डायबिटीज का एक बड़ा कारण है तनाव, जानिए दोनों का कनैक्शन और कंट्रोल करने के उपाय
आज के समय में तनाव एक बेहद आम समस्या बन चुका है। तनाव न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह कई शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकता है। जिस तरह से डायबिटीज के आंकड़े बढ़ रहे हैं, यह हम सभी के लिए एक बड़ी चिंता बन गया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, कि तनाव भी डायबिटीज की स्थिति में योगदान देता है। एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थिति से ग्रसित लोगों में डायबिटीज का खतरा अधिक होता है (how stress cause diabetes)। अब आप सोच रही होंगी कि आखिर यह किस तरह मुमकिन है! तो चलिए जानते हैं एक एक्सपर्ट से।
डायबिटीज और तनाव संबंधी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉट्स ने डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पिंपरी पुणे, के सायकेट्री डिपार्मेंट के HOD डॉक्टर सुप्रकाश चौधरी से बात की।
तनाव कैसे बनता है डायबिटीज का कारण (how stress cause diabetes)
कई रिसर्च के परिणाम यह बताते हैं कि स्ट्रेस टाइप 2 डायबिटीज का कारण बनने वाले फैक्टर में से एक है। अत्यधिक तनाव की स्थिति में बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन्स का अधिक उत्पादन होता है। ये हाॅर्मोन पेनक्रियाटिक सेल्स को उचित मात्रा में इंसुलिन प्रोड्यूस करने से रोक सकते हैं। जिसकी वजह से शरीर को कम इंसुलिन मिलता है और यह टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ा देता है।
इसका सीधा अर्थ यह है कि जिस व्यक्ति के शरीर में अधिक मात्रा में कॉर्टिसोल का उत्पादन होता है (कॉर्टिसोल एक स्ट्रेस हार्मोन है) उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। तनाव, चिंता और और अन्य मानसिक स्थितियों में शरीर में कॉर्टिसोल का अधिक उत्पादन होना शुरू हो जाता है।
व्यक्ति तनाव में अपनी नियमित गतिविधियों के विपरीत कार्य करने लगते हैं। जैसे कि स्ट्रेस ईटिंग, तनाव में अक्सर लोग ओवर ईटिंग करना शुरू कर देते हैं। खासकर इस दौरान मीठे की अधिक क्रेविंग होती है, जो वेट गेन का कारण बन सकती है। वेट गेन और ओवरराइटिंग दोनों स्थितियां डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देती हैं।
तनाव आपके लाइफस्टाइल को खराब कर सकता है
अत्यधिक तनाव में होने से व्यक्ति के नियमित जीवन शैली पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। वह अपने व्यायाम, खानपान और नींद पर ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पाता। कई बार तनाव से बचने के लिए लोग स्माेकिंग या अल्कोहल का भी सहारा लेने लगते हैं। ये सभी फैक्टर ब्लड में शुगर के स्तर को बढ़ा देते हैं, जिससे कि टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर हो जाती है तनावग्रस्त लोगों की इम्युनिटी
क्रॉनिक स्ट्रेस इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने से इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। कमजोर इम्युनिटी टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा देती है।
तब क्या हो सकता तनाव के कारण होने वाली डायबिटीज से बचने का उपाय
1. स्ट्रेस ट्रिगर्स को पहचानें
अपने स्ट्रेस ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे जितना हो सके उतनी दूरी बनाएं। तनाव की स्थिति में नशीले पदार्थों से दूर रहें और खुद को जितना हो सके उतना पॉजिटिव रखने की कोशिश करें, ताकि आपके शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर संतुलित रहे।
2. स्लीप क्वालिटी इम्प्रूव करें
तनाव की स्थिति में स्लीप क्वालिटी पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे बॉडी में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है। ऐसे में इसपर नियंत्रण पाने के लिए बेहतर नींद प्राप्त करने की कोशिश करें। एक अच्छी स्लीप एनवायरनमेंट तैयार करें और बेड टाइम बनाएं जिससे की नींद आने में मदद मिलेगी।
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कस्टमाइज़ करें3. कॉमेडी शो देखें
कॉमेडी मूवी, शो, स्टैंड अप कॉमेडी, आदि देखने से व्यक्ति का मन हल्का होता है और उनका मूड फ्रेश रहता है। इससे व्यक्ति के शरीर में हैप्पी हार्मोंस रिलीज होते हैं और कॉर्टिसोल कम हो जाता है। जिससे तनाव के साथ ही डायबिटीज का खतरा भी कम हो जाता है।
4. वॉकिंग या अन्य फिजिकल एक्टिविटी में भाग लें
यदि आप तनाव में हैं और डायबिटीज से बचना चाहती हैं, तो नियमित रूप से वॉक करने की आदत बनाएं। साथ ही एक्सरसाइज, योग, डांसिंग, मेडिटेशन जैसी अन्य रिलैक्सिंग एक्टिविटीज में भाग ले सकती हैं। इससे आपके बॉडी में कोर्टिसोल का स्तर सिमित रहता है।
5. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स चुनें
यदि आप अत्यधिक तनाव में रहती हैं, तो तनाव सबसे पहले हंगर हॉर्मोन को प्रभावित करता है। इससके आपको अनचाही क्रेविंग्स हो सकती हैं। ऐसे में कोशिश करें कि लो ग्लाइसेमिक फूड्स लें, और जितना हो सके उतना सादा खाने की कोशिश करें।
6. नियमित जांच है जरुरी
यदि आपको किसी बात से तनाव है, तो आपको फौरन अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए। ताकि स्थिति में समय रहते सुधार किया जा सके। साथ ही साथ अपने तनाव पर नियंत्रण पाने की कोशिश करें। यदि नहीं कर पा रही हैं, तो डॉक्टर के संपर्क में रहे ताकि किसी भी गंभीर परेशानी का सामना न करना पड़े।
नोट: यदि तनाव बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है, तो ऐसे में डॉक्टर से परामर्श करें। प्रिसक्राइब्ड दवाइयों के साथ ही थेरेपी आदि में भी भाग ले सकती हैं। समय रहते तनाव पर नियंत्रण पाना जरूरी है, अन्यथा डायबिटीज जैसे कई अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
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