क्या वज्रासन करने पर आपके पैर सुन्न हो जाते हैं? तो जानिए इसका कारण और बचाव के उपाय
हम योग के अनगिनत फायदों से वाकिफ हैं। हालांकि योग करना सरल लगता है, लेकिन कुछ योगासन हैं, जिन्हें शुरुआत में लंबे समय तक करना कठिन लगता है। ऐसा ही एक योगासन है वज्रासन (Vajrasana)। हममें से अधिकांश लंबे समय तक उस अवस्था में नहीं रह सकते हैं। वज्रासन अर्थात थंडरबोल्ट पोज, में लगातार बैठने से कुछ लोगों के पैर सुन्न (numbness during Vajrasana) होने लगते हैं। पर क्या आप इसका कारण जानती हैं? नहीं? तो आप सही जगह पर हैं। क्योंकि हम आपको वज्रासन में पैर सुन्न होने का न केवल कारण बताएंगे, बल्कि इससे बचाव के टिप्स भी आपके साथ शेयर करेंगे।
वज्रासन क्या है?
यह घुटने टेक कर बैठने वाली मुद्रा है, जिसका नाम संस्कृत शब्द वज्र से लिया गया है। इसका अर्थ होता है हीरा या वज्र और आसन अर्थात मुद्रा। वज्र मुद्रा नाड़ी को सक्रिय करने में फायदेमंद है। यह जांघों और पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बाधित करता है और पेल्विक एरिया और पेट में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है।
यह अच्छे पाचन को बढ़ावा देता है और लिवर के कार्यों में सहायता करता है। यह सायटिका के दर्द, नर्व इश्यू में भी आराम पहुंचाता है। वास्तव में वज्रासन ही एकमात्र योगासन है, जिसे खाना खाने के बाद किया जाता है। भोजन करने के तुरंत बाद इसका अभ्यास करना चाहिए।
पैर क्यों सुन्न होने लगते हैं वज्रासन में?
वज्रासन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। हम में से अधिकांश लोग इस मुद्रा में पांच मिनट तक भी नहीं बैठ पाते। इससे या तो हमारे पैर सुन्न हो जाते हैं या फिर हमें खिंचाव महसूस होने लगता है। जाहिर है यह अच्छा संकेत नहीं है।
अक्षर योग अनुसंधान और विकास केंद्र के संस्थापक हिमालयन सिद्ध अक्षर ने हेल्थ शॉट्स को बताया कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम कुर्सियों पर बैठने के आदी हैं और फर्श पर बैठने का अभ्यास खो चुके हैं।
वे कहते हैं, ” वज्रासन के दौरान किसी खास एलाइनमेंट में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने पर पैरों में सुन्नता महसूस होने लगती है। लेकिन जब आप अपने आप को आसन से मुक्त कर लेंगी और अपने पैरों को पोज से बाहर निकाल लेंगी, तो सुन्नता स्वाभाविक रूप से दूर हो जाएगी। ”
इससे बचने के लिए क्या किया जा सकता है?
ग्रैंड मास्टर अक्षर कहते हैं, “इसके लिए आप सिद्ध वॉक का अभ्यास कर सकती हैं, जिसे इन्फिनिटी वॉक, योगा वॉक और माइंड वॉक के नाम से भी जाना जाता है। इसमें अंक 8 या इन्फिनिटी के शेप में चलना होता है। इसे आप दोनों दिशाओं में 21 मिनट तक कर सकती हैं। सिद्ध वॉक (Siddha Walk) में दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर चलना शुरू किया जाता है। फिर उतनी ही अवधि के लिए उत्तर से दक्षिण की ओर चला जाता है।”
लंबे समय तक वज्रासन में बैठने के टिप्स
- शुरुआत हमेशा स्ट्रेचिंग से करें। लंबे समय तक बैठने के बाद हमेशा थोड़ा स्ट्रेच करें।
- सिर्फ पैदल ही नहीं, पैरों को मजबूत बनाने के लिए जॉगिंग, साइकिलिंग या सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश करें।
- शुरुआत में वज्रासन में 2 से 3 मिनट ही बैठना चाहिए। फिर धीरे-धीरे इस अवधि को बढ़ाएं।
- वज्रासन में लंबे समय तक बैठना हो तो अपने पैरों या घुटनों के नीचे एक तकिया रखें।
कब स्थिति हो सकती है चिंताजनक
वज्रासन करते समय कुछ थोड़ी देर पैर सुन्न होना आम बात है। पर ऐसा लगातार या बार-बार नहीं होना चाहिए।
वे बताते हैं, “चूंकि योग एक समग्र अभ्यास है, सुन्नता का यह रूप पूरी तरह से स्वाभाविक है। हमारे लिए चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है। अगर यह सुन्नता बार-बार होती है, तो आपको खुद इसका निरीक्षण करना चाहिए और फिर चिकित्सकीय राय लेनी चाहिए। ”
अंत में पैरों में सुन्नता एक सामान्य घटना है और बहुत से लोग जो आसन के अभ्यस्त नहीं होते हैं, वे इसका अनुभव कर सकते हैं। इसलिए लाभ प्राप्त करने के लिए चिंता न करें और अभ्यास करना शुरू करें।
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