चिड़चिड़ेपन और बार-बार बीमार पड़ने की वजह कहीं स्मार्ट फोन तो नहीं? जानिए आपकी सेहत कैसे खराब कर रहा है मोबाइल फोन

जब आप मोबाइल फोन के साथ ज्यादा समय बिताते हैं तो यह आपकी इम्युनिटी, फिटनेस और ब्रेन हेल्थ को नुकसान पहुंचाने लगता है। जिससे आप गुस्सैल, चिड़चिड़े और कमजोर भी होने लगते हैं।
smartphone ka istemal kaise hai nuksaandayak
रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है कि जो लोग 6 घंटे से कम नींद लेते हैं, उनमें 7 से 8 घंटे नींद लेने वाले लोगों के मुकाबले टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है।। चित्र चित्र:शटरस्टॉक।
अंजलि कुमारी Updated: 23 Oct 2023, 09:16 am IST
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स्मार्टफोन के इस एरा में आजकल सभी अपने मोबाइल फोन को 24 घंटे अपने पास रखते हैं। पूरा दिन मोबाइल फोन के साथ बिताने के बाद रात को सोने से ठीक पहले कोई भी मोबाइल चलाना नहीं भूलता। वहीं ज्यादातर लोग सोते वक्त इसे अपने तकिए के पास रख कर सोते हैं। परंतु क्या आपको इससे होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों (side effects of using mobile phone at night) का अंदाजा है?

रात को मोबाइल फोन चलाने की आदत सीधे आपकी नींद को प्रभावित करती है, और आपकी अधूरी नींद समग्र सेहत को नुकसान पहुंचाती है। बड़ों के साथ-साथ आजकल कम उम्र के बच्चे भी इन गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। जिसकी वजह से बहुत जल्दी लोग एंग्जाइटी, डिप्रेशन और तरह-तरह की लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं।

तो आइए जानते हैं कि किस तरह रात को सोने से पहले मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना आपकी समग्र सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। साथ ही जानेंगे स्मार्टफोन रेडिएशन के प्रभाव।

आपकी सेहत के लिए साइलेंट किलर है मोबाइल फोन

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार यदि आप रात का एक लंबा समय फोन पर व्यतीत करती हैं या रात को सोते वक्त फोन चलाती हैं और बीच-बीच में कॉल या मैसेज चेक करती हैं, तो यह आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। यही आपकी समग्र सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

इसकी वजह से स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ने लगते हैं और यह इम्यून सिस्टम को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। पूरे दिन में बहुत कम भूख लगती है। ब्रीदिंग प्रॉब्लम से लेकर हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ का खतरा बढ़ जाता है।

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आपकी नींद की गुणवत्ता को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है। चित्र:शटरस्टॉक

नींद प्रभावित करता है रात को सोने से पहले फोन का इस्तेमाल

आमतौर पर सभी यही मानते हैं कि स्मार्टफोन ने उनकी जिंदगी आसान बना दी है। हालांकि, एंटरटेनमेंट और इंफॉर्मेशन के लिए तो यह कारगर है, परंतु बाद जब सेहत की आती है तो इसका प्रभाव काफी नकारात्मक हो सकता है।

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1. यह आपके ब्रेन को शांत नहीं रहने देता

सोते वक्त यदि आप फोन का इस्तेमाल करती हैं, तो इसकी वजह से आपका दिमाग अधिक सक्रिय रहता है और ब्रेन को रेस्टिंग मोड पर जाने में परेशानी होती है। ऐसे में यह आपकी नींद की गुणवत्ता को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है।

यदि आप रात को लंबे समय तक फोन नहीं चलाती हैं, लेकिन सोते वक्त थोड़ी देर के लिए फोन में मैसेज या कॉल चेक करती हैं, तो इसकी वजह से भी आपका ब्रेन डिस्टर्ब हो जाता है। जिससे आपको समय से नींद नहीं आती।

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2. मेलाटोनिन के उत्पादन को कम कर देता है

उचित समय पर दिमाग को नींद के लिए सिंगल देना और नींद को बढ़ावा देने के साथ ही इसकी गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए हमारे शरीर को मेलाटोनिन की आवश्यकता होती है। ऐसे में आपकी मोबाइल फ़ोन का लाइट रात को सीधे आपकी आखों पर पड़ता है। ये ब्लू लाइट मेलाटोनिन के उत्पादन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।

3. सुबह उठने के बाद थकान और सुस्ती महसूस होती है

हर्वर्ट द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार यदि आप रात को सोने से पहले फ़ोन चलाती हैं तो आपको सुबह उठने के बाद ऐसा महसूस होता है, जैसे की आपकी नींद पूरी नहीं हुई है। साथ ही आपको आलस और सुस्ती महसूस होती रहती है। ऐसा इसलिए होता है क्युकी रात को फ़ोन चलाने से आपका दिमाग सक्रीय रहता है, जो नींद की गुणवत्ता को बुरी तरह से प्रभावित करता हैं। ऐसे में आप रात को पर्याप्त और अच्छी नींद नहीं ले पाती हैं।

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आंखों को समय से पहले बूढ़ा बना देता है, रात को सोते वक्त स्मार्टफोन का इस्तेमाल। चित्र : शटरस्टॉक

4. मैकुलर डिजनरेशन का कारण बनता हैz

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार रात को सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करना आपकी आंखों को जल्दी बूढ़ा कर सकता है। इससे निकलने वाली ब्लू लाइट एंटी ऑक्सीडेंट इफेक्ट को प्रभावित करती हैं और व्यक्ति में मैकुलर डिजनरेशन की स्थिति को बढ़ावा देती हैं।

इस स्थिति में आंखों के सेंटर का विजन धुंधला हो जाता है। हालांकि, एक उम्र के साथ मैकुलर डिजनरेशन की स्थिति उत्पन्न होना आम है, परंतु स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल आपकी आंखों को समय से पहले बूढ़ा बना देता है।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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