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International women’s day : डियर लेडीज, अपने और अपने शरीर के बारे में इन 5 चीजों को लेकर चिंता छोड़ दें

कई क्षेत्रों में लीड करने के बावजूद महिलाएं अपने कई विषयों पर अधिक सोचती हैं। वे खुद को दोषी मानती हैं। महिला दिवस (International women's day) पर उन 5 बातों को जानें, जिन्हें लेकर वे लो सेल्फ इस्टीम की शिकार होती हैं। इन 5 बातों पर वे विजय प्राप्त कर आत्मविश्वास बढ़ा सकती हैं।
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महिला दिवस (International women’s day) को सही मायने में सेलिब्रेट करने का अर्थ है कि आप जैसी हैं उसे स्वीकार करें और आगे बढ़ें। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 8 Mar 2024, 09:30 am IST
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महिला होने क अर्थ खुद को कमतर समझना, अपनी शारीरिक उपस्थिति पर शर्म करना नहीं है। महिला होने का अर्थ हर परिस्थिति या शारीरिक अवस्था में आत्मविश्वास से भरपूर होना है। महिला होने का अर्थ पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के अलावा, सिंगल होकर भी हर कर्तव्य और अधिकार को पूरा करना है। ज्यादातर मामलों में महिलाएं अपनी शारीरिक बनावट, उम्र के साथ होने वाले परिवर्तनों को लेकर काफी चौकन्नी रहती हैं। “कोई कुछ कह न दे, मेरी निंदा न कर दे। इसके फेर में खुद के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति खिलवाड़ भी कर जाती हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि महिला दिवस (International women’s day) को सही मायने में सेलिब्रेट करने का अर्थ है कि आप जैसी हैं उसे स्वीकार करें और आगे बढ़ें। सबसे पहले जानते हैं कि महिलाएं किन चीज़ों और शारीरिक परिवर्तनों को लेकर सशंकित (things are normal being a woman) रहती हैं।

एक महिला होने के नाते आपके लिए नॉर्मल हैं ये 5 चीजें, बिल्कुल न शर्माएं

1 हिप्स इतने ब्रॉड क्यों हैं (broader hips)

ज्यादातर महिलाएं अपने चौड़े कूल्हे को लेकर परेशान रहती हैं। उन्हें लगता है कि ब्रॉड हिप्स उनके शरीर के आकार को बेढब (things are normal being a woman) बनाते हैं।

यदि शारीरिक दृष्टिकोण से देखा जाये, तो मेल और फीमेल के पेल्विस बोन सभी आयामों में भिन्न होते हैं। महिला के हिप्स चौड़े होते हैं और आगे से पीछे तक उथले होते हैं। कूल्हों का स्ट्रक्चर पुरुषों से भिन्न होता है। महिलाओं में ब्रॉड हिप्स लाभ प्रदान करते हैं। चौड़े कूल्हे बच्चे के जन्म के दौरान अधिक जगह प्रदान कर सकते हैं। यह प्रक्रिया को थोड़ा आसान बना सकता है।

2 ब्रेस्ट लटकने क्यों लगी है (saggy breasts)

गायनेकोलॉजिस्ट अंजलि कुमार के अनुसार, स्तनों का ढीलापन उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के शरीर में होने वाले कई प्राकृतिक परिवर्तनों में से एक है। महिलाओं के स्तन फैट और लिगामेंट से बने होते हैं। मांसपेशियों में टिश्यू की कमी होती है। इसलिए किसी प्रकार का व्यायाम स्तनों के ढीलेपन को ठीक नहीं कर सकता। सैगी ब्रेस्ट टिश्यू प्लास्टिक सर्जरी के बिना नहीं हो सकते हैं। ब्रेस्ट सैगिंग या बूब ड्रॉपिंग कोई शारीरिक अक्षमता नहीं है। आप जैसी भी हैं, इस पर गर्व करें। नियमित रूप से चेस्ट मसल्स एक्सरसाइज करना, हेल्दी भोजन करना (things are normal being a woman) जैसे उपाय कर सकती हैं।

3 उफ्फ डार्क सर्कल (dark circles under eye)

कुछ महिलाओं की आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं। ये विटामिन बी 12 की कमी के कारण हो सकते हैं। आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया भी आंखों के नीचे डार्क स्पॉट का कारण बन सकता है। एक्जिमा, किसी तरह की स्किन एलर्जी, थकान, हेरेडिटी, आंखों को रगड़ना या खुजलाना भी कारण बन सकता है।

यह सच है कि उम्र बढ़ने के साथ स्किन में होने वाले बदलाव भी आंखों के नीचे डार्क स्पॉट के कारण बन सकते हैं। यदि ये बदलाव आते हैं, तो इन्हें सहर्ष स्वीकार करना चाहिए।

उम्र बढ़ने के साथ स्किन में होने वाले बदलाव भी आंखों के नीचे डार्क स्पॉट के कारण बन सकते हैं।  चित्र : शटर स्टॉक

4 मैं आजकल भूलने क्यों लगी हूं (forgetfulness)

काम के अत्यधिक बोझ और बढ़ती उम्र में भूलने की बीमारी भी महिलाओं को परेशान करने लगती हैं। यह तनाव, अवसाद, नींद की कमी या थायराइड की समस्या से भी उत्पन्न हो सकती है। कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव, अनहेल्दी डाइट या शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थ न होना भी कारण बन सकता है।

रोजमर्रा की छोटी-मोटी चीजें भूल जाना कोई बीमारी नहीं है, न ही लापरवाही। इनके लिए अपने आपको बिल्कुल न कोसें। बेहतर है कि नोटबुक, कैलेंडर या इलेक्ट्रॉनिक प्लानर में कार्यों, नियुक्तियों और अन्य घटनाओं को याद रखने की कोशिश करें। मेमोरी पावर मजबूत करने के लिए योग-ध्यान करें।

5 क्या मैं बूढ़ी हो रही हूं (Aging) ?

पांचवां और सबसे अहम मुद्दा है ढलती उम्र को लेकर परेशान होना। साइकोलॉजिस्ट डॉ. ईशा सिंह बताती हैं, ‘अकसर महिलाएं अपनी उम्र को घटा कर बोलेंगी या उम्र बढ़ने पर अफ़सोस जाहिर करेंगी। अपनी बर्थडे पर नेगेटिव बातें बोलेंगी। इसका सीधा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। महिलाएं हमेशा वर्तमान में जियें। उम्र बढ़ने पर सोच-विचार नहीं बल्कि सेलिब्रेट करें। अपनी उम्र को स्वीकार करें, यह बहुत लंबे अनुभवों को अपने साथ लेकर आई है। इस पर घबराने या शर्माने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।

उम्र बढ़ने पर सोच-विचार नहीं बल्कि सेलिब्रेट करें। चित्र :अडॉबी स्टॉक

अंत में

महिलाओं के पास खुद को सेलिब्रेट करने के लिए कई मुद्दे हैं। वे सृजनकर्ता हैं। पुरुषों की अपेक्षा उनकी लोंगेविटी अधिक होती है। पुरुषों की तुलना में उनके पास कपड़ों के बहुत अधिक विकल्प होते हैं। वे बढ़िया ओरेटर होती हैं। इसलिए चिंता करने की बजाय उन्हें अपने ऊपर गर्व (things are normal being a woman) करना चाहिए।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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