बारिश मन और तन को ठंडक प्रदान करती है। यह ख़ुशी के साथ-साथ नमी और उमस भी अपने साथ लेकर आती है। इसके कारण कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। खासकर महिलाओं के लिए यह महीना विशेष सतर्कता बरतने का महीना है। इस दौरान योनि और मूत्र संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। वातावरण में मौजूद नमी बैक्टीरिया और फंगल विकास को तेज कर देती है। विशेषज्ञ बताती हैं कि इस मौसम में वेजाइनल केयर (Vaginal Care in Monsoon) के लिए कुछ उपाय अपनाना जरूरी है।
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गायनेकोलोजिस्ट और ओब्स्टेट्रीशियन डॉ. रश्मि बालियान बताती हैं, ‘नमी और उमस अधिक होने के कारण योनि में संक्रमण होने की संभावना अन्य मौसम की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है। महिलाएं टाइट अंडरवियर और पैंट या ट्राउजर में लगातार कई घंटों तक ऑफिस या घर पर काम करती रहती हैं।
गर्मी और नमी बैक्टीरियल वेजिनोसिस, क्लैमाइडियल इन्फेक्शन, गोनोरिया, कैंडिडिआसिस, ट्राइकोमोनिएसिस जैसे संक्रामक रोगों की संभावना कई गुना बढ़ा देती है। वहीं स्वच्छता का ख्याल नहीं रखने और तेज गंध वाले स्प्रे योनि को संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना देते हैं। आलस के कारण लंबे समय तक एक ही टैम्पून या सेनेटरी पैड का प्रयोग खतरे को बढ़ा सकता है।’
डॉ. रश्मि के अनुसार, इन्फेक्शन के कारण योनि स्राव, योनि में खुजली, रेड रैशेज, सूजन, इरिटेशन, योनि में दर्द हो सकता है। यूरिन पास करते समय या संभोग के दौरान जलन भी हो सकती है। मेनोपॉज महिलाओं में हार्मोन की अनुपस्थिति के कारण योनि शुष्क हो जाती है। इससे योनि में खुजली और जलन हो सकती है। एस्ट्रोजन क्रीम इन लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
सबसे पहले मानसून में योनि की स्वच्छता बनाए रखना सबसे अधिक जरूरी है। योनि को गुनगुने पानी से साफ करें। सुगंधित साबुन का प्रयोग कभी नहीं करें। दिन में एक या दो बार योनि को साफ करें। इसे अंदर से साफ न करें, क्योंकि इससे सुरक्षात्मक बैक्टीरिया नष्ट हो सकता है। यूरिन पास करने के बाद योनि को धोकर पोंछ लें। एनस से बैक्टीरिया को योनि में प्रवेश करने से रोकने के लिए आगे से पीछे तक के क्षेत्र को साफ करें।
प्यूबिक हेयर बैक्टीरिया के प्रसार को रोककर सुरक्षात्मक भूमिका निभाते हैं। इस तरह संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। यह सेक्स के दौरान फ्रिक्शन को भी कम करता है। यह बैक्टीरिया के संचरण को भी रोकता है। इसलिए बारिश के दौरान प्यूबिक हेयर को बार-बार शेव नहीं करें। हेयर को ट्रिम भी नहीं करें। सेक्स के बाद योनि क्षेत्र को साफ करें। फीमेल हाइजीन वॉश के इस्तेमाल से बचें।
कपड़े से आसानी से हवा आने-जाने वाले कपड़े पहनें। कॉटन अंडरवियर का प्रयोग करें। टाइट लोअर या शॉर्ट्स या स्किनी जींस पहनने से बचें। तंग या टाइट कपड़े हवा के प्रवाह को कम कर सकते हैं। इससे जलन और इरिटेशन होने का खतरा बढ़ सकता है। अधिक समय तक गीले कपड़े न पहनें। ये योनि क्षेत्रों में पसीना बनाए रखते हैं और त्वचा में संक्रमण बढ़ाते हैं। उमस और बारिश में पसीना अधिक आने के कारण योनि को संक्रमण से बचाव करना सबसे अधिक जरूरी है। सांस लेने योग्य कपड़े जननांगों को हवादार और सूखा रहने में मदद करते हैं।
नमी बरकरार रहने के कारण यह बैक्टीरिया और पैथोजन्स के लिए प्रजनन स्थल के रूप में कार्य करता है। यह योनि संक्रमण की घटनाओं को बढ़ाता है। पीरियड के दौरान स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है। सैनिटरी पैड को हर 4 घंटे में और टैम्पोन को हर 2 घंटे में बदलें, चाहे कितना भी कम गीला क्यों न हुआ हो। हर 8 घंटे में पीरियड कप बदलें। सुगंधित पैड का प्रयोग न करें। टैम्पोन योनि में सूखापन पैदा कर सकता है और संक्रमण की घटना को बढ़ा सकता है। इसलिए मेन्स्ट्रूअल कप का प्रयोग करना चाहिए।
बारिश में पसीना के कारण शरीर से पानी और नमक तेजी से खत्म होते हैं। इसलिए हर दिन कम से कम 2 से 3 लीटर पानी का सेवन करें। यह योनि और यूरिन संक्रमण दोनों को दूर रखता है। योनि का पीएच बनाए रखने के लिए दही खाएं। खुद को संक्रमण से बचने के लिए कंडोम का प्रयोग करें।
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