बिजी लाइफस्टाइल और वर्किंग ऑवर बढ़ने के कारण अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड यानी अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के सेवन का चलन बढ़ा है। इन दिनों पालक पराठा, वेजिटेबल जूस, सब्जियां भी पैकेज्ड फ़ूड यानी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड के रूप में मिलने लगे हैं। फ़ूड को खराब होने से बचाने के लिए इन्हें बहुत अधिक प्रोसेस किया जाता है। पर ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं और कई तरह के रोगों को भी बढ़ावा देता है। जानिए कौन से फूड आते हैं अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स की श्रेणी में और यह कितने खतरनाक (ultra processed food side effects) हैं।
अनप्रोसेस्ड या न्यूनतम प्रोसेस्ड फ़ूड संपूर्ण खाद्य पदार्थ (Whole Food) होते हैं, जिनमें विटामिन और पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। खाद्य पदार्थों को स्टोर और खराब होने से बचाने के लिए इन एडिबल भागों को सबसे पहले हटा दिया जाता है। इसे सुखाकर, क्रश कर, भूनकर, उबालकर और उसे जमाकर या फिर पास्चुरीकृत करके परिवर्तन किया जाता है। अनप्रोसेस्ड या न्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (Low Processed Food) में गाजर, सेब, कच्चा चिकन, तरबूज, अनसाल्टेड नट्स भी शामिल होंगे।
जब भोजन को प्रोसेस किया जाता है, तो उसकी प्राकृतिक अवस्था बदल दी जाती है। प्रोसेस करने के दौरान इसमें अनिवार्य रूप से नमक, तेल, चीनी और अन्य पदार्थ मिलाए जाते हैं। कैन वाली मछली या कैन वाली सब्जियां, फ्रूट सिरप ताज़ी बनी ब्रेड भी इसमें शामिल हैं। अधिकांश प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में दो या तीन सामग्रियां होती हैं।
कुछ खाद्य पदार्थ अल्ट्रा प्रोसेस किये जाते हैं। इनमें चीनी, नमक, वसा और आर्टिफिशियल कलर, टेस्ट या स्टेबलाइजर्स और प्रीजर्वेटिव एड किये जाते हैं। अल्ट्रा- प्रोसेस खाद्य पदार्थ ज्यादातर खाद्य पदार्थों से निकाले गए वसा, स्टार्च, अतिरिक्त शर्करा (Added Sugar) और हाइड्रोजनीकृत वसा (Hydrogenated Fat) से बने होते हैं। फ्रीज़ किये हुए भोजन, कोल्ड ड्रिंक, हॉट डॉग, कोल्ड कट्स, फास्ट फूड, पैकेज्ड कुकीज़, केक और नमकीन स्नैक्स अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड (ultra processed food side effects) हैं ।
हार्वर्ड हेल्थ सहित कई स्टडी बताती है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ में इस्तेमाल किये जाने वाले एडेड शुगर, आर्टिफिशियल कलर मोटापे, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप (ultra processed food cause hypertension), टाइप 2 मधुमेह और कोलन कैंसर के जोखिम को बढ़ा देते हैं। हार्वर्ड हेल्थ द्वारा 22,000 से अधिक लोगों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि जो लोग बहुत अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाते हैं, उनमें कम अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाने वाले लोगों की तुलना में लोंगिविटी कम हो जाती है। हृदय रोग से मरने का जोखिम भी 30 प्रतिशत से अधिक हो जाता (ultra processed food side effects) है।
जर्नल ऑफ़ बीहेवियरल एडिक्शन के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड में मौजूद केमिकल भोजन खाने के बाद मिलने वाली तृप्ति को घटा देते हैं। व्यक्ति बहुत अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड खाने के बावजूद भूखा महसूस करता है। इससे भोजन संबंधी विकार (Eating Disorder) होने की संभावना बढ़ जाती है। ईटिंग डिसऑर्डर शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर बुरा प्रभाव डालता है।
अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन ने 2013 में एक सर्वे किया। इसमें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड को लगभग एक दर्जन ईटिंग डिसऑर्डर के लिए जिम्मेदार पाया गया। इनमें एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia Nervosa), बुलिमिया नर्वोसा (bulimia nervosa ) के साथ-साथ अत्यधिक खाने (Binge Eating Disorder) को भी बढ़ाने वाला पाया गया (ultra processed food side effects) है। ईटिंग डिसऑर्डर वाले व्यक्ति में अक्सर एंग्जायटी और डिप्रेशन और मूड स्विंग जैसी मानसिक स्थितियों का जोखिम तो बढ़ ही जाता है।
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