आमतौर पर गर्मी के इस मौसम में वर्कआउट रूटीन थोड़ा सा गड़बड़ा जाता है। जॉगिंग, जंपिंग और स्ट्रेचिंग में खूब पसीना बहने से कारण निर्जलीकरण की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे चुनौती भरे समय में फिटनेस को मेंटेन करने के लिए रस्सी कूदना एक कारगर विकल्प है। इससे न केवल गर्म हवाओं के प्रकाप से बचा जा सकता है, बल्कि एक्स्ट्रा कैलोरीज़ को बर्न करने में भी मदद मिलती है। कार्डियों और मसल्स की स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए जंपिंग रोप बेहद फायदेमंद है। जानते हैं रस्सी कूदने के फायदे (Jumping rope benefits)।
इस बारे में लाईफस्टाइल कोच पूजा मलिक बताती हैं कि जंपिंग रोप एक कार्डियो एक्सरसाइज़ है। रोज़ाना रस्सी कूदने की प्रैक्टिस करने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है और अतिरिक्त कैलोरीज़ बर्न हो जाती हैं। कुछ लोगों में रस्सी कूदना मसल्स गेन का भी कारण साबित होता है।
इसे होलबॉडी वर्कआउट कहा जाता है, जिससे टांगों, बाजूओं और पेट की मसल्स को मज़बूती मिलती है। इसकी खासियत ये है कि इस कार्डियो वर्कआउट के लिए किसी निर्धार्रित स्थान की आवश्यकता नहीं है। इसे आप इनडोर या आउटडोर कहीं भी कर सकते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार रस्सी कूदने से कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस में सुधार आने लगता है। दरअसल, लगातार रस्सी कूदने से मसल्स की मज़बूती बढ़ती है। लगातार रस्सी कूदने से मसल्स में ब्लड पंप करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इससे हार्ट रेट बढ़ने लगता है और लंग कपेसिटी में सुधार महसूस होता है।
वर्कआउट रूटीन में जंपिंग रोप को एड करने से शरीर का बैलेंस और कॉर्डिनेशन बना रहता है। इसे नियमित तौर पर करने से शरीर में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर काके शरीर को एक्टिव बनाए रखने में मदद मिलती है। जर्नल ऑफ फिजिकल थेरेपी साइंस के अनुसार रस्सी कूदने वाले लोगों का बॉडी मास इंडेक्स यानि बीएमआई कम होता है।
देर तक रस्सी कूदने से बार बार होने वाली थकान, दर्द, ऐंटन और आलस्य से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में व्यक्ति का स्टेमिना बढ़ जाता है और वो सभी एक्टीविटीज़ में पार्टिसिपेट करने लगता है। कार्यक्षमता में सुधार लाने के लिए जंपिंग रोप को दिन में 2 से 3 बार दोहराएं।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार जंपिंग रोप से कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। जहां 45 किलो वज़न का व्यक्ति रस्सी कूदकर 500 कैलोरी बर्न कर सकता है, तो वहीं 90 किलो का व्यक्ति प्रति घंटे 1,000 कैलोरी बर्न करता है। इस वर्कआउट से कम समय में वेटलॉस में मदद मिलती है।
देर तक रस्सी कूदने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते है। इससे व्यक्ति एक्टिव और खुश बना रहता है। इसे करने से बार बार मूड सि्ंवग की समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा शरीर को तनाव और डिप्रेशन जैसी समसयाओं को दूर रखने में मदद करती है।
इस हाई इपेक्ट एक्सरसाइज से हड्डियों में तनाव बढ़ता है, जिससे बोन्स को मज़बूती मिलती है। कूदने से हिप बोन डेंसिटी में सुधार आने लगता है, जिससे चोटिल होने का खतरा कम हो जाता है। इससे शरीर में ओस्टियोपिरोसिस का खतरा कम हो जाता है। साथ ही उम्र के साथ बढ़ने वाले जोड़ों के दर्द और शरीर में ऐंठन से राहत मिल जाती है।
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