कम सोना या रात में बार-बार नींद खुलना शरीर के लिए हानिकारक है। इससे दिन भर मन चिडचिडा तो रहता ही है, व्यक्ति अवसाद से भी ग्रस्त हो सकता है। कम नींद के साथ-साथ ज्यादा नींद भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। ज्यादा सोने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी देखा जाता है। हृदय रोग जैसी बीमारियां (Too much sleeping side effects) भी अधिक नींद का कारण बन सकती हैं।
पूरे लाइफटाइम के दौरान जरूरी नींद की मात्रा काफी अलग हो सकती है। यह उम्र और गतिविधि स्तर के साथ-साथ सामान्य स्वास्थ्य और जीवनशैली की आदतों पर भी निर्भर करता है। तनाव या बीमारी के दौरान नींद की जरूरत ज्यादा महसूस हो सकती है। समय के साथ और हर व्यक्ति के लिए नींद की ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं। विशेषज्ञ के अनुसार, किसी भी एडल्ट को हर रात सात से नौ घंटे के बीच सोना चाहिए। यदि आप इससे बहुत अधिक सोती हैं, तो यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
जो लोग हाइपरसोमनिया से पीड़ित होते हैं, उनके लिए अधिक सोना विकार के समान है। इस स्थिति के कारण लोगों को पूरे दिन अत्यधिक नींद आती है। यह आमतौर पर झपकी लेने से दूर नहीं होती है। इसके कारण उन्हें रात में असामान्य रूप से लंबे समय तक सोना पड़ता है। हाइपरसोमनिया से पीड़ित लोग नींद के कारण एंग्जायटी, थकान, लो एनर्जी और मेमोरी लॉस जैसी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया डिसऑर्डर के कारण लोग नींद के दौरान कुछ देर के लिए सांस लेना बंद कर देते हैं। इससे भी नींद की जरूरत बढ़ सकती है। यह सामान्य नींद चक्र को बाधित करता है। अवसाद सहित अन्य चिकित्सीय स्थिति लोगों के अधिक सोने का कारण बन सकती है।
हार्वर्ड हेल्थ के अध्ययन भी बताते हैं कि हर रात बहुत देर तक या पर्याप्त नींद न लेने से मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
बहुत अधिक या बहुत कम सोने से वजन बहुत अधिक हो सकता है। मेंटल हेल्थ जर्नल के अध्ययन के अनुसार, जो लोग हर रात नौ या 10 घंटे सोते हैं, उनके छह साल की अवधि में मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना सात से आठ घंटे के बीच सोने वाले लोगों की तुलना में 21% अधिक होती है।
सिरदर्द से ग्रस्त कुछ लोगों के लिए, सप्ताहांत या छुट्टी पर सामान्य से अधिक समय तक सोना सिर दर्द का कारण बन सकता है। अधिक सोने से सेरोटोनिन सहित मस्तिष्क के कुछ न्यूरोट्रांसमीटरों पर प्रभाव पड़ने के कारण होता है। जो लोग दिन में बहुत अधिक सोते हैं और रात की नींद पूरी नहीं कर पाते हैं, वे भी सुबह सिरदर्द से पीड़ित हो सकते हैं।
सामान्य से अधिक सोने पर पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। इसके कारण पूरे शरीर में भी दर्द हो सकता है। यदि दर्द का अनुभव लगातार हो रहा है, तो डॉक्टर से जांच अवश्य कराएं।
अधिक सोने की तुलना में अनिद्रा को आमतौर पर अवसाद से जोड़ा जाता है। मेंटल हेल्थ जर्नल की स्टडी बताती है कि अवसाद से पीड़ित लगभग 15% लोग बहुत अधिक सोते हैं। अधिक सोने से डिप्रेशन और भी अधिक हो सकता है।
11 घंटे या उससे भी अधिक सोने पर कोरोनरी हृदय रोग (Too much sleeping side effects) होने की संभावना अधिक हो सकती है। हालांकि अधिक सोने और हृदय रोग के बीच संबंध का कोई कारण अब तक किसी शोध में नहीं आ पाया है।
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कस्टमाइज़ करेंएक सही रूटीन बनाएं, जसमें सोने और जागने का निश्चित समय हो। साउंड स्लीप के लिए जरूरी वातावरण हो। सप्ताहांत पर अधिक सोने (Too much sleeping side effects) से बचें। सोते वक्त गैजेट को खुद से दूर रखें। दिन में हेल्दी ईटिंग की आदत हो। झपकी लेने से बचें। दिन में एक्सरसाइज जरूर करें।
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