्स हो सकता है कारण
स्किन में ढ़ीलापन आ जाना

एक्टिविटी कम होने के कारण कंधों और बाहों पर फैट जमा हो जाते हैं। इसे योगासन से खत्म किया जा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

आर्म फैट को दूर करेंगे ये 3 योगासन, जानें इन्हें करने की प्रक्रिया

1. वशिष्ठासन (Arm balance pose)

इस योगासन में शरीर पूरी तरह से बाजूओं पर टिका होता है। बाजूओं के मसल्स में खिंचाव आता है, जिससे शारीरिक संतुलन बना रहता है। इससे वेटलॉस के अलावा मानसिक शांति भी मिलती है। इस योगासन को वन आर्म बैलेंस पोज़ और साइड प्लैक पोज़ भी कहा जाता है। नियमित तौश्र पर इसे करने से बाजूओं में जमा चर्बी दूर होने लगती है।

वशिष्ठासन को करने की प्रक्रिया

इस योग को करने के लिए मैट पर सीधा खड़े हो जाएं। अब अपने दोनों पैरों के मध्य 8 से 10 इंच का गैप मेंटेन करें। ध्यान रखें कि घुटने बिल्कुल सीखे रखें।

अब दोनों हाथों को उपर की ओर उठाएं और बाजूएं सीधी कर लें। इसके बाद दोनों हथेलियों को ज़मीन पर टिकाएं।

अब दाहिनी बाजू को हवा में उठाएं। इससे शरीर का पूरा वज़न बाहिनी बाजू पर आने लगेगा।

इस योग को करने में बाजूओं की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होने लगता है। इसके अलावा हाथों और टांगों में मज़बूती का अनुभव होता है।

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2. सर्पासन (Cobra pose)

पेट के बल लेटकर किए जाने वाले इस योग को सर्पासन कहा जाता है। इसमें शरीर का पूरा वज़न बाजूओं पर रहता है। इससे बाजूओं के साथ साथ गर्दन की मांसपेशियों में भी खिंचाव का अनुभव महसूस होता है। इस योग को करने से मांइड रिलैक्स रहता है। इसके अलावा पेट संबधी समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाती है। इसे करने से ब्रीदिंग प्रॉब्लम भी हल हो जाती है।

सर्पासन करने की प्रक्रिया

इसे करने के लिए पेट के बल मैट पर लेट जाएं। अब गहरी सांस लें और दोनों हाथों सीधा कर लें और कम से सटा कर रखें। हथेलियों को ज़मीन से चिपका लें।

इसके बाद धीरे धीरे हाथों को गर्दन के पास लेकर आएं। अब हथेलियों को ज़मीन पर रखकर उसके इम पर हाथों को उंचा उठाएं और गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं।

टांगों को भी सीधा रखें। इस योग को करने से शरीर की पूरी मांसपेशियां खिंचने लगती है। इसे नियमित तौर पर करने से पेट संबधी रोग दूर हो जाते हैं।

पेट के बल लेटकर किए जाने वाले इस योग को सर्पासन कहा जाता है। इसमें शरीर का पूरा वज़न बाजूओं पर रहता है। चित्र शटरस्टॉक

3. उत्कटासन (Chair pose)

उत्कटासन यानि चेयर पोज, जो घुटनों को मोड़कर किया जाता है। इसे करने से टांगों से लेकर बाजूओं तक शरीर की सभी मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। बाजूओं को उपर की ओर खींचने से फैट बर्न होने लगता है। इस योग को करने से डाइजेशन संबधी समस्याएं दूर हो जाती है। इसके अलावा माइंड रिलैक्स रहता है।

उत्कटासन करने की प्रक्रिया

इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब घुटनों को मोड़ लें। इस दौरान दोनों टांगों और पैरों को एक दूसरे से चिपका लें।

इसके बाद दोनों बाजूओं को उपर की ओर उठाएं। दोनों हाथों को आपस में जोड़ लें। बाजूओं के मध्य गैप मेंटेन रखें। इस योग को करने के दौरान पीठ एक दम सीधी रखें।

इस योगासन को 2 से 3 मिनट तक करें। इससे टांगों में होने वाले दर्द की समस्या भी दूर होने लगती है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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