Clitoris Anatomy : बेहतर ऑर्गेज्म प्राप्त करना है तो पहले जान लें क्लिटोरिस से जुड़े ये जरूरी फैक्ट्स

क्लिटोरिस फीमेल सेक्सुअल पार्ट का एक सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह महिलाओं को उत्तेजित करने के साथ ही ऑर्गेज्म तक पहुंचने में मदद करता है।
Clitoris ki aapki sex life mein important role hai
क्लिटोरिस की आपकी सेक्स लाइफ में महत्वपूर्ण भूमिका हैं। चित्र:शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 30 May 2023, 09:00 pm IST
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हमे सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के बारे में तो बहुत कुछ बताया जाता है परंतु प्लेजर ओर ऑर्गेज्म के बारे में लोग अभी भी खुलकर बात नहीं कर पाते। बात जब महिलाओं के ऑर्गेज्म की आती है तो वे खुद इस बारे में बात करने में संकोच महसूस करती हैं। इसमें संकुचित होने वाली कोई बात नहीं है।

ज्यादातर महिलाओं को क्लीटोरिस स्टिम्युलेट करने से ऑर्गेज्म प्राप्त होता है। परंतु क्या आप क्लीटोरिस के बारे में सब कुछ जानती हैं? कई महिला ऐसी भी हैं जिन्हें क्लीटोरिस के बारे में बहुत कम जानकारी होती है। तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे क्लीटोरल से जुड़े कुछ जरूरी फैक्ट्स (Clitoris Anatomy)। इस विषय पर खुल कर बात करें और अपने प्लेजर को इंजॉय करें।

हमने इस बारे में वॉकहार्ड्ट हॉस्पिटल, मुंबई में प्रसूति एवं गाइनीकोलॉजिस्‍ट डिपार्टमेंट में कंसल्‍टेंट डॉ. गंधली देवरुखकर पिल्‍लई से बातचीत की। तो चलिए जानते हैं इस पर क्या कहते हैं डॉक्टर।

क्लिटोरिस क्या है?

क्लिटोरिस वेजाइना का एक हिस्सा है और यह सेक्स के दौरान प्लेजर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप इसके बाहरी हिस्से को पहचान सकते हैं, जो लेबिया के शीर्ष के पास मटर के दाने के आकार में नव जैसा दिखता है।

अपने प्लेजर को इंजॉय करें। चित्र : शटरस्टॉक

कहां होता है क्लिटोरिस?

क्लिटोरिस वल्वा के टॉप पर लोकेटेड होता है। वल्वा आपके इंटिमेट पार्ट्स के बाहरी हिस्सों को संदर्भित करता है, जिसमें योनि, क्लिटोरिस, लैबिया (योनि के चारों ओर त्वचा की परतें), और यूरिनरी ट्रैक (जहां से पेशाब निकलता है) शामिल है।

एक्सटर्नल एनाटॉमी

भगशेफ यानी कि क्लिटोरिस के बाहर, क्लिटोरल हुड जो कि त्वचा है, जो ग्लान्स को कवर और संरक्षित करती है। ग्लान्स एक छोटी संरचना है जो डोर्सल नर्व (जो शरीर के अंदर फैली हुई है) के माध्यम से आपको सेक्सुअली उत्तेजित करती है।

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इंटर्नल एनाटॉमी

भगशेफ आपके सोच से कहीं अधिक बड़ा हो सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार यह लंबाई में 9 से 11 सेंटीमीटर मापता है और इसका अधिकांश भाग शरीर के अंदर होता है। बॉडी, रुट, क्रुरा और वेस्टिबुलर बल्ब्स यह सभी क्लिटोरिस आंतरिक भाग हैं।

यहां हैं क्लिटोरिस से जुड़े कुछ जरूरी फैक्ट्स

1. क्लिटोरिस में होते हैं विभिन्न नर्व

वल्वा के सभी अन्य पार्ट्स में से क्लिटोरिस में सबसे अधिक नर्व होते हैं जो इसे अधिक सेंसिटिव बनाते हैं। रिसर्च में सामने आया कि क्लिटोरिस ग्लान्स पर लगभग 8000 नर्व एंडिंग होते हैं, इसीलिए इसे प्लेजर का पावरहाउस कहा जाता है।

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इसे प्लेजर का पावरहाउस कहा जाता है। चित्र शटरस्टॉक।

2. हर किसी की क्लिटोरिस अलग-अलग होती है

प्रत्येक महिला को सेटिस्फेक्शन महसूस करने के लिए अलग-अलग तरह की उत्तेजना की आवश्यकता होती है, जो उनके अद्वितीय जीव विज्ञान पर निर्भर करता है। क्लिटोरिस संवेदनशील है इसका मतलब यह नहीं कि हर कोई इसे सीधे उत्तेजित करना चाहता है, कुछ महिलाएं सीधा क्लिटोरिस को छूने की जगह इसके आसपास के एरिया को छू कर खुद को उत्तेजित करती है।

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3. क्लिटोरिस उम्र के साथ बढ़ सकता है

हालांकि, आपके क्लिटोरिस का आकार आपके यौन जीवन को प्रभावित नहीं करता है। आपके जीवनकाल में क्लिटोरिस के आकार में बदलाव आ सकता है। मेनोपॉज के बाद हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण कई लोगों की क्लिट बढ़ सकती है। यदि समय के साथ आपके क्लिटोरिस के आकार में कुछ अंतर दिखाई देता हैं, तो चिंतित न हों।

4. क्लिटोरिस भी हो सकती है इरेक्ट

यदि आप इरेक्शन की बात कर रही हैं, तो केवल पेनिस ही नहीं बल्कि क्लिटोरिस भी इरेक्ट हो सकती है। हो सकता है आपने इसे कभी नोटिस न किया हो परंतु यदि आप इसे ऑब्जर्व करेंगी तो इसे महसूस कर सकती हैं। यह तब होता है जब वेस्टिबुलर बल्ब कामोत्तेजना के दौरान रक्त से भर जाता है। ब्लड तब तक भरा रहता है जब तक कि इसे ऑर्गेज्म के माध्यम से रिलीज न किया जाए।

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इरेक्ट हो सकती है आपकी क्लिटोरिस। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. क्या क्लिटोरिस ही है असल जी स्पॉट

हम सभी ने कभी न कभी जी स्पॉट के बारे में जरूर सुना होगा। यह क्लीटोरिस का एक हिस्सा है। जी स्पॉट वैजाइना के अंदर होता है, जिससे महिलाओं को ऑर्गेज्म प्राप्त करने में मदद मिलती है। जर्नल ऑफ़ सेक्स एंड मैरिटल थेरेपी द्वारा प्रकाशित रिसर्च की माने तो इंटरकोर्स के दौरान बहुत कम महिलाएं ऑर्गेजम तक पहुंच पाती हैं।

स्टडी में देखा गया कि वेजाइनल इंटरकोर्स से केवल 6% महिलाओं ने ही ऑर्गेजम प्राप्त किया। वहीं दूसरी स्टडी में 18% महिलाओं ने वेजाइनल इंटरकोर्स के दौरान ऑर्गेज्म का अनुभव किया। परंतु की गई दूसरी एक स्टडी के अनुसार जिन महिलाओं ने वेजाइनल इंटरकोर्स के दौरान क्लिटोरिस स्टिमुलेशन को भी अपने सेक्स का हिस्सा बनाया उनमें से 70% तक महिलाओं ने ऑर्गेज्म प्राप्त किया।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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