दूध और रेड मीट भी हो सकता है आपके पेरेंट्स के जोड़ों में दर्द का कारण, जानिए गाउट बढ़ाने वाले फूड्स के बारे में
खराब खानपान और मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती हैं। इनमें से एक है गाउट। यदि हम बहुत अधिक मांस-मछली का सेवन करने लगते हैं, तो न सिर्फ हमारा कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई हो जाता है, बल्कि हम हाई बीपी के भी शिकार हो जाते हैं। इनके कारण मोटापा भी हमारे शरीर पर हावी हो जाता है। ब्लड में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने से आगे ज्वाइंट्स में गाउट की समस्या (foods that aggravate gout) होने लगती है। खान-पान की आदतों में बदलाव लाकर गाउट की समस्या से बचाव किया जा सकता है।
कैसे होता है गाउट (Gout)
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बीएचयू में फिजियोथेरेपी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शुभ्रेन्दु शेखर पांडे बताते हैं कि अर्थराइटिस तीन तरह के होते हैं।
1 ऑस्टियोअर्थराइटिस 2 रयूमेटॉयड अर्थराइटिस 3 गाउट
गाउट या गठिया अर्थराइटिस का ही एक रूप है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। ब्लड में यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाने के कारण गाउट होता है। यूरिक एसिड जब अधिक बढ़ जाता है, तो इसके क्रिस्टल बनने लगते हैं। ये क्रिस्टल फिर ज्वाइंट्स में जमा होने लगते हैं। इससे जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाती है। शरीर में प्यूरीन अधिक होने से ब्लड में यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाता है। कभी-कभार किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होने पर भी ब्लड में यूरिक एसिड की वृद्धि हो जाती है।
यहां हैं 5 फूड्स जिनका सेवन बंद करने से गाउट से बचाव किया जा सकता है
न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. रेखा श्रीवास्तव बताती हैंं कि अपने आहार से यदि कुछ फूड्स के सेवन को बंद कर लें या कम कर दें, तो गाउट की समस्या में राहत मिल सकती है।
1 प्यूरीन फूड्स (Purines Food)
कुछ फूड जैसे कि वाइन, कुछ सी फूड्स जैसे कि म्यूसल, लॉबस्टर, श्रिम्प, केकड़े, सीप में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। कॉर्न सिरप, हाई फ्रुक्टोज फ्रूट्स, जूस, बीफ, पोर्क, चिकन लिवर, यीस्ट में प्यूरीन अधिक पाया जाता है। सभी प्यूरीन फूड हानिकारक नहीं होते हैं। लेकिन इनकी ज्यादा मात्रा में सेवन से दिक्कत हो सकती है। जब प्यूरीन डाइजेस्ट होता है, तो वेस्ट प्रोडक्ट के रूप में यूरिक एसिड बनता है। यही यूरिक एसिड क्रिस्टल रूप में ज्वाइंट में जमा होने लगता है। इससे गाउट की समस्या बढ़ जाती है। एक स्टडी के अनुसार, हाई प्यूरीन फूड के सेवन से गाउट का खतरा पांच गुणा बढ़ जाता है।
2 हाई फ्रुक्टोज फूड्स(High Fructose Foods)
कई फलों और रसों में फ्रुक्टोज नेचुरल शुगर के रूप में रहता है। रिसर्च बताते हैं कि हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप के साथ-साथ दूसरे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में मौजूद फ्रुक्टोज सीरम में यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ा सकता है। इससे बचने या सीमित करने से गाउट के लक्षणों और गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है।
3 रेड मीट या ऑर्गन मीट (Red Meat or Organ Meat)
इन दोनों तरह के मांस में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। पबमेड सेंट्रल के रिसर्च से यह प्रमाणित हो चुका है कि मीट में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है।
इसलिए वेजिटेरियन की अपेक्षा नॉन वेजिटेरियन लोगों के ब्लड में यूरिक एसिड का लेवल अधिक होता है।
4 हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट (High Fat Dairy Product)
हाई प्रोटीन और हाई फैट दोनों ही यूरिक एसिड को बढ़ावा देते हैं। हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट लेने से यूरिक एसिड का जमाव बढ़ सकता है। गाउट से पीड़ित लोग पनीर जैसे प्रोसेस्ड डेयरी प्रोडक्ट का सेवन कम करें, क्योंकि इनमें प्यूरीन की मौजूदगी अधिक होती है।
5 यीस्ट(Yeast)
यदि आपको गाउट की समस्या है, तो यीस्ट और खाद्य पदार्थों में मौजूद यीस्ट को अपने आहार में शामिल नहीं करें। यीस्ट यूरिक एसिड को बढ़ा देता है। डिब्बाबंद सूप, डिब्बाबंद फूड, स्टॉज, सोया सॉस और सॉल्टी स्नैक्स में यीस्ट मौजूद हो सकता है। इसलिए इसे न खाएं।
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कस्टमाइज़ करें6 शराब (Wine)
कई रिसर्च बताते हैं कि अल्कोहल गाउट की मुख्य वजहों में से एक है। बार-बार और अधिक शराब का सेवन क्रोनिक हाइपरयूरिसीमिया का कारण बनता है। इससे गाउट का जोखिम बढ़ जाता है।
डॉ. रेखा कहती हैं, प्रोसेस्ड फूड की बजाय कलरफुल साबुत अनाज जैसे जौ, बाजरा, ओट्स, क्विनोआ आदि को अपने आहार में शामिल करें। लेकिन इनकी भी संतुलित मात्रा ही लें। एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर फल खाएं। इससे गाउट की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।