शरीर में दिखने लगें ये संकेत, तब आपको जरूर करना चाहिए उपवास, यहां हैं फास्टिंग के फायदे
सिडेंटरी लाइफस्टाइल और ओवरइटिंग की आदत मेटाबॉलिज्म को स्लो बना देती है। इससे शरीर को न केवल वेटगेन बल्कि कई अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। अधिक मात्रा में खाने से शरीर में कैलोरीज़ जमा होने होने लगती है और वर्कआउट (workout) न करने के चलते डाइजेस्टिव सिस्टम पर उसका असर दिखने लगता है। ऐसे में अधिकतर लोग डाइजेस्टिव प्रॉबलम्स (Digestive problem) की चपेट में आ जाते हैं और शरीर फास्टिंग का संकेत देने लगता है। जानते हैं कि शरीर फास्टिंग के लिए कौन से संकेत देता है और इसके फायदे (fasting benefits)।
कैसे पता लगाएं कि आपके शरीर को फास्टिंग की आवश्यकता है (Is your body really needs fasting)
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि हर मील में 6 घंटे का गैप अवश्य रखना चाहिए और मानसून के दिनों में खासतौर से घर का खाना ही खाएं। इससे शरीर का बीएमआई उचित बना रहता है और पेट का मेटाबॉलिक रेट भी कम हो जाता है। लगातार प्रोसेस्ड फूड खाने या फिर ओवरइटिंग करने से शरीर में कुछ ऐसे परिवर्तन नज़र आते हैं, जो फास्टिंग का संकेत (signs of fasting) देने लगते हैं।
बार बार एसिडिटी की समस्या, बर्पिंग, ब्लोटिंग और पेट में उठने वाला दर्द फास्टिंग की ओर इशारा करते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार व्यक्ति को हर 10 दिन में 1 बार डाइजेशन को इंप्रूव करने के लिए फास्टिंग करनी चाहिए। इसके अलावा आहार में प्रोटीन, वेजिटेबल और फ्रूट शामिल करने चाहिए।
क्या हैं फास्टिंग के फायदे (Benefits of fasting)
1. वेटलॉस में मददगार (Weight loss)
एनआईएच की रिसर्च के अनुसार फास्टिंग करने से शरीर में किटोसिस का उत्पादन बढ़ने लगता है। इसकी मदद से शरीर में पर्याप्त ऊर्जा के लिए जमा कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद करता है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है।
2. मेटाबॉलिज्म को करे बूस्ट (Boost metabolism)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दिनभर उपवास करने से वज़न को 9 फीसदी तक कम किया जा सकता है। वहीं 12 से 24 सप्ताह के भीतर बॉडी फैट में कमी आने लगती है। फास्टिंग से कैलोरी जमा होने की समस्या दूर होती है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होने लगता है। फासि्ंटंग में वॉटर फास्टिंग, जूस फास्टिंग और कैलोरी रिस्टरीक्शन से मदद ली जा सकती है।
3. शरीर को करे डिटॉक्स (Body detoxification)
उपवास की मदद से शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स करने के लिए एज़ाइम में वृद्धि होने लगती है। इससे शरीर में पाए जाने वाले विषैले पदार्थों से मुक्ति मिल जाती है और कब्ज व अपच का खतरा कम हो जाता है।
इन संकेतों से पहचानें की आपका शरीर है फास्टिग के लिए तैयार
1. ब्लोटिंग (Bloating)
ज्यादा मात्रा में स्पाइसी खाना खाने से पेट फूलने लगता है और पेट में बैक्टीरियल ग्रोथ की समस्या बढ़ जाती है। इसके चलते पेट में हल्का दर्द, खट्टे डकार और ब्लेटिंग का सामना करना पड़ता है। ऐसे में फास्टिंग से डाइजेशन इंप्रूव होने लगता है।
2. एसिडिटी (Acidity)
पेट में अतिरिक्त एसिड बनने से सीने में जलन बढ़ने लगती है। काफी देर तक बनी रहने वाली इस समस्या के चलते खाना निगलने में कठिनाई आती है। इससे अपच का सामना करना पड़ता है और मुंह के स्वाद में भी बदलाव आने लगता है।
फास्टिंग के लिए किन टिप्स को फॉलो करें (tips for fasting in hindi)
- मील्स लेने के लिए उनके भीतर 6 घंटे का गैप ज़रूर मेंटेन करें। इससे डाइजेशन इंप्रूव होने लगता है और खाना आसानी से पच सकता है।
- अगर आप दिनभर फास्टिंग नहीं कर सकते हैं, तो रात में सीरियल्स की जगह केवल फ्रूटस, सूप या सैलेड ले सकते हैं।
- 10 दिनों में एक बार फास्टिंग अवश्य करें। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।
- दिन में केवल दो मील्स में ही सीरियल्स को शामिल करना चाहिए। इससे वेटगेन की समस्या से बचने में मदद मिलती है।
- बाहर का खाना खाने के बाद अगले दिन फास्टिंग पर अवश्य जाएं और फास्टिंग के दौरान केवल लिक्विड डाइट ही लें।
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