Wrist stiffness: रिस्ट स्टिफनेस को दूर करने में ये 4 योगासन हैं बेहद कारगर, यहां है अभ्यास का तरीका
दिनभर कीबोर्ड पर उंगलियां चलाते चलाते रिस्ट स्टिफनेस की संभावना बनी रहती हैं, जिससे कलाई में दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शरीर के अन्य अंगों के समान कलाई की मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ाने के लिए कुछ खास योगासन का अवश्य अभ्यास करें। इससे बाजूओं की मज़बूती और फलेक्सिबीलिटी दोनों ही बने रहते हैं, जिससे शरीर उम्र के साथ बढ़ने वाले रोगों के जोखिम से दूर रहता है। जानते हैं 4 ऐसे सुपरइफेक्टिव योगासन , जो कलाई में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर करने में हैं मददगार (Yoga poses for wrist stiffness)।
रिस्ट स्टिफनेस को दूर करेंगे ये 4 योगासन
1. आनंद बालासन (Happy baby pose)
कलाई और हाथों में होने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए आनंद बालासन का निरंतर प्रयास करें। इससे बाजूओं की मसल्स में खिंचाव आता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन नियमित तौर पर होने लगता है।
जानें करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और पीठ को एकदम सीधा रखें। टांगों के मध्य दूरी बना लें।
अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए उपर की ओर उठा लें और चेस्ट के नज़दीक लेकर आएं।
उसके बाद दोनों हथेलियों से पजों को पकड़ लें और गहरी सांस लें व छोडें। इस दौरान सांस पर ध्यान केंद्रित करे।
आंखें बंद करके 30 सेकण्ड से लेकर 1 मिनट तक इसी मुद्रा में बने रहें। इसके बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और सीधा लेट जाएं।
2. गौमुखासन (Cow face pose)
बाजूओं में बढ़ने वाले तनाव से राहत पाने के लिए गौमुखासन बेहद कारगर साबित होता है। इससे कंधों में होने वाले दर्द से लेकर गर्दन के मसल्स में होने वाली पेन से भी राहत मिलती है। दोनों बाजूओं को स्ट्रेच करने से पीठ में बढ़ने वाली जकड़न से भी राहत मिलती है।
जानें इसे करने की विधि
मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं और कमर को एकदम सीधा रखें। अब दोनों हाथों को थाइज़ पर टिका लें।
इसके बाद दाईं बाजू को कंधे के उपर से लेकर जाएं और बाई बाजू को कमर पर रखें और दूसरे हाथ से मिलाने का प्रयास करें।
अब दाईं बाजू को बाई बाजू से पकड़ लें। इस योगासन को करने के लिए रीढ़ की हड्डी को एक दम सीधा रखना आवश्यक है।
गहरी सांस लें और छोड़ें और जब तक संभव हो इस मुद्रा में बैठें। उसके बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
3. त्रिकोणासन (Triangle pose)
बाजूओं की मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन और कलाई में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर करने के लिए त्रिकोणासन का अभ्यास फायदेमंद होता है। इसे निरंतर करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित तौर पर होने लगता है, जिससे पेल्विक फ्लोर मसल्स को भी मज़बूती मिलती है।
जानें इसे करने की विधि
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें। अब दोनों टांगों के मध्य गैप बना लें।
टांगों के बीच में 4 से 5 कदमों का फासला बनाकर खड़े हों। अब बाहिने हाथ को उपर की ओर खीचें।
वहीं दाहिने हाथ को दाहिने पैर से छूने का प्रयास करें। ध्यान रखें की दोनों बाजूएं एकदम सीधी रहें।
कलाई में होने वाले दर्द और खिंचाव से राहत मिलने लगती है। इसे दिन में 1 मिनट के लिए 2 से 3 बार करें।
4. गरूड़ासन (Eagle pose)
गरूड़ासन की मदद से बाजूओं के मसल्स रिलैक्स होने लगते है। इस योगासन के अभ्यास से अपर बॉडी के साथ लोअर बॉडी भी स्ट्रेच होती है, जिससे मांसपेशियों में बढ़ने वाले तनाव का स्तर कम होने लगता है।
जानें इसे करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए मैट पर खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को एक दूसरे से जोड़ लें।
अब दोनों बाजूओं को कोहनी से मोड़ लें और दाहिनी बाजू को बाहिनी बाजू पर लपेट लें।
दोनों हाथों से नमस्कार की मुद्रा को बना लें। इसके बाद दाईं टांग से बाईं टांग को जकड़ लें
गहरी सांस लें और छोड़ें। शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए योगमुद्रा को करने के लिए दीवार का सहारा ले सकते हैं।
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