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Breathing Exercise : तनाव कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है ब्रीदिंग एक्सरसाइज, जानिए ये कैसे काम करती हैं

मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालता है तनाव। शोध बताते हैं कि सांस पर नियंत्रण यानी ब्रीदिंग एक्सरसाइज मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं को मैनेज करने में मदद करता है।
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क्राउन चक्र को रिएनर्जाइज़ करने के लिए प्राणायाम करें। इसके लिए कुछ देर नाड़ी शोधन कर मन को शांत करने का प्रयास करें । चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Mar 2024, 11:22 am IST
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पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों जगह होता है तनाव। सांस को नियंत्रित करने से तनाव और तनाव संबंधित अन्य कई स्थितियों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। सांस पर नियंत्रण करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योगासन और ध्यान के अभ्यास भी मदद कर सकते हैं। तनाव को कम करने में मदद करने और रिलैक्स को बढ़ावा देने के लिए सांस का उपयोग किया जा सकता है। हालिया अध्ययन भी इस ओर इशारा करते हैं कि ब्रीदिंग एक्सरसाइज तनाव से राहत दिलाने में मदद (breathing exercise to reduce stress) करते हैं।

क्या कहती है स्टडी (Study on stress)

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की मासिक मेडिकल जर्नल है जेएएमए नेटवर्क। जेएएमए नेटवर्क जर्नल में तनाव पर की गई स्टडी को प्रकाशित किया गया। अध्ययन में पाया गया कि अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों की तुलना में ब्रीदिंग एक्सरसाइज तनाव, अवसाद और एंग्जाइटी को काफी कम कर देता है। इसमें ध्यान केवल इतना दिया जाना है कि रिद्म के साथ सांस लिया जाना है।

वायु प्रवाह  को नियंत्रित करती है

इसमें गले को छूने वाली सांस की सचेत अनुभूति का अनुभव करना शामिल है। प्रति मिनट दो से चार सांसों की धीमी सांस तकनीक वायुमार्ग प्रतिरोध को बढ़ाती है और वायु प्रवाह (airflow) को नियंत्रित करती है। स्टडी के अनुसार, भस्त्रिका इसमें सबसे अधिक कारगर है, जहां प्रति मिनट 30 सांस की दर से हवा को तेजी से अंदर लिया जाता है और जोर से बाहर निकाला जाता है।इसके अलावा, वज्रासन या साधारण बैठने की मुद्रा वेगस नर्व पर प्रभाव डालती है।

वेगस नर्व पर प्रभाव डालता है भस्त्रिका और वज्रासन (Bhastrika and Vajrasana impact on vagus nerve)

यह वेगस तंत्रिका (Vagus nerve) के माध्यम से काम करता है। यह मस्तिष्क से शुरू होती है और शरीर के विभिन्न हिस्सों तक जाती है। यह हृदय गति में कमी, ब्लड वेसल्स, हृदय की गतिविधि, फेफड़े और पाचन तंत्र, लिवर और प्रतिरक्षा प्रणाली रेगुलेशन का ख्याल रखता है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सेंसिटिविटी, गतिशीलता और सूजन को नियंत्रित करता है। सांस एकमात्र सचेतन गतिविधि है, जो वेगस नर्व से जुड़ी है।

वज्रासन या साधारण बैठने की मुद्रा वेगस नर्व पर प्रभाव डालती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

वज्रासन या साधारण बैठने की मुद्रा वेगस नर्व पर प्रभाव डालती है। ये आसन डायजेस्टिव और सर्कुलेशन सिस्टम के लिए अच्छा माना जाता है।

कैसे करें भस्त्रिका (How to do Bhastrika)

  1. अपनी पसंदीदा मुद्रा में आराम से बैठें। पूरे शरीर को आराम देते हुए बैकबोन और सिर एक सीधी रेखा में होने चाहिए।
  2. लगातार सांसों पर नजर रखें और मन को सांसों पर केंद्रित करें। जोर-जोर से सांस छोड़ने से शुरुआत करें। इसके तुरंत बाद जोर-जोर से सांस अंदर लें। ज़ोरदार सांस लेने और छोड़ने की श्रृंखला जारी रखें।
  3. इसके साथ-साथ पेट, डायाफ्राम और चेस्ट भी मोशन में रहते हैं। प्रत्येक सांस छोड़ने के साथ पेट की मांसपेशियां पेट को अंदर खींच लेती हैं। डायाफ्राम फेफड़ों को खींचता है।
  4. जैसे ही आप सांस लें, पेट की मांसपेशियां पेट को बाहर की ओर धकेल लेंगी। डायाफ्राम नीचे की ओर बढ़ेगा, जिससे फेफड़ों को पूरी तरह फैलने के लिए जगह मिलेगी।
  5. शुरुआत में 25 गिनती से शुरू करें, फिर इसे 50 और यहां तक कि 100 तक बढ़ाएं।
जैसे ही आप सांस लें, पेट की मांसपेशियां पेट को बाहर की ओर धकेल लेंगी। चित्र : अडोबी स्टॉक

कैसे करें वज्रासन (How to Vajrasana)

  1. घुटने टेक कर बैठ जाएं।
  2. घुटनों को एक-दूसरे के नजदीक लाएं और काफ के बीच बैठ जाएं।
  3. जितना हो सके पैरों को हिप्स के करीब लाएं। सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ सीधी हो।
    अपने आर्म को आगे की ओर फैलाएं। घुटनों को हथेलियों से ढकने के लिए (breathing exercise for stress) लाएं।
  4. शुरुआत में 2 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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