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आपकी वेजाइना को नुकसान पहुंचा सकते हैं बिकनी एरिया ब्लीचिंग प्रोडक्ट, जानिए इनके नुकसान

बीते कुछ सालों में वेजाइनल ब्लीचिंग खूब लोकप्रिय हो रही है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि वेजाइना की डार्क स्किन को लाइट करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ब्लीचिंग है कितनी सेफ।
हो सकती है गंभीर समस्याएं। चित्र: शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 4 Aug 2023, 21:00 pm IST
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ब्यूटी के इस दौर है स्किन के कलर को लेकर लोग अक्सर कॉशियस रहते हैं। बीते कुछ सालों में वेजाइनल ब्लीचिंग (vaginal bleaching) लोगों में खूब लोकप्रिय हो रही है। दरअसल, शेव करके प्यूबिक हेयर (pubic hair) को हटाने से स्किन का रंग धीरे धीरे डार्क होने लगता है। इससे महिलाएं खुद को कंर्फटेबल महसूस नहीं करती हैं। हांलाकि लोग बड़ी तादाद में इस ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं, मगर इससे आपकी स्किन को कई प्रकार से नुकसान भी पहुंच सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि वेजाइना की डार्क स्किन (Dark skin) को लाइट करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ब्लीचिंग है कितनी सेफ (Risks of vaginal bleaching) ।

कई प्रकार की क्रीम, लेज़र उपचार और केमिकल पील की मदद से बिकनी एरिया पर की जाने वाली ब्लीच स्किन के लिए कई तरह से नुकसानदायक है। इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रितु सेठी का कहना है कि इससे स्किन बर्न, सूजन, इचिंज और रैशेज का जोखिम बढ़ने लगता है। अगर आप ये उपचार लेती हैं, तो इसका प्रभाव क्लीटोरिस पर भी दिखने लगता है। क्लीटोरिस पर भी घाव बनने का खतरा रहता है जिससे अराउजल के दौरान आपको दर्द का सामना करना पड़ता है।

कई प्रकार की क्रीम, लेज़र उपचार और केमिकल पील की मदद से बिकनी एरिया पर की जाने वाली ब्लीच स्किन के लिए कई तरह से नुकसानदायक है। चित्र : शटरस्टॉक

हार्श केमिकल्स का किया जाता है इस्तेमाल

वेजाइना पर ब्लीच करने के लिए तैयार किए गए प्रोडक्टस में कई प्रकार के हानिकारक तत्वों को प्रयोग किया जाता है। इसमें मरकरी, हाइड्रोक्विनोन और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया जाता है। इससे स्किन के रंग में बदलाव दिखने लगता है, मगर कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम बढ़ने लगते हैं। लॉंग टर्म रिजल्टस को देखते हुए वजाइनल ब्लीच हमारी स्किन को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा सकती है।

जानते हैं वजाइनल ब्लीच से होने वाले नुकसान के बारे में

1. बर्निंग सेंसेशन का बढ़ना

वेजाइना पर ब्लीच करने के बाद आपकी स्किन पर बर्निगं सेंसेशन होने लगती है। इससे वेजाइना पर स्कार बनने का खतरा रहता है। ये स्कार लंबे वक्त तक पेनफुल बना रहता है। ब्लीच के बाद स्किन पर निरंतर खुजली और जलन महसूस होने लगती है। ऐसे में आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।

बढ़ जाती है वेजाइना संबंधी परेशानियां। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. बैक्टीरियल इंफेक्शन

हर व्यक्ति की स्किन एक दूसरे से भिन्न है। ब्लीचिंग से वेजाइनल इरिटेशन बढ़ने लगती है। इसके चलते बैक्टीरियल इंफेक्शन का जोखिम भी दोगुना हो़ जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक स्किन पर पैच टेस्ट करने के बाद ही इसे इस्तेमाल करना चाहिए। सेंसिटिव स्कीन वाले लोगों को इस तरह के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

3. वॉल्वा इरिटेशन

बिकनी एरिया पर खुजली और दर्द के अलावा वॉल्वा में इरिटेशन महसूस होने लगती है। इससे स्किन पर रेडनेस नज़र आने लगती है, जिससे सूजन का भी खतरा रहता है। इसके अलावा वॉल्वा में पेन रहने लगती है। वेजाइनल एरिया को हेल्दी बनाए रखने के लिए इस तरह के उपचार से दूर रहें और शेव की मदद से ही बालों को क्लीन करें।

4. स्किन एलर्जी

होर्मोनल इंबैलेंस और उम्र बढ़ने के कारण वेजाइना के रंग में परिवर्तन नज़र आने लगता है। अगर आप ब्लीचिंग का सहारा लेते हैं, तो इससे एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है। इससे स्किन पर सूजन और रैशेज उभरने लगते हैं। इसके चलते आपको कपड़े पहनने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जानें वेजाइना में दर्द होने के कारण। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. क्लिटोरिस पर घाव का खतरा

क्लिटोरल हुड को आर्गेज्म का पावरहाउस माना जाता है। अगर इस पर किसी प्रकार का घाव या जलन होती है, तो उससे सेक्सुअल लाइफ भी प्रभावित होने लगती है। अराउज़ल के वक्त पेन का अनुभव रहता है। वहीं ब्लीचिंग या लेसर उपचार से कई बार सेंसेशन होना बंद हो जाता है। इसके अलावा छूने पर दर्द भी महसूस होने लगता है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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