व्यस्तता और सेहत के प्रति लापरवाही महिलाओं में बढ़ा रही है थायरॉइड प्रोब्लम, इन योगासनों से करें इसे कंट्रोल
परिवार को जोड़े रखने और बच्चों का भविष्य बनाने में मांए दिन-रात एक कर देती हैं। मगर अपनी सेहत के प्रति ज्यादातर मांओं का रवैया लापरवाही भरा होता है। ज्यादातर माताएं ऐसी होती हैं जो न सिर्फ अपने सपनों को, बल्कि अपनी सेहत की जरूरतों को भी नजरंदाज कर देती हैं। जिसका असर बढ़ती उम्र के साथ होने वाली बीमारियों के रूप में दिखाई देता है। ऐसी ही एक समस्या है थायरॉइड असंतुलन की।
बढ़ती उम्र के साथ ज्यादातर महिलाएं इस समस्या से ग्रस्त होने लगती हैं। अगर आपकी मम्मी भी थायरॉइड असंतुलन का सामना कर रहीं हैं, तो उनकी मदद के लिए यहां कुछ योगासन दिए गए हैं। जैसे आपकी मॉम ने आपको संभाला, अब आपकी भी जिम्मेदारी है कि आप उनकी सेहत के लिए समय निकालें।
व्यस्त जिंदगी, सेहत की लापरवाही और थायरॉइड प्रोब्लम
कई महिलाएं काम में व्यस्त होने के कारण जिम नहीं जा पातीं, तो कई महिलाओं को जिम जाकर एक्सरसाइज करना अच्छा नहीं लगता। वहीं कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो अपने काम में इतनी ज्यादा व्यस्त रहती हैं कि एक्सरसाइज के महत्व को समझ ही नहीं पातीं। जिससे उनका लाइफस्टाइल और सेहत दोनों खराब होने लगते हैं। यह बहुत बड़ा कारण है कि महिलाओं को सबसे पहले थायरॉइड की समस्या हो सकती है।
बढ़ रहे हैं थायरॉइड प्रोब्लम के आंकड़े
भारत में थायराइड का आकंड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है और ये एक कॉमन बीमारी हो गई है। अमेरिकन थायरॉइड एसोसिएशन के अनुसार, महिलाओं में थायरॉइड रोग विकसित होने की संभावना पुरुषों की तुलना में पांच से आठ गुना अधिक होती है। हर आठ में से एक महिला अपने जीवनकाल में थायरॉइड डिसऑर्डर का सामना करती है।
इसका कोई वैज्ञानिक जवाब नहीं है कि महिलाएं थायरॉइड रोग के प्रति इतनी संवेदनशील क्यों हैं, हालांकि ये बताया जाता है कि थायरॉइड ऑटोइम्यूनिटी से जुड़ा हुआ है जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाया जाता है। 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं को थायराइड ग्रंथि की समस्याओं का अधिक खतरा होता है।
क्या होती है थायरॉइड की समस्या
थायरॉइड एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो गर्दन के सामने, एडम के नीचे होती है। थायरॉइड ग्रंथि आपके शरीर के कई कार्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आपके शरीर के चयापचय, तापमान, वृद्धि और विकास को विनियमित करने में मदद करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है। थायरॉयड की समस्याएं आमतौर पर थायरॉयड ग्रंथि को प्रभावित करने वाली समस्या है।
थायरॉयड समस्याएं कई तरह की होती हैं
1 हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
यह तब होता है जब थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है। इसके लक्षणों में थकान, वजन बढ़ना, ठंड के प्रति संवेदनशीलता, शुष्क त्वचा और अवसाद शामिल हो सकते हैं।
ये भी पढ़े- मोटापा और हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा देता है नाइट शिफ्ट में काम करना, जानिए खुद को कैसे प्रोटेक्ट करना है
2 हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism)
हाइपरथायरायडिज्म तब होता है जब थायरॉयड ग्लैंड, थायरॉयड हार्मोन का अधिक उत्पादन करती है। लक्षणों में वजन कम होना, तेज़ दिल की धड़कन, गर्मी बर्दाश्त न करना, घबराहट और कंपन हो सकते हैं।
3 थायरॉयड नोड्यूल (Thyroid nodules)
ये थायरॉयड ग्लैंड में असामान्य वृद्धि या गांठ हैं। जबकि कई नोड्यूल सौफ्ट होते हैं, कुछ कैंसरयुक्त हो सकते हैं। थायरॉयड नोड्यूल लक्षण पैदा कर सकते हैं या नहीं भी कर सकते हैं।
4 थायरॉयडिटिस (Thyroiditis)
यह थायरॉयड ग्लैंड की सूजन को दिखाता है, जो अस्थायी हाइपरथायरायडिज्म के बाद हाइपोथायरायडिज्म या केवल हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकता है।
5 थायरॉइड कैंसर (Thyroid cancer)
ये स्थित कम आम है, लेकिन थायरॉइड कैंसर हो सकता है और यह थायरॉइड ग्लैंड या गर्दन में गांठ, निगलने या सांस लेने में कठिनाई और कभी-कभी आवाज में परिवर्तन के रूप में सामने आ सकता है।
थायरॉइड में लाभदायक हो सकता है इन योगासनों का अभ्यास (Yoga to balance thyroid function)
1 सर्वांगासन (Shoulder stand)
- यह उल्टा आसन गर्दन के क्षेत्र को संकुचित और रिलैक्स करके थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है, जिससे थायरॉयड में रक्त का प्रवाह बढ़ता है।
- अपनी पीठ के बल लेटें और अपने पैरों और धड़ को ऊपर की ओर उठाएं।
- आपका शरीर जमीन से पर्पैंडिकुलर होना चाहिए।
- अपने हाथों से अपनी पीठ को सहारा देने की कोशिश करें।
- कुछ सांस लेने तक इसी पोज में रुकें।
2 हलासन (Plow Pose)
- हलासन गले के क्षेत्र को भी हल्का दबाव प्रदान करता है, जिससे थायरॉयड ग्रंथि उत्तेजित होती है।
- कंधे पर खड़े होकर, अपने पैरों को अपने सिर के पीछे तब तक नीचे करें जब तक कि आपके पैर ज़मीन को न छू लें।
- अपने हाथों को अपनी पीठ के निचले हिस्से को सहारा देते हुए या ज़मीन पर सीधा करके रखें।
3 मत्स्यासन (Fish Pose)
- यह आसन गर्दन और गले के क्षेत्र को फैलाता है, थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है और इस क्षेत्र में रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
- पैरों को फैलाकर अपनी पीठ के बल लेट जाएं।
- हाथों को अपने कूल्हों के नीचे रखें और अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं।
- पीठ को झुकाएं और अपने सिर के क्राउन एरिया को ज़मीन की ओर लाएं।
4 उष्ट्रासन (Camel Pose)
- उष्ट्रासन गर्दन को फैलाता है और थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है, साथ ही छाती और गले को भी खोलता है।
- घुटनों को कमर की चौड़ाई के बराबर दूरी पर रखकर मैट पर घुटने टेकें।
- हाथों को अपनी पीठ के निचले हिस्से पर रखें और धीरे से पीछे की ओर झुकें।
- हाथों को अपनी एड़ियों की ओर ले जाएं।
- गर्दन को लंबा रखें और ऊपर की ओर देखें।
ये भी पढ़े- सही एक्सरसाइज हेयर ग्रोथ में भी है मददगार, यहां जानिए बालों को लंबा करने वाले व्यायाम