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बढ़ती उम्र ही नहीं, गलत ढंग से वजन उठाना भी बढ़ा सकता है कमर का दर्द, बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

2050 तक दुनिया के 80 करोड़ से ज्यादा लोग उम्र बढ़ने पर पीठ और कमर दर्द की समस्या से पीड़ित होंगे । क्या है इसकी वजह। जानते हैं बचाव और उपचार के बारे में।
Published On: 6 Jun 2023, 08:00 am IST
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40 ki umra par karne par sciatica ka dard hota hai.
यदि आप उम्र के 40वें पड़ाव को पार कर चुकी हैं, तो यह समस्या परेशान कर सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

लॉन्ग सिटिंग ऑवर, खराब पोश्चर के कारण कमर दर्द की समस्या आम है। काफी हद तक इन एक्टिव लाइफस्टाइल जिम्मेदार हैं । लांसेट रूमेटोलोजी जर्नल के अनुसार, 2050 तक दुनिया के 80 करोड़ से ज्यादा लोग पीठ और कमर दर्द की समस्या से पीड़ित होंगे । एक्सपर्ट मानते हैं कि कमर दर्द का कारण बढ़ती उम्र (Back Pain causes) और गलत ढंग से वजन उठाना दोनों बन सकते हैं। आइए जानते हैं इससे बचने के कुछ उपायों के बारे में।

समय के साथ स्पाइन की संरचना में बदलाव 

उजाला सिग्न्स ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज कहते हैं, ‘उम्र बढ़ने के साथ पीठ या गर्दन में दर्द महसूस होना सामान्य है। रीढ़ की हड्डी में दर्द उम्र बढ़ने के साथ होते ही हैं। 85 प्रतिशत से अधिक लोग उम्र बढ़ने पर किसी प्रकार की पीठ या गर्दन में दर्द का अनुभव करते हैं। 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्क विशेष रूप से पीठ के निचले हिस्से में दर्द के प्रति संवेदनशील होते हैं। उम्र से संबंधित स्पाइन डिस्क दर्द जोड़ों और रीढ़ की हड्डी की संरचनाओं में होने वाले अंतर के कारण होते हैं। मांसपेशियों में खिंचाव के कारण भी दर्द होता है। समय के साथ हड्डी और मांसपेशी कमजोर हो जाते हैं। विटामिन डी की कमी होने लगती है।’

वेट लिफ्टिंग भी बनती है वजह (Weight Lifting causes Back pain) 

डॉ. शुचिन के अनुसार, ‘बार-बार और भारी सामान उठाने से पीठ की मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है। इन मांसपेशियों में खिंचाव बहुत दर्दनाक हो सकता है। तनाव के कारण मांसपेशियों के फटने या ऐंठन से भी यह प्रभावित हो सकता है। इससे पीठ में अकड़न और जकड़न हो सकती है।’

मसल्स में खिंचाव (Muscles Strain)

वेट लिफ्टिंग या फुटबॉल जैसे खेलों के कारण मसल्स में खिंचाव हो सकता है। ऐसे खेल जिनमें पीठ के निचले हिस्से को अचानक घुमाने की आवश्यकता होती है। टेनिस, बास्केटबॉल, बेसबॉल और गोल्फ चोट का कारण बन सकता है। कुछ चोट के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

यहां हैं बैक पेन से बचाव के उपाय (Prevention of Back Pain)

पीठ दर्द को रोकने के बढ़िया तरीकों में से एक है अपनी पीठ की मांसपेशियों को मजबूत रखना। अपनी पीठ की सुरक्षा और पीठ दर्द को रोकने में मदद के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं।

1 मसल्स की मजबूती के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (Stretching Exercise for Back Pain)

सप्ताह में कम से कम 2 दिन मांसपेशियों की मजबूती के लिए स्ट्रेचिंग व्यायाम करें। सीधे खड़े होकर बैठने का अभ्यास करें। उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपने पोश्चर को सही रखने का प्रयास (Age related Back Pain) करें।

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मांसपेशियों की मजबूती के लिए स्ट्रेचिंग व्यायाम करें। चित्र : एडोबी स्टॉक

2 हैवी वेट उठाने का प्रयास नहीं करें (Heavy Weight)

भारी उठाने से बचें। अगर कोई भारी चीज उठाई जाए, तो पहले घुटनों को मोड़ें। इस दौरान पीठ को सीधा रखें। इस तरह पैर की मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ेगा। वे काम करेंगी और मजबूत होंगी।

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3 सक्रिय रहें (Be Active)

सक्रिय रहने की कोशिश करें। हेल्दी खाएं। अधिक वजन होने पर यह पीठ पर दबाव डाल सकता है। नियमित शारीरिक गतिविधि करने और स्वस्थ भोजन करने से स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

इन उपायों से कमर दर्द से मिलेगी राहत (Tips to relieve back pain)

1 फ़िज़ियोथेरेपी की मदद (Physiotherapy for Back Pain)

यदि लगातार कमर दर्द हो रहा है, तो दवाओं और फ़िज़ियोथेरेपी की मदद
ली जा सकती है

2 एंटी इन्फ्लेमेटरी जेल (Anti Inflammatory Gel for Back Pain)

मसाज और एंटी इन्फ्लेमेटरी जेल से कमर दर्द को कम किया जा सकता है। सर्जरी, क्म्प्लीमेंट्री थेरेपी, मसल्स रेलैक्सेंट से कमर दर्द कम किया जा सकता है

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मसाज और एंटी इन्फ्लेमेटरी जेल से कमर दर्द को कम किया जा सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

3 योग और व्यायाम (Yoga and Exercises for Back Pain)

नियमित रूप से किये गये योग और व्यायाम भी इसमें मदद कर सकते हैं। ध्यान रखें कि कमर दर्द को कम करने के लिए किसी भी प्रकार का योग और व्यायाम एक्सपर्ट की देखरेख में ही शुरू करें। खुद से प्रयास करने पर उल्टा असर भी पड़ सकता है और तेज दर्द भी कर सकता है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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