शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए एक स्वस्थ वसा की जरूरत होती है, जिसे गुड फैट के रूप में जाना जाता है। कई लोग वजन को घटाने के लिए वसा का सेवन पूरी तरह से बंद कर देते है, लेकिन इससे शरीर में वसा की कमी हो जाती है इसलिए गुड फैट और बैड फैट में अंतर पता होना बहुत जरूरी है। बैड फैट शरीर में कोलस्ट्रॉल को बढ़ाता है जबकि गुड फैट शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड एक प्रकार का पॉलीअनसेचुरेटेड वसा है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। ये फैटी एसिड विभिन्न शारीरिक कार्यों को बनाए रखने और शरीर में विभिन्न कार्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड के तीन मुख्य प्रकार हैं। अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए), ईकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए), और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए)।
बैड फैट का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है जिससे हार्ट हेल्थ को खतरा होता है। ओमेगा-3 ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने, रक्तचाप को कम करने और समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। वे हृदय पर सूजनरोधी प्रभाव डालने के लिए जाने जाते हैं। ओमेगा -3 फैटी एसिड हृदय रोग से मरने के जोखिम को कम कर सकता है और हार्ट कंडिशन, जैसे दिल का दौरा जैसी चीजों में सुधार कर सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए
ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क के कामकाज को ठीक से करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं, जो अल्जाइमर रोग जैसी स्थितियों के विकास का कारण बन सकते है। न्यूट्रिशनल न्यूरोसाइंस में 2018 की समीक्षा में निष्कर्ष निकाला गया कि ओमेगा -3 फैटी एसिड अल्जाइमर रोग की शुरुआत में विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है।
ओमेगा-3 जोड़ों के दर्द और जकड़न के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। यह उनके सूजनरोधी गुणों और शरीर में सूजनरोधी प्रोटीन के उत्पादन को कम करने की के कारण हो सकता है।
अमेरिका में सबसे ज्यादा मृत्यु का कारण कैंसर ही है। ओमेगा 3 फैटी एसिड से कैंसर के कुछ जोखिमों को कम करने का दावा किया गया है। कुछ अध्ययनों ये दावा किया गया है कि जो लोग अधिक ओमेगा-3 का सेवन करते हैं उनमें कोलन कैंसर का खतरा काफी कम होता है। इससे प्रोस्टेट कैंसर और स्तन कैंसर को भी कम किया जा सकता है।
प्रोटीन और ओमेगा-3 को बढ़ावा देने के लिए अपने सलाद में फ्लेक्ड कैंड सैल्मन या कैंड सार्डिन को शामिल करें। इन्हें साबुत अनाज क्रैकर्स के लिए सैंडविच फिलिंग या टॉपिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
चिया बीजों को बादाम के दूध या दही के साथ मिलाकर चिया पुडिंग बनाएं और इसे गाढ़ा होने तक फ्रिज में रखें। अधिक स्वाद बढ़ाने के लिए फल डालें। चिया सिड्स और बादाम का दूध ओमेगी 3 फैटी एसिड के प्लांट बेस्ड स्रोत हैं।
भारतीय घरों में ‘सोयाबीन’ के नाम से मशहूर, सोया चंक शाकाहारियों के लिए सिर्फ प्रोटीन का अच्छा स्रोत नहीं है बल्कि। यूएसडीए के अनुसार, ये ओमेगा-3 फैटी एसिड का भी एक समृद्ध स्रोत हैं। इनका सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका भुना हुआ रूप है। हालाँकि, आप इन्हें उबालकर भी इसकी स्वादिष्ट सब्जी बना सकते हैं।
सप्ताह में कुछ बार अपने भोजन में वसायुक्त मछली को शामिल करने आपके लिए अच्छा हो सकता है। सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन, हेरिंग या ट्राउट जैसी मछली को ग्रिल करें, बेक करें या भाप में पकाएं। इन मछलियों में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है।
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