डियर लेडीज, आपकी ज्यादातर समस्याओं का इलाज है योनि मुद्रा, सर्वोत्तम लाभ के लिए इस तरह करें अभ्यास
योनि मुद्रा (Yoni Mudra) हस्त मुद्राओं (Hand Mudra) में सबसे अहम मुद्रा है। यह योग की उन मुद्राओं में से एक है, जो मन की शांत स्थिति को बढ़ावा देती है। यह दोनों संस्कृत शब्द हैं, जिसमें योनि का अर्थ है ”वेजाइना (Vagina) ”’ यह सामान्य रूप से महिला प्रजनन प्रणाली (Female reproductive system) को संदर्भित करता है, और मुद्रा का अर्थ है “इशारा” या “ऊर्जा (Energy)।
योनि मुद्रा महिला प्रजनन अंग का प्रतिनिधित्व है। हिंदू धर्म में, योनि मुद्रा स्त्री शक्ति को समर्पित है। योनि मुद्रा गर्भ की ”रचनात्मक शक्ति’ को जन्म देती है। इसलिए, योनि मुद्रा, किसी सुप्रीम पॉवर की तरह आपको शक्ति देती है।
इस तरह करें योनि मुद्रा
अपने अंगूठे को कानों पर रखें और तर्जनी को पलकों पर धीरे से टिकाएं।
मध्यमा अंगुलियों को संबंधित नासिका छिद्र पर रखें।
अनामिका उंगली को होठों के ऊपर और छोटी उंगली को नीचे रखें। सुनिश्चित करें कि आपकी कोहनी कंधे के स्तर पर हो और जमीन के समानांतर।
अब खुद को सांस लेते और छोड़ते हुए महसूस करें। मन अन्य विचारों की ओर भटक सकता है, लेकिन धीरे से इसे वापस श्वास पर ले आएं।
आवश्यकतानुसार इस मुद्रा का प्रतिदिन सुबह या दिन में अभ्यास करें।
जानिए आपके लिए कैसे फायदेमंद है योनि मुद्रा?
योनि मुद्रा को करने के कई फायदे हैं जैसे – मानसिक शांति, नर्वस सिस्टम में सुधार, फोकस बढ़ाना, आपको आध्यात्म से जोड़ना आदि। इतना ही नहीं, यह महिलाओं की समस्याओं में भी फायदा पहुंचा सकती है।
1 पीरियड्स को संतुलित रखे
योनि मुद्रा मासिक धर्म चक्र में आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है । यह गर्भ को मजबूत करने में मदद करती है। साथ ही, इसे करने से आपको मूड स्विंग (Mood Swing) की भी कोई शिकायत नहीं आएगी।
2 ब्लड प्रेशर नियंत्रित करे
उंगलियों में मौजूद पांच पृथ्वी तत्वों को मिलाकर योनि मुद्रा बनी है। ज़्यादातर इस मुद्रा का उपयोग मन और शरीर को शांत करने के लिए किया जाता है। यह तनाव मुक्त करने में मदद करती है और हाई बीपी के लिए भी फायदेमंद है।
3 आपकी ऊर्जा को बढ़ाए
यह मुद्रा एक महिला को उसकी आंतरिक स्त्री ऊर्जा से जोड़ने में मदद करती है। शरीर और प्राण के बीच सामंजस्य स्थापित करके, यह मुद्रा महिलाओं को खुद को उत्तेजित और फिर से जीवंत करने में मदद करती है।
4 गर्भाशय के कामकाज को नियंत्रित करे
यह गर्भाशय के लिए एक लाभकारी योग मुद्रा है और प्रजनन क्षमता में सुधार करती है। इस मुद्रा का अभ्यास महिलाओं के लिए बेहतरीन माना जाता है। यह हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करती है और प्रजनन प्रणाली के कामकाज में सुधार करती है।
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