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आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी जरूरी है हर रोज़ 30 मिनट एक्सरसाइज करना, एक्सपर्ट बता रहे हैं क्यों

उम्र के साथ मेंटल हेल्थ को प्रभावित होने से बचाने के लिए व्यायाम करना बेहद ज़रूरी है। जानते हैं किस प्रकार से एक्सरसाइज़ मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में होती है मददगार साबित (exercise effect on mental health)।
जानते हैं किस प्रकार से एक्सरसाइज़ मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में होती है मददगार साबित । चित्र : एडॉबीस्टॉक
ज्योति सोही Published: 12 Dec 2023, 08:00 am IST
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अगर आपको ऐसा लगता है कि व्यायाम करने से केवल आपके पोश्चर में सुधार आता है, तो ये सोचना पूरी तरह से गलत है। हाल ही में आई एक रिसर्च के अनुसार इस बात पर रोशनी डाली गई है कि नियमित व्यायाम मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में मददगार साबित होता है। इससे न केवल तनाव और डिप्रेशन पर काबू पाया जा सकता है बल्कि मूड सि्ंवग की समस्या भी समाप्त हो जाती है। उम्र के साथ मेंटल हेल्थ को प्रभावित होने से बचाने के लिए व्यायाम करना बेहद ज़रूरी है। जानते हैं किस प्रकार से एक्सरसाइज़ मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में होती है मददगार साबित (exercise effect on mental health)।

कैसे कुछ देर की एक्सरसाइज़ मेंटल हेल्थ को करती है प्रभावित

नियमित रूप से व्यायाम करने से डिप्रेशन और तनाव को आसानी से दूर किया जा सकता है। दरअसल, रोज़ाना व्यायाम करने से माइंड से फील.गुड न्यूरोट्रांसमीटर एंडोर्फिन रिलीज़ होता है। इससे मन में उठने वाली चिंताओं से मुक्ति मिलती है और आप नकारात्मकता से दूर हो जाते हैं।

एनआईएच (National institute of health) के अनुसार व्यायाम के दौरान शरीर में एंडोर्फिन न्यूरोट्रांसमीटर के साथ साथ एंडोकैनाबिनोइड्स न्यूरोट्रांसमीटर भी रिलीज़ होता है, जो मांइड को रिलैक्स रखने में मददगार साबित होता है। जहां एंडोर्फिन दर्द को दूर कर आनंद की संवेदनाओं को बढ़ाते हैं। वहीं एंडोकैनाबिनोइड्स से शांति और एकाग्रता बढ़ने लगती हैं।

इस बारे में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करके एडीएचडी यानि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर की समस्या से बचा जा सकता है। एडीएचडी के चलते व्यक्ति हर वक्त चिंतित, परेशान, एकाग्रता की कमी और भूलने की समस्या का शिकार होने लगता है। दरअसल, माइंड में डोपामाइन, नॉरपेनेफ्रिन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन के स्तर में असंतुलन बढ़ने से व्यक्ति को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दवाओं की जगह व्यायाम करना बेहद कारगर है।

दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करके एडीएचडी यानि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर की समस्या से बचा जा सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

नियमित व्यायाम से मानसिक स्वास्थ्य को कौन से फायदे मिलते हैं (Benefits of Exercise)

1. सेल्फ एस्टीम का बढ़ना (Self esteem)

डे टू डे लाइफ में वर्कआउट को शामिल करने से तन और मन दोनों को हेल्दी रखा जा सकता है। इससे सेल्फ वर्थ यानि आत्म.मूल्य की भावना बढ़ने लगती है। व्यक्ति खुद को साहसी, मज़बूत और महत्वपूर्ण महसूस करता है। इसकी शुरूआत स्मॉल एक्सरसाइज़ गोल्स से की जा सकती हैं। इससे सेल्फ लव की भावना बढ़ती है, जो मानसिक स्वस्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।

2. याद्दाश्त में बढ़ोतरी (Sharpen memory)

बार बार भूलने की समस्या जीवन में वर्कआउट की कमी को दर्शाता है। इसके लिए दिनभर में कुछ वक्त एक्सरसाइज़ के लिए निकालने से माइंड शार्प होता है। साथ ही किसी भी कार्य पर फोकस बढ़ने लगता है। व्यायाम की मदद से मस्तिष्क में न्यू ब्रेन सेल्स की ग्रोथ बढ़ने लगती है। इससे बढ़ती उम्र के साथ घटती याददाश्त की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

3. स्लीप क्वालिटी में अंतर (Improve Sleep quality)

सिडेंटरी लाइफस्टाइल के चलते नींद की परेशानी से जूझना पड़ता है, जो मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाने लगता है। ऐसे में कुछ देर एक्सरसाइज़ के लिए निकालना आवश्यक है। इससे नींद न आने की समस्या हल होने लगती है। दिनभर में कुछ देर योगा या स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के लिए निकालने से स्लीप पैटर्नस रेगुलेट होने लगते हैं। इससे शरीर को भरपूर नींद मिलती है और शरीर खुद को एक्टिव महसूस करता है।

इससे शरीर को भरपूर नींद मिलती है और शरीर खुद को एक्टिव महसूस करता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

4. मूड स्विंग की समस्या होगी हल (Mood swing)

एनआईएच के अनुसार रेगुलर एक्सरसाइज़ करने से नकारात्मक विचारों को दूर करके विचारों में सकारात्मकता को बढ़ाया जा सकता है। निगेटिव थॉटस ओवरऑल मूड को बूस्ट करने में मदद करता है। इसके लिए सुबह के समय 10 से 15 मिनट का व्यायाम और मेडिटेशन बेहद कारगर साबित होगी।

5. इम्यून सिस्टम बनाए मज़बूत (Boost Immunity)

शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए व्यायाम करना आवश्यक है। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थ डिटॉक्स होने लगता है। इससे इम्यून सिस्टम मज़बूत होने लगता है और तनाव का स्तर भी घट जाता है। इसके अलावा पोस्चर में भी सुधार नज़र आने लगता है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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