गर्मी के मौसम में आपके माइंड और बॉडी को कूल रख सकते हैं ये 5 प्राणायाम, नियमित करें अभ्यास
तेज़ गर्मी के कारण शरीर में कई तरह की समस्या हो सकती है। मन भी अशांत रहता है। गर्मी के दिन में शरीर और मन दोनों को शांत करना जरूरी होता है। शरीर और मन को तनावमुक्त करना जरूरी होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इन दिनों सुबह उठकर योगासन के साथ-साथ कुछ प्राणायाम भी कर लेना चाहिए। इससे मन और शरीर दोनों का तनाव खत्म होता है। नियमित रूप से प्राणायाम करने पर रिलैक्स महसूस किया जा सकता है। जानते हैं रिलैक्स करने में मदद (relaxation pranayama) करने वाले कौन-कौन से प्राणायाम हैं।
क्यों जरूरी है गर्मी में प्राणायाम (Pranayama in summer season)
प्राणायाम यौगिक रूप से सांस का अभ्यास है। यह हमारे शरीर में महत्वपूर्ण एनर्जी को नियंत्रित और संतुलित करता है। ये सांस लेने की तकनीक (Breathing technique) हमारे दिमाग और शरीर को आराम पहुंचाता है। खासकर भीषण गर्मी के दौरान। यह शरीर को ठंडा रखता है, सिस्टम में नमी जोड़ता है। यह पित्त असंतुलन (Pitta imbalance) को शांत करता है।
यहां हैं शरीर को रिलैक्स करने वाले 5 प्राणायाम (5 Pranayama for relaxation)
1. अल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग या अनुलोम-विलोम (Alternate Nostril Breathing or Anulom Vilom)
यह मस्तिष्क के दो गोलार्धों ( hemispheres) को संतुलित करता है। यह शरीर के एनर्जी चैनलों और नाड़ियों को साफ़ करता है।
कैसे करें
नाक की एक छिद्र से सांस लें। दूसरे को बंद रखें।
फिर दूसरी तरफ की नाक से सांस छोड़ दें।
यह तकनीक प्रत्येक सांस के साथ नासिका छिद्रों को बदलती है।
2. स्कल शाइनिंग ब्रीथ या कपालभाति प्राणायाम (Skull Shining Breath,” or Kapalbhati Pranayama)
यह शरीर को उत्तेजित करता है। ऑक्सीजन प्रवाह में सुधार करता है। श्वसन प्रणाली को साफ़ करता है।
कैसे करें
हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए अपने हाथों को घुटनों पर रखें।
गहराई से सांस लें।
फिर नाक दोनों छिद्रों के माध्यम से लगातार मजबूती के साथ सांस छोड़ती जाएं।
कुछ देर तक सांस छोड़ने के बाद गहराई से एक बार सांस लेने की आवश्यकता होती है।
3. भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama Bellows Breath)
इसे अक्सर बेलोज़ ब्रीथ (Bellows Breath) के नाम से भी जाना जाता है। यह सांस लेने का एक व्यायाम है जो लोहार की धौंकनी ( blacksmith’s bellows) जैसा दिखता है।
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कस्टमाइज़ करेंयह पाचन को बढ़ाता है। एनर्जी बढ़ाता है और चयापचय दर (metabolic rate) बढ़ाता है। .
कैसे करें
वज्रासन या सुखासन में बैठ जाएं।
दोनों नासिका छिद्रों से पूरी सांस लें। फिर उसी गति से सांस छोड़ें।
ब्लोअर की तरह एकसमान गति से सांस छोड़ने और लेने की तीव्र गति बनाए रखनी चाहिए।
भस्त्रिका प्राणायाम करते समय जब आप सांस लेती और छोड़ती हैं, तो फेफड़े फैलने चाहिए।
4. उज्जायी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama, also known as Victorious Breath)
इसे विजयी सांस के रूप में भी जाना जाता है। यह एक सांस लेने की तकनीक है, जो शरीर के तापमान को मेंटेन रखता है। यह एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
कैसे करें
गले के पिछले हिस्से को थोड़ा कसते हुए दोनों नासिका छिद्रों से धीरे-धीरे और गहरी सांस लें। इससे समुद्र जैसी ध्वनि पैदा करती है।
होठों को बंद करके नाक से सांस अंदर और बाहर लिया जाता है।
कोई भी सांस होठों से नहीं गुजरती।
होंठ धीरे से बंद हो जाते हैं। सांस नाक से गुजर रही है, लेकिन जोर गले पर होना चाहिए।
5.शीतली प्राणायाम ( Sheetali Pranayama Cooling Breath)
शीतली प्राणायाम तनाव, क्रोध और एंग्जायटी को कम करता है और रिलैक्स (relaxation pranayama) करता है।
कैसे करें
जीभ को मोड़ लें। इसके माध्यम से सांस लें। फिर नाक से सांस छोड़ें।
प्रत्येक सांस छोड़ने के दौरान जीभ की नोक को मुंह से हल्के से स्पर्श करें।
अगर जीभ से सांस लेने में गला सूखने लगे, तो बीच-बीच में मुंह बंद कर लार निगल लें।
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