कहीं ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिसके पीछे पोषक तत्वों की कमी जिम्मेदार होती है। ऐसे में कई बार पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के उचित सेवन के बाद भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। हमारे शरीर द्वारा नियमित रूप से कई ऐसे फंक्शन किए जाते हैं, जो बॉडी में पोषक तत्वों के अवशोषण में रुकावट बन सकते हैं।
वहीं कई बार शरीर के हर हिस्से तक पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं पहुंच पाता, जिसकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी असुविधाओं से बचने के लिए आपको कुछ खास और प्रभावी तरीके बताए गए हैं, जिससे कि आप अपने भूख को बढ़ावा दे सकती हैं। साथ ही साथ इससे शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण भी बढ़ता है और शरीर स्वस्थ व् संतुलित।
जनरल मेडिसिन, कंसल्टिंग फिजिशियन डॉ. कोमल कुलकर्णी ने शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं (tips to increase nutrients absorption)।
हम सभी सबसे अधिक मात्रा में प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं। अंडे और प्लांट बेस्ड फूड से प्राप्त होने वाले आयरन, मीट से प्राप्त किए जाने वाले आयरन की तुलना में शरीर में कम अवशोषित हो पाते हैं। ऐसे में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ा देता है। खास कर यह शरीर में आयरन को अवशोषित होने में मदद करता है। वहीं यदि आप चाय और कॉफी का अधिक सेवन करती हैं, तो आपके शरीर में आयरन का अवशोषण कम हो जाता है। ऐसे में इसे नियंत्रित रखें और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ विटामिन सी फूड्स जोड़ें।
यदि आप अधिक मात्रा में विटामिन लेती हैं, तो ब्लैक पेपर एक्सट्रैक्ट को अपनी डाइट चार्ट में शामिल करना आपके लिए कमाल कर सकता है। ब्लैक पेपर में मौजूद पाइपरिन कुछ प्रकार के एंजाइम को पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा बनने से रोकता है। अक्सर अपने आयुर्वेदिक और हर्बल नुस्खे में काली मिर्च के इस्तेमाल के बारे में सुना होगा। इसे शरीर में एंटी इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड के अवशोषण में सुधार करने के लिए जाना जाता है। वहीं यह करक्यूमिन के अवशोषण को भी काफी ज्यादा बढ़ा देता है, जिससे कि कई शारीरिक स्थितियों में सुधार देखने को मिल सकता है।
प्रोबायोटिक युक्त फर्मेंटेड खाद्य पदार्थ या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट लेने से गट माइक्रोबायोम में हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ता है, इससे पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है। ऐसे में खाद्य पदार्थों को डाइजेस्ट करना आसान हो जाता है और शरीर में खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्वों का अवशोषण भी बढ़ता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित रिसर्च की माने तो प्रोबायोटिक लेने से प्रोटीन का अवशोषण और यूटिलाइजेशन बढ़ जाता है। साथ ही यह कई अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित होने में भी मदद करता है। इसके साथ ही प्रोबायोटिक फाइबर जैसे की लहसुन, प्याज, केला आदि से गट माइक्रोबायोम को मेंटेन रखने में मदद मिलती है।
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नींद की कमी तमाम स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ावा देती है, क्योंकि इसकी वजह से हमारे शरीर के कई हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। स्ट्रेस, ब्लड शुगर और न्यूट्रीशन अब्जॉर्प्शन से जुड़े हॉर्मोन्स अधिक प्रभावित होते हैं। पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार आपके सोने का उचित समय शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को सुनिश्चित करता है। जब शरीर पूरी तरह से रेस्ट में होती है, तब जाकर पोषक तत्व पूर्ण रूप से अवशोषित हो पाते हैं। इसलिए 7 से 8 घंटे की नींद बेहद महत्वपूर्ण है।
बहुत सारे विटामिन, जैसे ए, डी, के, और ई, फैट में घुलनशील होते हैं, इसलिए उन्हें प्रभावी ढंग से अवशोषित करने के लिए फैटी एसिड की आवश्यकता होती है। कभी-कभी आपको ये विटामिन फैटी फूड्स (बादाम में विटामिन ई, मक्खन में विटामिन के, अंडे की जर्दी में विटामिन डी) में मिलेंगे। वहीं बहुत बार, खासकर यदि आप सप्लीमेंट ले रही हैं, तो आपको यह विवेकपूर्ण लग सकता है। विटामिन के साथ कुछ फैट का सेवन करें ताकि उन्हें आपके ब्लडस्ट्रीम में अवशोषित होने में मदद मिल सके।
अल्कोहल और ड्यूरेटिक्स (जैसे कॉफी) जैसे पदार्थ न केवल आपके पेट में पाचन एंजाइमों की संख्या को कम करने के लिए जाने जाते हैं, बल्कि वे आपके पेट के साथ-साथ आपकी आंतों की कोशिका परत को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, यह आपके सिस्टम द्वारा पोषक तत्वों को अवशोषित होने और उन्हें रक्तप्रवाह में प्रवेश करने से रोकता है।
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