वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है इमोशनल ईटिंग, यहां हैं इसे कंट्रोल करने के 5 उपाय
जब आप तनावग्रस्त महसूस करती हैं, तो क्या आप अधिक खाने लगती हैं? क्या आप तब भी खाती हैं जब आपको भूख नहीं लगी होती है? या जब आपका पेट भरा हुआ होता है? यदि इन सभी सवालों का जवाब हां है, तो संभवतः आप इमोशनल ईटिंग डिसऑर्डर की शिकार हैं। इसके कारण हम अकसर अनहेल्दी फूड खाते हैं और अपन वजन बढ़ा लेते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप इमोशनल ईटिंग को कंट्रोल (how to stop emotional eating) करना जानती हों।
फूड और इमोशन्स (how to stop emotional eating)
हम हमेशा केवल शारीरिक भूख मिटाने के लिए नहीं खाते हैं। हम में से कई लोग आराम पाने, तनाव से राहत या खुद को खुश करने के लिए भी भोजन की ओर रुख करते हैं। इन स्थितियों में हम सादा भोजन की बजाए जंक फूड, मिठाइयां और अन्य अनहेल्दी खाद्य पदार्थ खाने लग जाते हैं। जब आप उदास महसूस कर रही हैं, तो आप एक पिंट आइसक्रीम खा सकती हैं। यदि आप ऊब गई हैं या अकेली हैं, तो पिज्जा ऑर्डर कर सकती हैं। इमोशनल ईटिंग से बचाव के लिए ये 5 उपाय कर सकती हैं।
कैसे पहचानें कि आप इमोशनल ईटिंग कर रहीं हैं (How to identify emotional eater)?
इमोशनल ईटिंग का मतलब है अपने-आप को बेहतर महसूस कराने के लिए भोजन का उपयोग करना। अपने पेट की बजाय भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यक्ति खाने लग जाता है। इमोशनल ईटिंग भावनात्मक समस्याओं को ठीक नहीं करता है। दरअसल यह आमतौर पर आपको बुरा महसूस कराता है। इसके बाद न केवल मूल इमोशल समस्या बनी रहती है, बल्कि अधिक खाने के लिए दोषी भी महसूस करती हैं।
यहां हैं इमोशनल ईटिंग से बचाव के 4 उपाय (Tips to stop emotional eating)
1 डायरी मेंटेन करें (Maintain diet dairy)
आप दिन भर में जो कुछ भी खाती हैं, उसे लिख लें। यह भी नोट करें कि आपने किसी चीज़ को किस समय खाया और जब खाया तो आप कहां पर थीं। एक फ़ूड डायरी आदतों और पैटर्न को ट्रैक करने में मदद करने के लिए एक बेहतरीन उपाय है।
क्या आप भोजन के बीच स्नैक्स ले रही हैं? यदि हां, तो इस पर ध्यान दें कि भोजन हेल्दी है या नहीं? फिर आपको यह देखने की आदत पड़ जायेगी कि आप भोजन के विकल्प के रूप में हेल्दी खा रही हैं या अनहेल्दी। यह लक्ष्य आपको निर्धारित करने में मदद करेगा कि आप इमोशनल ईटिंग नहीं करें।
2 शुरू कर दें किसी दोस्त से बात करना (Talk with friends)
यदि किसी ने अभी-अभी हेवी लंच किया है और कुछ स्नैक्स खाना चाहते हैं, तो वे अपने आप से पूछें कि क्या वे भूखे हैं या उनकी भावनाएं भूख का कारण बन रही हैं? जैसे ही कुछ खाने का मन करे उसी समय वे टहलना या किसी दोस्त से बात करना या उन्हें निमंत्रण देना शुरू कर दें। आप थोड़ा पानी पीने का भी प्रयास कर सकती हैं। हो सकता है कि आपका शरीर आपको यह बताने की कोशिश कर रहा है कि वह डीहाइड्रेशन का शिकार है।
3 परिवारवालों से बातचीत करें (Talk with family)
सुनिश्चित करें कि आपके पास परिवार और दोस्त हों, जो तनाव के समय आपको सकारात्मक और केंद्रित बनाये रख सकते हैं। यह आपको स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मदद कर सकता (how to stop emotional eating) है। शोध से पता चलता है कि हाई स्ट्रेस वाली नौकरियों वाले लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है क्योंकि उनके पास मजबूत हेल्पिंग नेटवर्क हो सकता है। जैसे ही इमोशनल ईटिंग करना हो, तो दोस्तों और परिवारवालों से बातचीत शुरू कर दें।
4 हेल्दी बिहेवियर अपनाएं (Healthy behavior)
कैलोरी की गिनती, मेनू प्लानिंग और पैमाने को देखने जैसी चीजों पर ज्यादा ध्यान न दें। इससे आप अपनी जीवनशैली में होने वाले बदलावों को भूल सकती (how to stop emotional eating) हैं। वास्तव में भोजन की लत में फंसने से अधिक क्रेविंग हो सकती है। नए खाद्य पदार्थ, या पुराने पसंदीदा व्यंजन तैयार करने के विभिन्न तरीकों को आज़माने से न डरें। यदि आप किसी महत्वपूर्ण लक्ष्य तक पहुंच जाती हैं, तो अपने आप को हेल्दी बेहेवियर यानी शाबाशी देने से नहीं चूकें।
5 हेल्दी विकल्प चुनें (Healthy alternatives)
यदि आपको भोजन के बीच में भूख लगती है, तो अपने लिए अच्छे निबलर्स भरपूर मात्रा में तैयार कर लें। फल, कम वसा वाली सब्जियां, नट्स, या यहां तक कि बिना मक्खन वाला पॉपकॉर्न जैसी चीजें बढ़िया हैं। या उन खाद्य पदार्थों के कम फैट वाले संस्करण आज़मायें (how to stop emotional eating) जिनका आप पहले से ही आनंद ले रही हैं।
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