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वसंत ऋतु में ज्यादा बढ़ जाता है पीठ और कमर का दर्द, एक्सपर्ट बता रहे इसका कारण और मैनेज करने के टिप्स

यह दर्द आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है। खासकर यह मौसम उन लोगों के लिए अधिक घातक है, जिन्हें पहले से कमर दर्द आदि जैसी समस्याएं रही हैं (Backache in spring season)।
जानें स्प्रिंग सीजन में क्यों बढ़ जाता है पीठ का दर्द। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 21 Mar 2024, 20:01 pm IST
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अक्सर बदलते मौसम में पीठ और कमर का दर्द बढ़ जाता है, बहुत से लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं। खासकर स्प्रिंग सीजन यानी की वसंत ऋतु के मौसम में ऐसा जरूर होता है। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? क्या सर्दी के बाद वसंत ऋतु के आगमन से आपकी मांसपेशियों में भी अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है? ऐसे में चिंता की बात नहीं है, इसके लिए वातावरण के कुछ फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं। हालांकि, यह दर्द आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है। खासकर यह मौसम उन लोगों के लिए अधिक घातक है, जिन्हें पहले से कमर दर्द आदि जैसी समस्याएं रही हैं (Backache in spring season)।

जैसा कि वसंत ऋतु का आगमन हो चुका है, तो आज इसी बात को ध्यान में रखते हुए हेल्थ शॉट्स ने वसंत ऋतु में होने वाले कमर दर्द की समस्या से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए, फॉर्टिस हॉस्पिटल वशी के ऑर्थोपेडिक्स और रोबोटिक ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉक्टर प्रमोद भोर से बात की। डॉक्टर ने इसका कारण बताते हुए में दर्द से ओवरकम करने के लिए कुछ जरूरी टिप्स भी दिए हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।

क्या वास्तव में स्प्रिंग सीजन और कमर दर्द का कोई संबंध है (Backache in spring season)?

स्प्रिंग सीजन यानी की वसंत ऋतु में अक्सर हमारे शरीर पर तनाव बढ़ जाता है, जिससे पीठ दर्द का अनुभव होने की अधिक संभावना होती है। मार्च का अंतिम महीना, लगातार बदलते मौसम और सेल्फ केयर के प्रति बरती गई लापरवाही, इन सभी के कंबीनेशन के कारण शरीर का दर्द अधिक बढ़ सकता है। हालांकि, ऐसे सरल उपाय हैं जो इस दौरान पीठ दर्द को कम करने और इन्हे रोकने में आपकी मदद कर सकते हैं।

जिन्हें पहले से कमर दर्द आदि जैसी समस्याएं रही हैं (Backache in spring season)। चित्र : एडॉबीस्टॉक

वसंत ऋतु की शुरुआत होते ही बहुत से लोगों को पीठ और कमर दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है। वहीं जिन्हें पहले से पीठ और कमर में दर्द है उनका दर्द अत्यधिक बढ़ जाता है। इसका एक मुख्य कारण सर्दियों से वसंत ऋतु का बदलाव है। मौसम की बदलती परिस्थितियां हमारी मांसपेशियों और जोड़ों को प्रभावित कर सकती हैं। ठंड के महीनों के दौरान शारीरिक गतिविधि की कमी भी मांसपेशियों को कमजोर करने में योगदान देती है, जिससे लोगों को अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है।

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वहीं सर्दियां खत्म होते हैं जैसे ही वसंत ऋतु का आगमन होता है बॉडी एक्टिव हो जाती है और आलस खत्म होना शुरू होता है, ऐसे में जब मांसपेशियां लंबे समय के बाद एक्टिव होती हैं, तो इनमें दर्द महसूस हो सकता है।

स्प्रिंग सीजन मार्च के महीने में शुरू होता है, ऐसे में जैसे-जैसे काम की समय-सीमा और वित्तीय दबाव बढ़ता है, व्यक्ति के शरीर में अक्सर यह तनाव बना रहता है, जो पीठ की परेशानी के रूप में प्रकट हो सकता है। इसके अलावा, लंबे दिनों और व्यस्त कार्यक्रम के कारण, व्यक्ति स्ट्रेचिंग या व्यायाम जैसी गतिविधियों को नजरंदाज कर सकता है, जिससे मौजूदा समस्याएं और बढ़ जाती हैं। ऐसे में बदलते मौसम की वजह से होने वाले पीठ और कमर के दर्द पर नियंत्रण पाने के लिए आपको स्वयं कुछ खास अभ्यासों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

यहां जानें बदलते मौसम में होने वाले पीठ के दर्द से निपटने के कुछ खास टिप्स

1. नियमित स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें

पीठ दर्द से निपटने का एक प्रभावी तरीका नियमित स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है। अपनी दिनचर्या में कैट काऊ पोज, चाइल्ड पोज और रीढ़ की हड्डी को मोड़ने जैसे स्ट्रेच को शामिल करने से रीढ़ के आसपास की मांसपेशियों में तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।

अकसर महिलाओं के दर्द को कम करके आंका जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

2. रिलैक्सिंग टेक्निक्स को आजमाएं

गहरी सांस लेना, मेडिटेशन और योग जैसी रिलैक्सिंग तकनीक में भाग लेने से आपको पीठ के दर्द से राहत मिल सकती है। तनाव अक्सर पीठ की मांसपेशियों में जकड़न और परेशानी का कारण बनते हैं, इसलिए तनाव कम करना बेहद महत्वपूर्ण है।

3. शरीर की मुद्रा का रखें खास ध्यान

लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने के दौरान अच्छी मुद्रा बनाए रखने से भी पीठ और कमर दर्द का खतरा कम हो जाता है। सपोर्टिव कुर्सी का उपयोग करने या दिन भर में छोटे ब्रेक लेकर स्ट्रेचिंग करने से आपके समग्र आराम स्तर में महत्वपूर्ण अंतर आ सकता है। इन आसान उपायों को प्राथमिकता देकर आप स्प्रिंग सीजन के दौरान भी पीठ दर्द को दूर रख सकती हैं।

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4. वेट मैनेजमेंट पर ध्यान दें

बैलेंस्ड डाइट और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन आपकी रीढ़ पर भार को कम करने में मदद करता है। एक्सेस वेट से मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है, जो पीठ दर्द को बढ़ा सकता है, इसलिए एक स्वस्थ वजन सीमा प्राप्त करने से आपकी रीढ़ की हड्डी के समग्र स्वास्थ्य में काफी सुधार हो सकता है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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