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Unhappy Partner : जानिए क्यों जरूरी है अपने पार्टनर के दुख को समझना और उसे ठीक तरह से डील करना

आप दोनों जब एक साथ जीने का फैसला करते हैं, तो सिर्फ कमरा और बिस्तर ही नहीं, जीवन के प्रति सोच में भी साझेदार बनते हैं। रिश्ते में अगर एक भी पार्टनर किसी तरह के तनाव या नकारात्मक भावनाओं से गुजर रहा है, तो उसे समझना जरूरी है।
आप अपने पार्टनर की मेंटल हेल्थ को समझें और उचित समाधान तलाशें ( tips to deal with unhappy partner) चित्र : एडॉबीस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 27 Dec 2023, 17:00 pm IST
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जहां एक ओर नए साल को लेकर लोगों में उत्साह नज़र आ रहा है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी है, जो जीवन में खुशियों की तलाश करने की जगह हर दम नकारात्मकता से घिरे रहते हैं। हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसी सिचुएशन ज़रूर आती है, जब वो आत्म नियंत्रण खो देता है। ज़रा सोचें कि अगर आप एक ऐसे साथी के साथ जीवन बिता रहे हैं, जो हर वक्त नकारात्मक विचारों से घिरा रहता हो, तो आपका जीवन भी बहुत शांतिमय रहने वाला नहीं है। अपने आसपास और अपने विचारों से दुखी लोग मूड स्विंग के शिकार होते हैं। उसका असर उनकी निजी जिंदगी और रिश्तों पर भी पड़ने लगता है। स्वभाविक है ऐसे पार्टनर के साथ आपकी मैरिड लाइफ भी तनावपूर्ण हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने पार्टनर की मेंटल हेल्थ को समझें और उचित समाधान तलाशें ( tips to deal with unhappy partner)

व्यक्तिगत संबंधों के प्रभावित होने से उसका असर मेंटल हेल्थ पर भी दिखने लगता है। स्वाभाविक है कि अगर आपका पार्टनर परेशान होगा, तो उसका असर आपकी मानसिक स्थिति पर भी पड़ने लगेगा। सागा जर्नल की अक्टूबर 2023 की एक रिसर्च के अनुसार अगर आपका पार्टनर हर पल परेशान रहता है, तो उससे साथ ही पॉजिटिव अप्रोच भी धीरे धीरे निगेटिव होने लगती है। इस बारे में साइकेटरिस्ट डॉ पार्थ नागदा का कहना है कि अगर आपके आसपास कोई व्यक्ति परेशान है या मानसिक विकार का शिकार है, तो उसका प्रभाव अन्य लोगों पर भी दिखने लगता है।

आपके आसपास कोई व्यक्ति परेशान है या मानसिक विकार का शिकार है, तो उसका प्रभाव अन्य लोगों पर भी दिखने लगता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

जानें नकारात्मक भावनाएं किस प्रकार रिश्तों को प्रभावित करती हैं

नकारात्मक भावनाओं से बहुत बार वाद-विवाद और गलतफहमी बढ़ने का खतरा बना रहता है। इसका असर आपसी बातचीत पर भी नज़र आने लगता है। भावनाओं में परिवर्तन आने लगता है। हर वक्त दुखी रहने वाला व्यक्ति अपने आचरण से अपने साथी की भावनाओं को आहत कर, उसे भी परेशान करने लगता है।

टॉक्सिक पार्टनर के साथ रहने से दूसरे साथी की मानसिक स्थिति प्रभावित होती है। अब उसका आचरण भी निगेटिव होने लगता है, जो बर्नआउट का कारण बनता है। वो साथी जो हर पल सकारात्मक और खुश रहता है, वह भी हर तरह की कोशिश के बावजूद पार्टनर को खुश रख पाने में नाकाम साबित होता है।

अगर आपका पार्टनर भावनात्मक रूप से परेशान है, तो ये टिप्स आपको इस स्थिति को डील करने में मदद करेंगी

1. खुलकर बातचीत करें

डॉ नागदा कहते हैं कि अपने साथी की समस्या को समझने के लिए उनसे खुले तौर पर बातचीत करें। साथ ही उसे अपनी बातों को स्पष्टता के साथ ज़ाहिर करने का मौका भी दें। उनकी बातों को ध्यान से सुनें और जीवन में उनके उद्देश्यों को समझें और उनळें पूरा करने में मदद करें। इसके अलावा पार्टनर के जीवन में ज्यादा हस्तक्षेप करने से भी बचें।

2. सहानुभूति और समझ बनाए रखें

अगर आपका पार्टनर निगेटिव है, तो उसके दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करें। उसके इमोशंस की केयर करें और उन्हें स्वीकार भी करेंं। इसके अलावा उनके जीवन के अनुभवों को सुनें व समझें और सहानुभूति बनाए रखें। जीवन में परेशानी के कारण को खोजें। अगर पार्टनर की लाइफ में कोई चैलेंज हैं, तो मिलकर उससे डील करें।

3. दोष देने और जल्दबाज़ी में कोई भी निर्णय लेने से बचें

पार्टनर की मानसिक स्थिति का ख्याल रखें और उसके नकारात्मक व्यवहार को हर पल मुद्दा बनाकर उसे दोष देने से बचें। इससे रिश्तों में दूरिया बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में पार्टनर का साथ दें और उसका आलोचना अन्य लोगों से करने से बचें। इस बात को कतई नहीं भूलना चाहिए कि जीवन में हर व्यक्ति कभी न कभी नाजु़क दौर से होकर गुज़रता है। उस वक्त उसका साथ देना ज़रूरी है।

हर व्यक्ति कभी न कभी नाजु़क दौर से होकर गुज़रता है। उस वक्त उसका साथ देना ज़रूरी है।। चित्र- अडोबी स्टॉक

4. भावनाओं की कद्र करें

अपने साथी की भावनाओं को समझें और उसे प्रोत्साहित करें, ताकि वो आगे बढ़ने में सक्षम हो पाए। उसकी चिंताओं और परेशानियों के कारण को खोजकर हल करने का प्रयास करें। साथ ही अनहैप्पी पार्टनर की भावनाओं की कद्र करना सीखें।

5. मनोचिकित्सक की सलाह लें

अगर आपका पार्टनर दिनरात परेशानी में गुज़ार रहा है, तो बिना वक्त् गवाएं मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक से सलाह लें। बढ़ रहा तनाव किसी मेंटन डिसऑर्डर का कारण साबित हो सकता है। ऐसे में अपने पार्टनर को डिप्रेशन में जानें से बचाएं।

6. कम्युनिकेशन गैप को कम करें

हो सकता आपके पास होने वाली वक्त की कमी रिश्ते में उलझन का कारण बन रही हो। ऐसे में अपने पार्टनर की खुशी को बनाए रखने के लिए उसके साथ वक्त बिताएं और घूमने फिरने जाएं। इससे कम्यूनिकेशन गैप कम होने लगता है।

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लोग अनुमान के दम पर आपके रिश्ते के लिए सुझाव देते हैं। अपने रिश्ते को वक्त दें और खुशहाल बनाएं। चित्र : एडोबी स्टॉक

7. सेल्फ केयर के लिए प्रोत्साहित करें

अपने साथी को उनकी शारीरिक और मानसिक देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करें। नियमित व्यायाम, क्वालिटी स्लीप और हेल्दी रूटीन को फॉलो करने में उनकी मदद करें। इससे आपके संबधों में मज़बूती बढ़ने लगती है।

8. धैर्य बनाए रखें

किसी भी रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए वक्त की ज़रूरत होती है। ऐसे में हेल्दी रिलेशनशिप को मेंटेन रखने के लिए पेशेंस बनाए रखें और बार बार पार्टनर की नाखुशी की चर्चा अन्य लोगों से करने से भी बचें।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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