लॉग इन

अवसाद धीरे-धीरे लेता है आपको अपनी गिरफ्त में, जानिए कैसे करना है इसका मुकाबला

हर व्यक्ति को शारीरिक तौर पर मज़बूत होने के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। जानते हैं वो आसान टिप्स जिनकी मदद से आप डिप्रेशन से बच सकते हैं (tips to deal with depression)।
बाइपोलर विकार, जो डिप्रेशन की विशेषता है, अक्सर रचनात्मकता से जुड़ा होता है। । चित्र शटरस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 29 Oct 2023, 20:34 pm IST
ऐप खोलें

आजकल छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गो तक हर उम्र के लोग डिप्रेशन का शिकार बन रहे हैं। आसपास फैली नकारात्मकता लोगों के तनाव का कारण साबित हो रही है। हो भी क्यों न आधुनिकता के इस दौर में लोगों का लाइफस्टाइल कई कारणों से अस्त व्यस्त हो चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2015 में भारत में किए गए नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे की मानें, तो हर 20 में से 1 भारतीय डिप्रेशन का शिकार हो रहा है। वहीं विश्वभर में 300 मीलियन लोग इस समस्या से ग्रस्त है। जो वर्ल्ड पोपुलेशन का 4.3 फीसदी है। हर व्यक्ति को शारीरिक तौर पर मज़बूत होने के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। जानते हैं वो आसान टिप्स जिनकी मदद से आप डिप्रेशन से बच सकते हैं (tips to deal with depression)।

इस बारे में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत का कहना है कि हर व्यक्ति के जीवन में विपरीत परिस्थितियां ज़रूर आती है। जब हम उन परिस्थितियों के साथ ढ़ल नहीं पाते हैं तो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है। दिनों दिन बढ़ रहा वर्क प्रैशर और भावनाओं पर नियंत्रण की कमी तेज़ी से बढ़ने वाले तनाव का कारण साबित हो रहे है। ऐसे में नींद न आना, हर वक्त सोचना और भूख का अचानक बढ़ जाना या कम होना समेत कई संकेत होते हैं। जो डिप्रेशन के प्राथमिक संकेत होते हैं। जानते हैं डिप्रेशन के संकेत और बचने के उपाय भी।

अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं, तो इससे न सिर्फ आपकी सेहत, बल्कि आपके रिश्ते और आपका कॅरियर भी प्रभावित हो सकते हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक

ये संकेत बताते हैं कि आप डिप्रेशन का शिकार हैं (Signs of depression)

पूरी नींद न ले पाना
हर वक्त एकांत की तलाश में रहना
लोगों से ज्यादा बातचीत न करना
किसी काम पर फोक्स न कर पाना
भूख का बढ़ना या कम हो जाना
हर पल उदास रहना
आत्म नियंत्रण की कमी महसूस होना

डिप्रेशन कैसे करें कम (How to deal with depression)

1. मज़बूत रिलेशनशिप्स बिल्ड करें

अकेलापन जीवन में तनाव का कारण बनने लगता है। जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर मानसिक तौर पर खोखला बना देता है। ऐसे लोगों को हर व्यक्ति में कमियां नज़र आने लगती है। जो उनकी झुंझलाहट का कारण साबित होती है। खुद को डिप्रेशन की कंडीशन से बाहर निकालने के लिए लोगों में मज़बूत बॉडिंग मेंटेन करने की कोशिश करें। दूसरों पर विश्वास करना सीखें। इससे आपके पर्सनल रिलेंशन में मज़बूती आने लगेगी।

2. इंटरैक्टिव बनें

अपने विचारों को लिखने के अलावा उन्हें एक्सप्रेस करना भी आवश्यक है। वो भावनाएं जो आप महसूस करते हैं। उन्हें ज़ाहिर करना भी ज़रूरी है। दिनभर में कुछ वक्त दोस्तों से बात करें। परिवारजनों के साथ उठे बैंठे और बच्चों के साथ खेलें व उनके विचार जानें। इन सब चीजों से आपका तनाव खुब खुद कम होने लगता है। अभिव्यक्ति आपके अंदर के भय को खत्म करके आपको सुकून प्रदान करेगी। इससे आप मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहेगा।

अपने विचारों को लिखने के अलावा उन्हें एक्सप्रेस करना भी आवश्यक है। चित्र- अडोबी स्टॉक

3. फिज़िकली एक्टिव रहें

सिडेंटरी लाइफस्टाइल को छोड़कर कुछ वक्त एक्सरसाइज़ के लिए निकालें। इससे आप न केवल दुश्चिंताओं से मुक्त हो पाते हैं बल्कि आप शारीरिक तौर पर भी एक्टिव बने रहते हैं। दिनभर में वॉक के अलावा कुछ योगासन और हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज़ भी शामिल कर सकते हैं। आपकी पंसदीदा एक्टिविटीज़ आपको डिप्रेशन जैसी समस्याओं से बाहर निकालने में मददगार साबित होती है। इसके अलावा एरोबिक्स और डांसिग भी आपकी मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होती है।

4. पूरी नींद नें

नींद न आना कोई बीमारी नहीं बल्कि खराब लाइफ स्टाइल का एक संकेत है। अगर आपको कुछ मेडिकल रीज़नस या कैफीन इनटेक के चलते नींद नहीं आ पाती है। तो अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना आवश्यक है। 6 से 8 घंटे की नींद लेने से आप तनाव से खुद ब खुद दूर होने लगते हैं। इससे आलस्य और बार बार नींद की झपकी आने की समस्या भी हल हो जाती है। रात को खाना खाने के बाद वॉक करके। इससे न केवल कैलोरीज़ बर्न होती है बल्कि थकान से नींद भी आने लगती है। अधिकतर वे लोग जो दिनभर बिना कोई कार्य किए अपना समय व्यतीत करते हैं। ऐसे लोगों को नींद न आने की समस्या से दो चार होना पड़ता है।

5. हेल्दी डाइट का सेवन करें

स्लिम होने के लिए अगर आप भी मील्स को स्किन करते हैं, तो ये डिप्रेशन का कारण भी साबित हो सकता है। ऐसे में सभी पोषक तत्वों को ग्रहण करना आवश्यक है। पौष्टिक तत्वों की कमी शरीर में थकान, अनिद्रा और कमज़ोरी का कारण बनती है। इससे व्यक्ति में चिड़चिड़ापन बढत्रने लगता है। जो डिप्रेशन की समस्या को बढ़ा देता हैं। मेंटली तौर पर स्वस्थ रहने के लिए मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करें।

सभी पोषक तत्वों को ग्रहण करना आवश्यक है। पौष्टिक तत्वों की कमी शरीर में थकान, अनिद्रा और कमज़ोरी का कारण बनती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

6. सप्ताह में एक ब्रेक अवश्य लें

अपनी मेंटल हेल्थ को दुरूस्त बनाए रखने के लिए सप्ताह में एक दिन पूरी तरह से खुद को डेडिकेट करें। इस दिन पूरा वक्त अपने लिए निकालें और अपने पसंदीदा कार्यों को करें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। साथ ही बार बार होने वाली झुंझलाहट से भी राहत मिल जाती है। अपने लिए समय निकालने से आप खुशी का अनुभव करने लगेंगे। जो डिप्रेशन की समस्या से निपटने में कारगर साबित होता है।

7. सोशल कांटेक्ट बनाए रखें

दिनभर काम करने के बाद कुछ वक्त अपने दोस्तों के लिए निकालें। उनसे मिलें जुलें और कुछ वक्त घूमने फिरने के लिए भी निकालें। इससे आप तनाव की स्थिति से बाहर आने लगते हैं। आउंटिंग से आप मानसिक तौर पर सुकून का अनुभव करने लगते हैं। साथ ही सोयाली एक्टिव रहने से आप नई चीजों से अपडेटिड रहते हैं।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

ये भी पढ़ें- बच्चों को कॉन्फीडेंट बनाना है, तो पहले सिखाएं आत्मनिर्भरता का पाठ, ये 4 पेरेंटिंग टिप्स करेंगे मदद

ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख