लीवर शरीर में 500 से अधिक अलग-अलग कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है। अन्हेल्दी लीवर ओवरआल हेल्थ को खराब कर देता है। लिवर से संबंधित बीमारियों में सबसे आम है- नॉनअल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) है। खराब लाइफस्टाइल के कारण भारत में इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही है। खान-पान के तरीके और पोषक तत्वों से भरपूर उचित भोजन के चुनाव से इसे नियन्त्रण में रखा (The Mediterranean Diet for fatty liver) जा सकता है।
न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन डॉ. प्रियंका जयसवाल बताती हैं, ‘नॉनअल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के कारण लिवर सेल में वसा जम जाती है। इसके कारण जरूरी अंग ठीक से काम करना बंद कर देते हैं। यह वसा के निर्माण और इसके कारण सूजन और सिरोसिस (Liver cirrhosis) का कारण बन सकता है। लिवर सिरोसिस से लीवर कैंसर या लीवर फेल्योर भी हो सकता है। एनएएफएलडी के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों के लेने से न केवल एनएएफएलडी धीमा हो सकता है, बल्कि यह लीवर की क्षति (Liver Damage) को भी रोक सकता है।’
डॉ. प्रियंका जयसवाल के अनुसार, फैटी लीवर, मोटापा और ओवरआल हेल्थ के लिए मेडिटेरिनियन डाइट या भूमध्यसागरीय आहार में उपयोग की जाने वाली मुख्य सामग्री खाने से लाभ होता है। इसमें साबुत अनाज,फल और सब्जियां, फलियां, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स और ऑलिव ऑयल का प्रयोग किया जाता है। लीन फिश, थोड़ी मात्रा में सी फ़ूड, दही भी लिया जाता है। इस आहार को खाने से शरीर को सक्रिय जीवन जीने के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।
भूमध्यसागरीय आहार या मेडिटेरिनियन डाइट में फैट बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाता है : हाई फैट वाले बीफ, चिकन, मिठाइयां और मीठे ड्रिंक, अत्यधिक प्रोसेस्ड फ़ूड को नहीं लिया जाता है। यह लीवर में वसा की मात्रा को कम करने में भी मदद करता है। एक्स्ट्रा वजन कम करने या स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।
मेडिटेरिनियन डाइट में मक्खन के बजाय दिल के लिए स्वस्थ जैतून के तेल या ऑलिव आयल (Olive oil for fatty liver) का प्रयोग किया जाता है। विटामिन और मिनरल से भरपूर सब्जियों को ऑलिव आयल के साथ भूना जाता है।
मेडिटेरिनियन डाइट में दोपहर के भोजन को पौष्टिक सूप या सलाद को एड किया जाता है। सलाद में विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों के अलावा, प्रोटीन से भरपूर फलियां, पत्तेदार साग अरुगुला और विटामिन एंड हेल्दी फैट से भरपूर एवोकैडो को शामिल किया जाता है। बीन्स में फोलेट, फाइबर और आयरन होते हैं, जो लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराने में मदद करते हैं। ये ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करते हैं।
स्मोक्ड पेपरिका, सौंफ, तुलसी, ओरीगेनो जैसे स्वादिष्ट स्पाइस और हर्ब का प्रयोग अधिक किया जाता है। ये हर्ब्स न सिर्फ फैट को कम करते हैं, बल्कि लिवर को तंदुरुस्त भी बनाते हैं। मेडिटेरिनियन डाइट में सी फ़ूड सैल्मन का प्रयोग किया जाता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो हृदय और लीवर हेल्थ से जुड़ा होता है। सैल्मन को लहसुन पाउडर, ओरीगेनो, नींबू और दूसरे कई हर्ब और स्वादिष्ट मसालों के साथ पकाकर खाया जाता है।
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