बहुत ज्यादा ऑयली फूड खाना और पड़े रहना बन सकता है फैटी लिवर का कारण, इससे बचना है तो हो जाएं सावधान
असंतुलित जीवनशैली, अनियमित खानपान और प्रदूषण का बढ़ता स्तर कई शारीरिक समस्याओं के जोखिम को बढ़ाने का मुख्य कारण साबित हो रहा है। इन्हीं समस्याओं में से एक है फैटी लिवर की समस्या। वे लोग जिनका वज़न अधिक है और जो फिज़िकल एक्टिविटी को अवॉइड करते है। वे आसानी से इस समस्या की चपेट में आ जाते हैं। यानि डेली रूटीन की कुछ अनहेल्दी आदतें आपके शरीर में इस समस्या के जोखिम को बढ़ देती है। तो देर किस बात की। इस लेख को पढ़े और जानें कि वो कौन सी अनहेल्दी लाइफस्टाइल हैबिट्स हैं, जो फैटी लीवर के खतरे को बढ़ाती हैं (Habits to increase fatty liver)।
इस बारे में बातचीत करते हुए जर्नल फिजिशियन डॉ नताशा कुमराह का कहना है कि खानपान की गलत आदतें और फिज़िकल एक्टिविटी की कमी इस समस्या का मुख्य कारण साबित होते हैं। वे लोग जो अत्यधिक शराब का सेवन करते है और फ्राइड फूड खाने के शौकीन होते हैं। उनके लीवर में सूजन बढ़ने लगती है। इसके अलावा शारीरिक अंगों में कैलोरीज़ जमा होने लगती है। इससे शरीर में लिपिड प्रोफाइल के बढ़ने, मेटाबोलिज्म के स्लो होने और ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी दर्ज की जाती है। इससे पेट संबधी समस्याओं का भी जोखिम बढ़ने लगता है।
क्या हैं फैटी लिवर के लक्षण (Symptoms of fatty liver)
एसिडिटी की समस्या का बढ़ना और पेट में दर्द का अनुभव होना। इसके अलावा ब्लोटिंग की प्रॉबल्म लगातार बने रहना
समय से खाने की इच्छा न होना और लगातार वज़न का घटते चले जाना। इससे शरीर में कमज़ोरी का अनुभव होना
वे लोग जो इस समस्या से ग्रस्त होते हैं। उन्हें त्वचा पर हर दम खुजली महसूस होती है और पैरों में भी सूजन बने रहना
यूरिन के रंग में बदलावा नज़र आना। यूरिन का रंग गहरा पीला हो जाना और हर दम जी का मचलना
चिंतित रहना और किसी भी काम पर पूरी तरह से फोक्स न बना पाना
वो अनहेल्दी आदतें, जो बढ़ाती हैं फैटी लिवर का जोखिम (Habits to increase fatty liver)
1 अल्कोहल का अत्यधिक सेवन
एक्सपर्ट के अनुसार वे लोग जो रोज़ाना शराब का सेवन करते हैं। वे आसानी से फैटी लिवर की समस्या के शिकार हो जाते हैं। अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन लीवर पर फैट की एक परत चढ़ा देता है। जो अल्कोहलिक फैटी लीवर का कारण साबित होता है।
2 फ्राइड फूड का लगातार कंजप्शन
प्रीजर्वेटिवस और आर्टिफिशल कलर्स से भरपूर फूड्स शरीर में कई समस्याओं का कारण बनने लगते है। इसमें ऐडिड शुगर, सॉल्ट और ऑयल शरीर में फैट्स को बढ़ाने लगते हैं। ऐसे में शरीर में कैलोरीज़ के इकट्ठा होने के साथ साथ हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की समस्या के बढ़ने का खतरा रहता है। रेड मीट का सेवन भी शरीर में सैचुरेटिड फैट्स को बढ़ाने लगता है।
3 नियमित रूप से वर्कआउट न कर पाना
हेल्दी डाइट के अलावा रेगुलर एक्सरसाइज़ शरीर में फैटी लीवर के खतरे को कम कर देते हैं। कमर के आस पास जमा होने वाली कैलोरीज़ फैटी लिवर का कारण बनती है। दिनभर में कुछ देर के लिए माइल्ड एक्सरसाइज़ और योग करके शरीर में जमा कैलोरीज़ को बर्न किया जा सकता है। इसके अलावा रूटीन वॉक से भी हाई ब्लड प्रेश और डायबिटीज़ को बढ़ने से रोकते हैं। इससे शरीर मज़बूत बनता है और फैट धीरे धीरे कम होते चले जाते हैं।
4 सिडेंटरी लाइफस्टाइल फॉलो करना
कुछ लोग जो दिनभर में कुछ वक्त टहलने के लिए भी नहीं निकालते हैं। उन्हें इस समस्या से दो चार होना पड़ता है। इससे शरीर में कमज़ोरी महसूस होने लगती है। इसके अलावा ऐसे लोग हर दम भ्रम की स्थिति में रहते हैं। ऐसे लोगों को दिनभर लेटे रहने की जगह कुछ वक्त उठकर घूमना फिरना चाहिए ताकि मेटाबॉलिज्म को मज़बूती मिल पाए।
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