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Moon Salutation: धूप की तरह चांदनी भी है सेहत के लिए जरूरी, चंद्र नमस्कार के इन 14 स्टेप्स के साथ लें इसका फायदा

सूर्य नमस्कार की तरह चंद्र नमस्कार भी पूरे शरीर को फायदा पहुंचाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इसे सही तरीके से किया जाये तो यह तनाव दूर कर पूरे शरीर को फिट रख सकता है।
चंद्र नमस्कार का अभ्यास शाम या रात में बढ़िया तरीके से किया जाता है। चित्र : पेक्सेल्स
स्मिता सिंह Published: 27 Nov 2023, 20:00 pm IST
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चंद्र नमस्कार (Moon Salutation) दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘चंद्र’ का अर्थ है ‘चंद्रमा’ और ‘नमस्कार’ का अर्थ है ‘नमस्कार करना’। चंद्र नमस्कार का अभ्यास सूर्य नमस्कार की तरह किया जाता है। आसनों का क्रम सूर्य नमस्कार के समान है। चंद्र नमस्कार में अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) अश्व संचलानासन (Ashwa Sanchalanasana or Horse riding pose) के बाद किया जाता है।
अर्ध चंद्रासन एक महत्वपूर्ण आसन है। यह एकाग्रता और संतुलन विकसित करता है। शुरुआत में चंद्र नमस्कार सूर्य नमस्कार की तुलना में अधिक कठिन लग सकता है। इसमें श्वास लेना, छोड़ना और सांस रोकना सभी क्रम में लंबे समय तक चलते हैं। चंद्र नमस्कार पूरे शरीर को फायदा (moon salutation benefits) पहुंचाता है।

क्या है आसन करने का सही समय (When to do moon salutation)

चंद्र नमस्कार का अभ्यास शाम या रात में बढ़िया तरीके से किया जाता है। खासकर जब चंद्रमा दिखाई दे। यह जरूरी है कि इन आसनों का अभ्यास करने से पहले पेट खाली हो।

कार्तिक पूर्णिमा 2023 (Kartik Poornima 2023)

27 नवंबर 2023 को कार्तिक पूर्णिमा है। इस दिन फुल मून (Full Moon) रहता है। चंद्रमा की रोशनी या चांदनी भी स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लाभप्रद है। फुल मून में ध्यान-योग करने से तनाव दूर (moon salutation benefits) होता है। मन रिलैक्स होता है और शांति मिलती है।

चंद्र नमस्कार के फायदे (Chandra Namaskar Benefits)

मून सेलूटेशन यानी चंद्र नमस्कार (moon salutation benefits) आपको ऊर्जा से भरपूर बना सकता है। स्ट्रेस में होने या मन में किसी प्रकार की उथल-पुथल होने पर यह दिमाग को शांत करता है। यह मन और तन दोनों को आराम और सुकून प्रदान करता है। चंद्र नमस्कार रीढ़, हैमस्ट्रिंग, पैरों के पिछले हिस्से और पेट की मांसपेशियों में भी खिंचाव और मजबूती लाता है। यह ब्लड सर्कुलेशन, श्वसन और पाचन तंत्र के कामकाज को भी संतुलित करता है।

यहां हैं  इसे करने का सही तरीका (How to do Chandra Namaskar)

स्टेप 1 : प्रणामासन (Prayer pose)

सांस छोड़ें। पैरों को मिलाकर और आंखें बंद करके सीधे खड़े हो जाएं। अपनी हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में अपनी छाती के सामने एक साथ रखें। पूरे शरीर को आराम दें।

अपनी हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में रखें। चित्र : अडोबी स्टॉक

स्टेप 2 : हस्त उत्तानासन (Raised Arm Pose)

सांस लें। बाजुओं को कंधे की चौड़ाई से दूर रखते हुए सिर के ऊपर उठाएं। भुजाओं, सिर और धड़ को थोड़ा पीछे की ओर झुका लें। कमर में दर्द हो तो पीछे न झुकें। केवल धड़ को सीधा रखते हुए बाजुओं को ऊपर उठाएं।

स्टेप 3: पादहस्तासन (Hand to Foot Pose)

सांस छोड़ें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए हिप्स से आगे की ओर झुकें। उंगलियों या हथेलियों को पैरों के दोनों ओर मैट को छूते हुए लाएं। माथे को घुटनों के करीब लाएं। ज्यादा स्ट्रेस नहीं लें। हैमस्ट्रिंग टाइट होने पर शुरुआत में घुटनों को थोड़ा मोड़कर रखें।

स्टेप 4 : अश्व संचलानासन (Horse Riding Pose)

सांस लें। दोनों हथेलियों को पैरों के बगल में चटाई पर रखें। दाहिने पैर को पीछे की ओर उतना फैलाएं जितना आरामदायक हो। एक ही समय में बाएं घुटने को मोड़ें। बायां घुटना और टखना एक दूसरे के ऊपर टिका होना चाहिए। हाथ या उंगलियों के सिरे चटाई को छू रहे हों। थोड़ा पीछे झुकें या सीधे देखते रहें।

स्टेप 5: अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose)

सांस लें। अश्वसंचालन मुद्रा को बनाए रखते हुए बाहों को ऊपर उठाएं। सिर के ऊपर फैलाएं। पीठ को मोड़ें और ऊपर देखें। उंगलियों के सिरे से लेकर पैर की उंगलियों के सिरे तक एक हल्का सा वक्र है, जो अर्धचंद्र के समान है। थोड़ी देर के लिए इस मुद्रा में बने रहें।

स्टेप 6 : दण्डासन (Plank Pose)

सांस रोकें। हथेलियों को पैरों के दोनों ओर फर्श पर वापस लाएं। बाएं पैर को दायें पैर के पास वापस लाएं। ध्यान दें कि पैर, नितंब और धड़ एक पंक्ति में हों। कंधे और कलाइयां फर्श से लंबवत एक दूसरे के ऊपर टिकी होनी चाहिए। दृष्टि सामने बनाए रखें।

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हथेलियों को पैरों के दोनों ओर फर्श पर वापस लाएं। चित्र : अडोबी स्टॉक

स्टेप 7: अष्टांग नमस्कार (8 limbs salute)

सांस छोड़ें। हथेलियों और पैरों को जहां वे हैं, वहीं रखते हुए घुटनों, छाती और ठुड्डी को एक साथ चटाई पर रखें। कोहनियों को मोड़कर छाती के करीब रखें। कूल्हे और पेट चटाई से ऊपर उठे रहें। पहले घुटनों को नीचे करें, फिर छाती और ठुड्डी को।

स्टेप 8: भुजंगासन (cobra pose)

सांस छोड़ें। हाथों और पैरों को उसी स्थान पर रखते हुए सरकाएं और छाती को ऊपर उठाएं। कोहनियां थोड़ी मुड़ी हुई हों। कंधे स्थिर और गर्दन से दूर रहें। सिर को पीछे झुकाएं। सर्वाइकल संबंधी समस्या होने पर सिर को पीछे की ओर न झुकाएं।

स्टेप 9 : पर्वतासन (mountain pose)

सांस छोड़ें। हाथों और पैरों को एक ही स्थिति में रखें। बैक को ऊपर उठाने और एड़ियों को चटाई पर नीचे करने के लिए हाथ की ताकत का उपयोग करें। हाथों और पैरों को सीधा रखते हुए और पर्वत का आकार लेते हुए स्पाइन को लंबा करें। आर्म कंधे की चौड़ाई से अलग हों और पैर एक-दूसरे के करीब हों।

स्टेप 10 : अश्व संचलानासन (Equestrian pose)

सांस लें। दायें पैर को हाथों के बीच आगे लायें। बाएं घुटने को एक साथ चटाई पर नीचे करें। पेल्विस को आगे की ओर धकेलें। धड़ को उठाएं। सिर को पीछे झुकाएं या सीधे देखते (moon salutation benefits) रहें।

दायें पैर को हाथों के बीच आगे लायें। चित्र : अडोबी स्टॉक

स्टेप 11 : अर्ध चंद्रासन (Half moon pose)

सांस लें।

स्टेप 12 पादहस्तासन (Hand to foot pose)

सांस छोड़ें।

स्टेप 13: हस्त उतानासन (Raised arms pose)

सांस लें।

स्टेप 14: प्रणामासन (Prayer Pose)

सांस छोड़ें।

अंत में

यह दाहिने पैर से चंद्र नमस्कार की आधी परिक्रमा है। बाकी आधा चक्कर बाएं पैर से किया जाता है। इससे चंद्र नमस्कार (moon salutation benefits) का पूरा एक चक्र बनता है।

आप शुरुआत में चंद्र नमस्कार (moon salutation benefits) के एक या तीन पूर्ण चक्र कर सकती हैं। धीरे-धीरे अपनी क्षमता बढ़ाते हुए राउंड की संख्या बढ़ा सकती हैं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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