बदलते मौसम में सर्दी, खांसी और कफ जैसे संक्रमण बेहद आम होते हैं। इसके साथ ही बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इन संक्रमणों के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं, और उन्हें ऐसी समस्याएं बार-बार परेशान करती हैं। मैं भी उन्हीं में से एक हूं, और आसानी से सर्दी खांसी के चपेट में आ जाती हूं। पहले मैं संक्रमित होने पर फौरन दवाइयां लेना शुरु कर देती थी, परंतु कुछ दिनों पहले मेरी दादी ने मुझे एक बेहद खास नुस्खा सुझाया “मुलेठी” (benefits of mulethi powder for cough)।
आयुर्वेद में मुलेठी को सर्दी, खासी, जुकाम जैसे संक्रमण के इलाज के लिए एक बेहद प्रभावी नुस्खे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। दादी के सुझाए इस नुस्खे को आजमाने से पहले मैने कई शोध पढ़ें, सभी में मुलेठी के फायदों का समर्थन किया गया था। मैने इसे आजमा कर देखा और असल में मुझे इसके कई फायदे नजर आएं। मैं मुलेठी पावडर का इस्तेमाल करती हूं, जो आपको आसानी से किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर में उपलब्ध मिल जाएगा। इसके साथ ही आप इसके डंडल भी इस्तेमाल कर सकती हैं (how to use mulethi powder for cough)।
यदि आपको भी सर्दी खांसी से परेशान रहती हैं, और दवाइयां लेकर थक चुकी हैं, तो ऐसे में दादी मां का सुझाया ये खास नुस्खा आपकी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं, सर्दी जुकाम में मुलेठी के फायदे, साथ ही जानेंगे इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका (how to use mulethi powder for cough)।
यदि आप अपने शरीर को विभिन्न संक्रमणों और वायरस से बचाने के लिए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक प्राकृतिक तरीके की तलाश में हैं, तो मुलेठी आपके लिए अत्यधिक फायदेमंद साबित हो सकती है। मुलेठी में एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, मुलेठी संक्रमणों से बचाव करते हुए, शरीर के समग्र प्रतिरक्षा कार्य को बढ़ावा देता है, और संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को हावी होने से रोकता है।
इसके साथ ही मुलेठी में मौजूद प्रॉपर्टीज पाचन तंत्र के म्यूकोसल स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं, कब्ज से राहत देती हैं, गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर को रोकती हैं। इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, बीमारियों और संक्रमणों को दूर रखने के लिए जाना जाता है। इसे उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि जड़ी बूटी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करती है और धमनियों में प्लाक के निर्माण को रोकती है। इस प्रकार यह हृदय रोग के जोखिम को कम कर देती है।
यदि आप गले में खराश से पीड़ित हैं, तो आप अपने गले को राहत देने के लिए हर सुबह मुलेठी के पानी से गरारे कर सकती हैं। एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच मुलेठी पाउडर डालें और अच्छी तरह मिला लें। अब इस पानी से गरारे करें। अगर आपके पास पाउडर नहीं है, तो आप इसके डंडल को पानी में उबालकर, पानी को गुनगुना होने दें। फिर इस पानी से गरारा करें।
मुलेठी और दूध खांसी और गले की खराश के लिए एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपाय है। गर्म दूध में मुलेठी पाउडर डालें, और अच्छी तरह मिलाकर इसे धीमे धीमे पिएं। वहीं यदि पावडर नहीं है, तो मुलेठी के कुछ टुकड़ों को दूध में डालकर उबालें और तरल को छान लें। स्वाद के लिए इसमें शहद ऐड कर सकती हैं। मुलेठी और दूध गले में सूजन को कम करने और खांसी को शांत करने में मदद करते हैं।
मुलेठी की चाय मुलेठी के लाभों को प्राप्त करने का एक गर्म और स्वादिष्ट तरीका है। आप दिन में 2 से 3 बार मुलेठी की चाय पी सकती हैं, जिससे खांसी जुकाम पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। इसके लिए एक कप पानी में कुछ कुचली हुई मुलेठी की जड़ें डालकर, इनमें अच्छी तरह उबाल आने दें। जब यह उबल जाए, तो गैस धीमी करें और इसे 5 मिनट तक पकने दें। फिर इसे छानकर इसका आनंद ले, या फिर इसमें अदरक, तुलसी और शहद भी मिला सकती हैं।
यदि आपको लंबे समय से सुखी खांसी परेशान कर रही है, तो एक चम्मच मुलेठी पावडर को एक चम्मच शहद के साथ अच्छी तरह मिला लें। अब इस मिश्रण को धीरे धीरे करके खाएं। यह मिश्रण आपकी सेहत के लिए कमाल कर सकता है। विशेष रूप से गले की सूजन को कम कर, उन्हें आराम पहुंचाएगा और आपकी खांसी को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
सर्दी खासी जुकाम की स्थिति में मुलेठी के डंडल चबाने के कई फायदे हैं। आपको केवल इसकी एक छोटी सी डंडल लेनी है, और उसे चबाकर उसका रस अंदर ले लेना है। इस प्रकार गले की खराश और कर्कश आवाज़ से राहत प्राप्त करने में मदद मिलती है।
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