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कोविड-19 से ग्रस्त हुए लोगों में बढ़ी हैं हार्ट हेल्थ संबंधी समस्याएं, स्वास्थ्य मंत्री ने दिया दिल का ध्यान रखने का सुझाव

अचानक ज्यादा शारीरिक गतिविधियां करने के कारण आने वाले इस हार्ट अटैक पर ICMR ने एक शोध की हैं, जिसमें उन्होंने इसके लिए 'कोविड-19' को जिम्मेदार बताया है।
कई शोध में पाया गया है कि सर्दियों में हार्ट अटैक के केस बढ़ते है। चित्र- अडोबीस्टॉक
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आजकल अपने शारीरिक स्वास्थ्य और बाहरी लुक्स को बेहतर बनाएं रखने के लिए लोग तमाम तरह की चीज़े करते हुए दिखाई पड़ते हैं। लेकिन इसी के चलते लोग मानसिक स्वास्थ्य और शरीर की अंदरूनी सेहत को लगातार अनदेखा कर रहे है। इस श्रेणी में सबसे ज्यादा युवा शामिल है।

आज युवाओं की अनहेल्दी लाइफस्टाइल ने उनके स्वास्थ्य और जीवन पर कई प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए है। साथ ही उम्रदराज लोगों में दिखाई देने वाली हार्ट अटैक जैसी बीमारियां अब युवाओं में भी बहुत आम हो गई हैं।

साल 2015 में छपी जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नॉस्टिक रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 2015 तक भारत में 6.5 करोड़ लोग हार्ट की बीमारियों से पीड़ित थे, जिसमें से युवाओं का हिस्सा बहुत अधिक था। इस रिपोर्ट में लगभग ढ़ाई करोड़ लोगों की उम्र 40 वर्ष या उससे कम पाई गई।

वहीं, WHO की एक और रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पिछले 10 वर्षों में भारत में हार्ट रिलेटेड बीमारियों से होने वाली मौतों में 75 % तक वृद्धि हुई है।

साथ ही आजकल सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे वीडियो सामने आते दिखाई पड़ते है, जिसमें डांस करते समय या जिम में कसरत करने के दौरान युवाओं को हार्ट अटैक आ रहे हैं। अचानक ज्यादा शारीरिक गतिविधियां करने के कारण आने वाले इस हार्ट अटैक पर ICMR ने एक शोध की हैं, जिसमें उन्होंने इसके लिए ‘कोविड-19’ को जिम्मेदार बताया है।

क्या कहती है रिपोर्ट?

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह बताया गया कि, कोविड-19 संक्रमण दिल के दौरे में योगदान दे सकता है और साथ ही जिन लोगों को संक्रमण का गंभीर सामना करना पड़ा है, उन्हें कम से कम एक या दो साल तक अधिक परिश्रम नहीं करना चाहिए।

रिपोर्ट में हार्ट अटैक और कोविड के बीच संबंध बताया गया है । चित्र : अडोबी स्टॉक

इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी सभी से आग्रह किया कि, जिन लोगों को गंभीर कोविड हुआ था, वे लोग थोड़े समय जैसे एक या दो साल के लिए कठिन वर्कआउट, दौड़ और ज़ोरदार व्यायाम से दूर रहे। ऐसा करने से हार्ट अटैक की समस्या को रोका जा सकता है।

क्या कोविड वैक्सीन के कारण बढ़ रहें हार्ट अटैक के केस ?

लगातार आते हार्ट अटैक के केसेज़ को देखते हुए कई लोगों ने भारत में लगाई जाने वाली कोविड पर सवाल उठाए थे। इसी मुद्दे पर ICMR ने कहा कि भारत में युवाओं में कोविड टीकाकरण से अचानक मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ा है। बल्कि ICMR ने दावा किया कि कोविड टीकाकरण ने वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों के जोखिम को कम कर दिया है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए इन 3 चीजों को करें अपने लाइफस्टाइल में शामिल

शरीर के बेहतर स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए हृदय का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है।

1 स्वस्थ आहार बेहद जरूरी

हृदय को स्वस्थ रखने के स्वस्थ आहार एक महत्वपूर्ण पहलू है। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, प्रोटीन और हेल्दी फैट से युक्त आहार लेने से हार्ट हेल्थ अच्छी रहती है। साथ ही दिल को मज़बूत बनाने के लिए सैच्युरेटेड और ट्रांस फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम का सेवन सीमित करें। वहीं, मीठे पेय पदार्थों और प्रोसेस्ड फूड का सेवन भी कम करें।

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2 नियमित व्यायाम

हार्ट हेल्थ अच्छी रखने ले लिए व्यक्ति को प्रत्येक सप्ताह कम से कम 150 मिनट व्यायाम करना चाहिए। इसके साथ ही अपनी दिनचर्या में ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, स्विमिंग और साइकिल चलाने जैसी गतिविधियों को शामिल करें।

रोज़ व्यायाम करने से घटते है ‘हार्ट डिजीज’ के चांस। चित्र : शटरस्टॉक

3 पर्याप्त नींद लें

आजकल खराब दिनचर्या और अत्यधिक डिजिटल  उपकरणों के प्रयोग से युवाओं का स्लीप शेड्यूल प्रभावित होता है। अपर्याप्त नींद के कारण तमाम स्वास्थ्य समस्याओं के साथ हृदय संबंधी बीमारियां भी दिखाई पड़ती है। यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो प्रति रात 7-9 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद का लक्ष्य रखें। खराब नींद हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान कर सकती है।

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कार्तिकेय हस्तिनापुरी

पिछले कई वर्षों से मीडिया में सक्रिय कार्तिकेय हेल्थ और वेलनेस पर गहन रिसर्च के साथ स्पेशल स्टोरीज करना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें घूमना, पढ़ना-लिखना और कुकिंग में नए एक्सपेरिमेंट करना पसंद है। जिंदगी में ये तीनों चीजें हैं, तो फिजिकल और मेंटल हेल्थ हमेशा बूस्ट रहती है, ऐसा उनका मानना है। ...और पढ़ें

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