आजकल के अनहेल्दी खानपान और खराब दिनचर्या के कारण कई तरह की शारीरिक समस्याएं व्यक्ति को घेरने लगी हैं। न सर्फ वयस्कों और बुज़ुर्गों को बल्कि अब शारीरिक समस्याओं की चपेट में छोटेे-छोटे बच्चे भी आने लगे हैं। सबसे अधिक फैलने वाली शारीरिक समस्याओं में मोटापा पहले स्थान पर आता है। न सिर्फ बड़ों को बल्कि छोटे-छोटे बच्चों को भी मोटापे में बेड़ियों में जकड़ लिया है।
कम उम्र में ही बच्चों को होने वाले मोटापे के कारण उन्हें तमाम तरह की बीमारियां होने लगती हैं, जो उनके समग्र स्वास्थ्य और शारीरिक व मानसिक तौर पर विकासशील समय को ख़ास तौर पर प्रभावित करतीं हैं। वर्ष 2022 में हुई वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस की एक शोध के मुताबिक़, वर्ष 2030 तक कुल 2.7 करोड़ बच्चे मोटापे से पीड़ित होंगे, जिसमें लगभग डेढ़ करोड़ बच्चे 5 से 7 वर्ष की आयु के होंगे।
वहीं, दुनिया की सुपरपावर कहें जाने वाले अमेरिका में बच्चों के मोटापे को लेकर परिस्थितियां और भी ज्यादा बदतर है। यहां, बच्चों को लेकर होने वाले स्वास्थ्य सर्वे में यह पाया गया कि वर्ष 1963 से 1965 तक अमेरिका में बच्चों के मोटापे की दर लगभग 5% थी, वहीं उसके बाद हालिया 2017 से 2019 तक मोटापे की दर तीन गुना से अधिक बढ़कर 19% हो गई।
साथ ही कोविड-19 के दौरान और उसके बाद अमेरिका में बचपन में मोटापे की दर में वृद्धि जारी रही। साथ ही ताज़ा शोध में भविष्यवाणी करते हुए यह बताया गया कि यदि ये रुझान जारी रहे, तो वर्तमान में 2 से 19 वर्ष की आयु के 57% बच्चे 2050 में वयस्कों के रूप में मोटापे से पीड़ित होंगे।
छोटे बच्चों में मोटापे के कारणों के बारे में बताते हुए बोस्टन चाइल्ड हॉस्पिटल की एमडी क्लेयर मैक्कार्थी ने अपने एक लेख में लिखा कि बच्चों में होने वाली इस समस्या से लिए साफ़ तौर पर आज की दिनचर्या जिम्मेदार है। साथ ही उन्होंने बताया कि आजकल मिलने वाले प्रोसेस्ड और जंक फूड्स में कैलोरी की मात्रा बहुत होती है, जिसके कारण बच्चों में ओबेसिटी की समस्या बढ़ रही है।
बच्चों में मोटापे की सबसे बढ़ी वजह आजकल का ईटिंग शेड्यूल है।जंक फूड्स, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, बाउटिकल ड्रिंक्स, और बड़े पोर्शनों में आहार करने यानी ज्यादा खाने के कारण बच्चों मे मोटापे की समस्या बढ़ रही है। साथ ही इस तरह के खाने में कैलोरी बहुत अधिक मात्रा में बच्चों के शरीर में जाती है, जिसके कारण बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ती है।
आजकल के मॉडर्न दौर में, जहां अधिकतर बच्चे अपने मोबाईल का प्रयोग करतेरहते है, वहां मोटापे की समस्या देखने को मिलती है। ज्यादा समय विश्राम करना, टेलीविजन देखना , कंप्यूटर और टेबलेट में गेम्स खेलना शारीरिक गतिविधियों की कमी का कारण बनता है, जिससे बच्चों में ओबेसिटी की समस्या देखने को मिलती है।
बच्चों की आदतें, मानसिक स्थितियां, अनियमित खानपान, खाने की आदतें, स्वास्थ्यीय नियमितता की कमी, आदि भी मोटापे के कारण होते हैं।
बच्चों के मोटापे को कम करने के लिए आप कुछ आम कदम उठा सकती हैं।
फास्टफूड के लिए जिद करने वाले बच्चों को स्स्वस्थ खाना देना एक मां के लिए बहुत मुश्किल कार्य है। लेकिन बच्चों को सही और पूर्ण पोषण देना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर स्वस्थ खाने के बाद भी आपका बच्चा फास्टफूड के लिए जिद करता है, तो उसे बाहर का नहीं बल्कि कुछ कुकिंग एक्सपेरिमॉन्ट्स करने घर पर बने हुए फ़ास्ट फ़ूड खिलाएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंऐसा करने से आप उसे साफ़-सफाई और स्वास्थ्यवर्धक चीज़ों से बना पाएंगी। साथ ही उन्हें फल, सब्जियां, दाल, पूरे अनाज, दूध, दही जैसे स्वस्थ और प्रोटीन युक्त आहार देने पर अधिक ध्यान दें।
बच्चों को नियमित व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें। यह उनकी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और मोटापे को कम करने में मदद करेगा। बच्चों के स्वास्थ्य के हिसाब से उन्हें उचित और मनोरंजन के साथ व्यायाम का चयन कराएं।
साथ ही बच्चों के लिए व्यायाम का समय संवेदनशीलता के अनुसार चयन करें। व्यायाम को अच्छे ढंग के साथ करना उन्हें विनम्रता, नियमितता, और स्वस्थ जीवनशैली की ओर बढ़ाने में मदद करेगा।
बच्चों को प्रतिदिन आवश्यक आराम और नींद मिलनी चाहिए। उचित नींद लेने से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा और मोटापे को कम करने में मदद मिलेगी। आजकल बच्चे पढाई और डिजिटल उपकरणों के कारण आराम पर उतना ध्यान नहीं देते।
साथ ही डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक प्रयोग के कारण बच्चों की नींद पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बच्चों के डिजिटल उपकरणों के प्रयोग में थोड़ा प्रतिबंध लगाएं और उन्हें अच्छा स्वास्थ्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
यह भी पढ़ें: स्टूडेंट लाइफ का मुश्किल समय है एग्जाम्स, इस समय इन पैरेंटिंग टिप्स से बनें बच्चों के ‘प्रॉब्लम सॉल्वर’