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क्या थायराॅइड में नहीं खानी चाहिए मूंगफली? एक आहार विशेषज्ञ से जानते हैं इसका जवाब

आहार आपके शरीर को जरूरी पोषण देता है। वहीं कुछ फूड्स में इतने अधिक पौष्टिक तत्व होते हैं कि उन्हें सुपरफूड्स कहा जाने लगता है। ऐसा ही एक सुपरफूड है मूंगफली, पर क्या थायराॅइड असंतुलन होने पर कम कर देना चाहिए मूंगफली का सेवन?
नवरात्रि के व्रत के दौरान मुट्ठी भर भीगे हुए बादाम खाने से आपके शरीर और दिमाग को आसानी से पोषण मिल सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 6 Feb 2024, 17:34 pm IST
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तनाव, भागदौड़, पोषण और व्यायाम की कमी, आपको तेजी से बीमार बना रही है। इन दिनों बहुत सारे लोग जीवनशैली जनित रोगों का सामना कर रहे हैं। इनमें से एक है थायराइड की समस्या। जो आपके स्वास्थ्य को धीरे-धीरे खोखला बना देती है। गर्दन में मौजूद तितली के आकार का ग्लैण्ड थायरोक्सिन हाॅर्मोन रिलीज़ करती है। इसकी मदद से शरीर के मेटाबॉलिज्म से लेकर एनर्जी लेवल तक हर कार्य प्रणाली को सुचारू बनाए रखने में मदद मिलती है (Peanuts in thyroid problem) ।

यह समस्या किसी भी उम्र या वर्ग के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है। खानपान की गलत आदतें थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland) को प्रभावित करने वाले इस रोग के बढ़ने का मुख्य कारण साबित होती हैं। इसलिए थायराइड असंतुलन होने पर कुछ चीजों से परहेज की सलाह दी जाती है। ऐसा ही एक फूड है मूंगफली। आइए जानते हैं इसका कारण।

समझिए क्या है थायरॉइड

थायरॉइड तितली के आकार का एक छोटा सी ग्लैंड है, जो गर्दन में सामने की ओर मौजूद होती है। इसकी मदद से शरीर में थायरोक्सिन हार्मोन रिलीज होता है। शरीर में अगर आवश्यकता से दोगुना ज्यादा थायरॉइड हार्मोन बनने लगते है, तो उस प्रक्रिया को हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहा जाता है। दूसरी ओर अगर शरीर की आवश्यकता से कम मात्रा में थायरॉइड हार्मोन बनने लगा है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) कहा जाता है।

थायरॉइड की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना जरूरी है। चित्र : अडोबी स्टॉक

क्या होता है थायरॉइड असंतुलन का आपके शरीर पर प्रभाव

1. हाइपरथायरायडिज्म

इस स्थिति में थायरॉइड ग्रंथि ज़रूरत से ज्यादा थायरॉयड हार्मोन का उत्पाइन करने लगती है। खासतौर से टी4 हार्मोन तेज़ी से बढ़ने लगता है। ये समस्या महिलाओं और पुरूषों दोनों में ही देखी जाती है। मगर खासतौर से महिलाएं इस समस्या की चपेट में आती है।

हाइपरथायरायडिज्म से ग्रस्त व्यक्ति को घबराहट, वेटलॉस, अनिद्रा, कमज़ोरी, हाथ और पैरों का कांपना, मांसपेशियों में ऐंठन और मूड सि्ंवग की समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है।

2.हाइपोथायरायडिज्म

अंडरएक्टिव थायरॉइड कहा जाने वाला हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉइड ग्रंथि हार्मोन का उचित मात्रा में उत्पादन नहीं कर पाती है। आयोडीन की कमी इस समस्या का मुख्य कारण साबित होता है। हार्मोन की कमी के चलते उसका असर शरीर की अन्य गतिविधियों पर नज़र आने लगता है। मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होने लगता है। ये समस्या खासतौर से बच्चों में पाई जाती है।

बालों का पतलापन, पसीना न आना, कब्ज रहना, डिप्रेशन की समस्या, खुजली की समस्या बढ़ना, सर्दी सहन न कर पाना और कमज़ोर महसूस होना हाइपोथायरायडिज्म को दर्शाता है।

बढ़ता हाइपोथायरायडिज्म चिंता का विषय हो सकता है। चित्र शटरस्टॉक।

क्यों मूंगफली के सेवन को कंट्रोल करने की सलाह दी जाती है

सर्दी के मौसम में अधिकतर लोग मूंगफली खाना पसंद करते हैं। वहीं वेटलॉस के मद्देनज़र पीनट बटर भी लोग अपनी मील में शामिल करते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर मूंगफली शरीर को पोषण प्रदान करती है। मगर इसमें मौजूद ओमेगा 6 फैटी एसिड थायरॉइड के मरीज़ के लिए नुकसानदायक साबित होता है।

इस बारे में बातचीत करते हुए नूट्रिशनिस्ट मुग्धा प्रधान का कहना है कि थायराइड में ओमेगा 6 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। इससे शरीर में इंफलामेशन का खतरा बढ़ता है, जिसका असर लीवर पर पड़ता है। उससे पूरे शरीर की कार्य प्रणाली प्रभावित होने लगती है। इसके अलावा कई बार मूंगफली पर दिखने वाले दाग और उसका खराब स्वाद माइकोटॉक्सिन का संकेत देते हैं। दरअसल, मूंगफली में पाए जाने वाले माइकोटॉक्सिन थायराइड को बढ़ाते हैं और शरीर पर इसका कई प्रकार से दुष्प्रभाव भी नज़र आने लगता है।

मूंगफली में मौलूद गोइट्रोजेन हाइपोथायरायडिज्म के जोखिम को बढ़ा सकता है। दरअसल, शरीर में आयोडीन की अधिकता के कारण ये समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में मूंगफली का सेवन करने से बचना चाहिए। वे लोग जो हाइपोथायराइड से ग्रस्त हैं, उन्हें मूंगफली से परहेज करना चाहिए।

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मूगंफली पर दिखने वाले दाग और उसका खराब स्वाद माइकोटॉक्सिन का संकेत देते हैं। चित्र शटरस्टॉक।

मूंगफली के अलावा ये फूड्स भी थायराॅइड में हो सकते हैं नुकसानदेह

शरीर में थायरॉइड के जोखिम को कम करने के लिए सोया प्रोडक्टस को खाने से परहेज करें। इससे शरीर मे गोइट्रोजेन का स्तर बढ़ता है, जो नुकसानदायक है। कैफीन इनटेक से बचना चाहिए। इससे शरीर में थायरॉइड हार्मोन प्रभावित होता है। वहीं प्रोसेस्ड फूड और नट्स शरीर में फैट्स का कारण साबित होते हैं। ऐसे में उनके सेवन को अवॉइड करें। साथ ही ब्रोकली, फूलगोभी और पत्तागोभी के सेवन से शरीर में थायरॉइड का स्तर बए़ सकता है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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