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सर्दी-खांसी कर रही है परेशान, तो जानिए इसमें क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज

अनहेल्दी खानपान के चलते गले में एक्रोलिन की मात्रा बढ़ने लगती है, जो एक एलर्जेन के रूप में खांसी और खराश का कारण साबित होता है। ऐसे में खानपान में खास एहतियात बरतने की आवश्यकता होती है। अगर आप भी खांसी जुकाम के दौरान आहार को लेकर क्ंफ्यूज हैं, तो जानें क्या कहती हैं एक्सपर्ट।
शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए आहार में विटामिन और मिनरल्स की मात्रा को शामिल करें। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Published On: 2 Feb 2025, 02:00 pm IST

अक्सर लोग सर्दियों में फ्राइड फूड और गर्म पेय पदार्थ पीना खासतौर से पसंद करते है। मगर ये वहीं वक्त होता है, जब खांसी, जुकाम और चेस्ट कंजेशन के मामले तेज़ी से बढ़ने लगते है। ऐसे में समय पर दवाएं और अन्य लेने के साथ खानपान का विशेष ध्यान रखना भी आवश्यक है। दरअसल, कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जो रिकवरी प्रक्रिया में बाधा का काम करते हैं। वहीं कुछ फूड्स ऐसे भी है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में मददगार साबित होते हैं। ऐसे में खांसी के दौरान इस बात को समझना ज़रूरी हैं कि ऐसे में मौसम में हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं (foods in cold and cough)।

इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि अनहेल्दी खानपान के चलते गले में एक्रोलिन की मात्रा बढ़ने लगती है, जो एक एलर्जेन के रूप में खांसी और खराश का कारण साबित होता है। ऐसे में ठंडे और फ्राइड फूड खाने से बचें। इससे खांसी के लक्षण बढ़ने लगते है। शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए आहार में विटामिन और मिनरल्स की मात्रा को शामिल करें।

खांसी, जुकाम और फ्लू के लक्षणों से बचने के लिए हरी सब्जियाँ खाएं। दरअसल, गहरे हरे रंग की सब्जियों में मौजूद कंपाउड कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करती हैं और शरीर में सूजन को कम करती हैं। इसके लिए आहार में पालक, अदरक, लहसुन और मौसमी फलों को शामिल करे (foods in cold and cough)।

गहरे हरे रंग की सब्जियों में मौजूद कंपाउड कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करती हैं और शरीर में सूजन को कम करती हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

पहले जान लें खांसी से पीड़ित होने पर किन खाद्य पदार्थों से बचें

1. डेयरी प्रोडक्ट्स

सर्दी से पीड़ित होने पर आहार में दूध, आइसक्रीम और पनीर जैसे डेयरी उत्पादों को शामिल करने से परहेज करना चाहिए। इससे रनिंग नोज़ यानि नाक बहने और चेस्ट कंजेशन की समस्या बनी रहती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। साइंस डारेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार शरीर में मिल्क् ब्रेकडाउन से बीटा कैसोमोर्फिन 7 अमीनो एसिड बनता है, जो आंतों में बलगम उत्पादन को उत्तेजित कर सकता है। वे लोग लैक्टोज इनटॉल्रेंस से ग्रस्त है, उन्हें दूध के सेवन से बचना चाहिए।

2. कैफीन और अल्कोहल

इन दोनों पदार्थों का सेवन शरीर में डिहाइड्रेशन का कारण साबित होता है। अल्कोहल इम्यून सिस्टम की फंक्शनिंग को प्रभावित करता है, जिससे खांसी और जुकाम की समस्या बनी रहती है। साथ ही कैफीन का डयूरेटिक प्रभाव बार बार यूरिन का कारण्र बनता है। इससे शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति पैदा हो सकती है। साथ ही म्यूकस का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए कॉफी या चाय की जगह हर्बल टी का सेवन करें।

3. तले हुए खाद्य पदार्थ

लगातार आने वाली खांसी से बचने के लिए फ्राइड फूड से दूरी बनाकर रखें। इनमें मौजूद अनहेल्दी फैटी एसिड शरीर को अधिक बलगम बनाने में उत्तेजित करता हैं, जो खांसी का कारण साबित होता है। इससे लंबे वक्त तक चेस्ट कंजेशन की समस्या बनी रहती है। आहार में तले हुए खाद्य पदार्थों को शामिल करने से बचें।

लगातार आने वाली खांसी से बचने के लिए फ्राइड फूड से दूरी बनाकर रखें।

4. स्टार्च वाली सब्जियाँ

आहार में नियमित रूप से मकई और आलू का सेवन जहां डायबिटीज़ के जोखिम को बढ़ाता है, तो वहीं चेस्ट कंजेशन से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। इसके चलते खांसी और फेफड़ों की समस्याएँ बढ़ने लगती हैं। स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखें। इससे बलगम को जमा होने से रोका जा सकता है।

5. हिस्टामाइन युक्त सब्जियां

वे लोग जो हिस्टामाइन इनटॉलरेंस के शिकार है, उनके लिए हिस्टामाइन से भरपूर सब्जियाँ खाँसी को बढ़ावा देने का काम करती हैं। इसके लिए आहार में बैंगन, पालक, टमाटर, मशरूम, सोयाबीन और अंगूर व चैरी को आहार में शामिल करने से बचें। दरअसल, हिस्टामाइन से भरपूर फूड्स शरीर एलर्जी की रोकथाम के लिए हिस्टामाइन को प्रोड्यूस करता है। मगर ये केमिकल बलगम के उत्पादन को बढ़ाता है, जो रनिंग नोज़ व खांसी का कारण साबित होता है।

6. खट्टे फलों से बचें

लगातार होने वाली खांसी की रोकथाम के लिए अंगूर, संतरे और नींबू जैसे खट्टे फल से बचें। वे लोग जिनका गला संवेदनशील है, उन्हें जलन और खांसी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में खट्टे फलों को सीमित मात्रा में आहार में शामिल करे।

7. कार्बोनेटेड पेय पदार्थ

ठंडे और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों में मौजूद आर्टिफिशल इंग्रीडिएंट और स्वीटनर की मात्रा गले में खराश और जलन पैदा करने लगती है, जिससे खांसी बढ़ जाती है। इससे बलगम का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में अधिक ठंडे पेय पदार्थों से बचें।

ठंडे और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों में मौजूद आर्टिफिशल इंग्रीडिएंट और स्वीटनर की मात्रा गले में खराश और जलन पैदा करने लगती है, जिससे खांसी बढ़ जाती है। चित्र : शटरस्टॉक

खांसी से बचने के लिए इन फूड्स का करें सेवन

1. सूप से मिलेगा शरीर को पोषण

सब्जियों, क्विनोआ और दाल से तैयार सूप से शरीर को ज़रूरी विटामिन, खनिज, कैलोरी और प्रोटीन की प्राप्ति होती है। इससे शरीर को गर्माहट मिलती है, जो नाक बंद और गले में खराश को नियंत्रित करके शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करती है।

2. हर्बल चाय

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हर्बल टी शरीर को गर्म रखने में मदद करती है। इससे शरीर को ज़रूरी पोषण मिलता है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए इसका सेवन फायदेमंद रहता है, इसमें मौजूद एंटीवायरल एंजाइम गले में बढ़ने वाले संक्रमण की रोकथाम में मदद करते है। इसके लिए आहार में लेमन, मिंट और लेंवेंण्डर टी शामिल कर सकते है। इससे वायुमार्ग की मांसपेशियों को आराम मिलता है।

3. शहद

शहद में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो खांसी को दूर करने में कारगर साबित होता है। इसे गुनगुने पानी के अलावा दूध या चाय में मिलाकर पीने से गले की खराश कम होने लगती है। इससे संक्रमण का प्रभाव कम हो जाता है और बैक्टीरिया से राहत मिलती है।

शहद में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो खांसी को दूर करने में कारगर साबित होता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

4. अदरक का अर्क है कारगर

एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर अदरक का सेवन करने से एयरवेज़ में बढ़ने वाले संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसे काटकर या ग्रेट करके पानी में उबालकर पीएं। इसके अलावा सब्जी, सूप और चाय में डालकर सेवन करने से भी फायदा मिलता है।

5. विटामिन सी से भरपूर डाइट लें

सर्दी जुकाम से खुद को बचाने के लिए विटामिन सी रिच डाइट की मदद लें। इसके लिए आहार में आंवला, कीवी, ब्रोकली और शिमला मिर्च को शामिल करें। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आने लगता है। साथ ही ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है। इसके सेवन से गले में बढ़ने वाले इंफेक्शन से लड़ने में भी मदद मिलती है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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