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मीठा बिल्कुल छोड़ देना भी नहीं है आपकी सेहत के लिए अच्छा, जानिए इसके साइड इफेक्ट्स

अधिकतर लोग हर मील के बाद कुछ मीठा खाना पसंद करते हैं। वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो चीनी को अवॉइड करते हैं। जानते हैं कि चीनी न खाने के साइड इफेक्टस।
ऊर्जा शक्ति की कमी का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 1 Sep 2023, 20:01 pm IST
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मीठी रेसिपीज़ अधिकतर लोगों की पहली पसंद माने जाते हैं। वे हर मील के बाद कुछ मीठा (sugar) खाना पसंद करते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि मीठा (sugar) खाने से हमारे स्वास्थ्स को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मगर बावजूद इसके लोग प्रचुर मात्रा में चीनी से तैयार होने वाले व्यंजनों को लुत्फ उठाते हैं। वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो चीनी को अवॉइड करते हैं। जानते हैं कि चीनी न खाने के साइड इफेक्टस (Side effects of stop eating sugar)

इस बारे में बातचीत करते हुए गायनोकॉलोजिस्ट डॉ गंधाली देवरुखकर पिल्लई का कहना है कि चीनी मोटापे को बढ़ाने का मुख्य कारण है। इसके अलावा महिलाओं को खासतौर से पीरियड साइकिल के दौरान चीनी खाने से परहेज करना चाहिए। इसमें मौजूद इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में वॉटर रिटेंशन का कारण बनने लगता है। इसके अलावा शुगर खाने से पीरियड क्रेम्प्स बढ़ने लगते हैं। इसके अलावा चेहरे की त्वचा को भी नुकसान पहुंचाती और इससे स्किन की इलास्टिसिटी कम होने लगती है।

शुगर न खाने से शरीर में नज़र आने लगते हैं ये लक्षण

1. मूड स्विंग होना

बहुत से लोग जो मीठा खाने के शौकीन होते हैं और वो शुगर डिटॉक्स का पालन करते हैं। वे अक्सर मूड स्विंग होने की समस्या से होकर गुज़रते हैं। दरअसल, शुगर इनटेक न हो पाने से वे अपने आप को परेशान और चिंतित महसूस करने लगते हैं। दरअसल, मीठा न खाने से शरीर में डोपामाइन हार्मोन पूरी तरह से रिलीज़ नहीं होता है। ये एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है, जो माइंड को एक्टिव रखता है।

शुगर इनटेक न हो पाने से अपने आप को परेशान और चिंतित महसूस करने लगते हैं। चित्र: शटरकॉक

2. सिरदर्द की शिकायत

अगर आप एकदम से चीनी का सेवन बंद कर देती है, तो इससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है। इससे शरीर में थकान का अनुभव होता है और सिरदर्द की भी शिकायत रहती है। अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के अनुसार चीनी का सेवन न करने से शुगर लेवल में उतार चढ़ाव आने लगता है। इसके चलते होर्मोनल इंबैलेंस बढ़ जाता है। जो हायपोग्लाइसीमिया यानि लो ब्लड ग्लूकोज़ का कारण बन जाता है।

3. क्रेविंग बढ़ जाना

जब आप अचानक मीठा और कार्बोनेट रिच फूड खाना बंद कर देती है, तो उस वक्त क्रेविंग की समस्या से दो चार होना पड़ता है। बार बार आपका मन कुछ मीठा खाने के लिए करता है। इसे आप अंजीर या फिर फलों का सेवन करके शांत कर सकते हैं। दरअसल, चीनी का सेवन करने से आप खुद को हेल्दी फील करने लगते हैं। वहीं चीनी न खाने से आपके अंदर स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ने लगता है।

अचानक मीठा और कार्बोनेट रिच फूड खाना बंद कर देती है, तो उस वक्त क्रेविंग की समस्या से दो चार होना पड़ता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. स्लीपिंग पैटर्न में बदलाव आना

शुगर खाना छोड़ने से आपकी नींद पर भी उसका प्रभाव दिखने लगता है। दरअसल, मीठा खाने से आपको सैटिसफेक्शन महसूस होती है और आप समय से सो भी पाते है। मीठी चीजों को अवॉइड करने से आप देर तक सोने का प्रयास करते हैं, मगर गहरी नींद नहीं आ पाती हैं।

5. एनर्जी की कमी

चीनी से शरीर को इस्टेंट एनर्जी की प्राप्ति होती है। अगर आप इसका सेवन छोड़ देते हैं, तो शरीर में हर वक्त कमज़ोरी का अनुभव होने लगता है। इससे आपके अंदर एकाग्रता की कमी भी आती है। चीनी की मदद से हमारे मसल्स को ऊर्जा की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप मॉडरेट ढंग से मीठी चीजों का सेवन कर सकते हैं।

शुगर न खाने से होने वाले फायदे

मीठी चीजों का सेवन न करने से आपका शरीर ढेर सारी कैलोरीज़ से बचा रहता है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है।

इससे शरीर में ब्ल्ड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है, जिसके चलते टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम कम होने लगता है।

शुगर और स्वीटनर्स पर प्रतिबंध लगाने से दांतों से संबधी समस्याओं को खतरा कम होने लगता है। कैविटी की समस्या से भी बच जाते हैं।

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मीठा खाने से चेहरे पर होने वाले पिंपल्स से भी राहत मिल जाती है। स्वीट्स का सेवन न करने से आपकी स्किन क्लियर होने लगती है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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