होली के रंग, ठंडा-गर्म पानी, डीप फ्राइड सब मिलकर होली की मस्ती तो बढ़ा देते हैं , पर आपको सर्दी-खांसी और जुकाम की समस्या भी दे सकते हैं। उस पर बदलता मौसम श्वसन संबंधी समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा देता है। इन सभी के उपचार के लोग दवाओं और कफ सिरप का सेवन करते हैं। मगर समस्या से राहत नहीं मिल पाती है। मौसमी बदलाव, ठंडे और खट्टे खाद्य पदार्थ भी समस्या को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। इससे उबरने में आयुर्वेद के कुछ नुस्खे आपकी मदद कर सकते हैं। अच्छी बात यह कि नुस्खों की ये सारी सामग्री आपकी रसोई में ही मौजूद है।
तापमान में बदलाव आने से शरीर पर उसका असर नज़र आने लगता है। दरअसल, मौसम में बदलाव के साथ शरीर के तापमान में परिवर्तन आने लगता है। इसके चलते अधिकतर लोग गले में खराश और सीधा लेटने पर सूखी खांसी की समस्या का सामना करते हैं। लगातार बढ़ने वाली इस समस्या को आसान घरेलू नुस्खें की मदद से दूर किया जा सकता है।
इस बारे में बातचीत करते हुए भोपाल में छाया परिक्षक एवं नाड़ी विशेषज्ञ वैद्य चंद्रशेखर का कहना है कि सूखी खांसी को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां बेहद कारगर साबित होती हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आने से गले में इंफे्क्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में केले के सेवन से बचें। साथ ही ठण्डे पेय पदार्थ गले का नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एक बादाम और 1 इंच अदरक को रातभर 1 से 2 चम्मच शहद में भिगोकर रख दें। अगले दिन सुबह बादाम और अदरक को क्रश करके उसमें से रस निकालें। अब उस रस में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। अब 2 से 3 बार हर 30 मिनट के बाद उस मिश्रण को जीभ पर रखें और मुंह में घुलने दें।
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल प्रापर्टीज़ पाई जाती है। इसके सेवन से गले में जमा संक्रमण से मुक्ति मिल जाती है। वहीं काली मिर्च और शहद एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होता है। इससे सूखी खांसी की समस्या हल हो जाती है। एक गिलास पानी में चुटकी भर हल्दी को डालकर कुछ देर तक उबालें। जब पानी आधा गिलास रह जाए, तो उसमें चुटकी भर काली मिर्च को डालें। अब इस पानी में आधा चम्मच शहद मिलाकर पीएं।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर मुलेठी गले की खराश और खांसी को दूर करने में मदद करती है। इसके लिए एक गिलास पानी में अजवाइन को उबालें और पानी का रंग बदलने के बाद उसमें मुलेठी और तुलसी की पत्तियों को डाल दें। इस घोल को कुछ देर उबलने दें और फिर छानकर सेवन करें।
इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने के साथ खांसी की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके लिए अदरक का पाउडर डालें और उबालें। कुछ देर उबलने के बाद उसमें हरड़ मिलाएं। दूध को उबाल आने के बाद उसमें हल्दी मिलाकर पीएं। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका सेवन करने से सूखी खांसी की समस्या से बचा जा सकता है।
पैक्ड और तले भुने खाने के सेवन से बचें। इससे एक्रोलिन एलर्जी का खतरा बढ़ने लगती है, जिससे खांसी और जुकाम की समस्या का सामना करना पड़ता है।
ठंडे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से दूरी बनाकर चलें। इससे ब्रीदिंग लाइनिंग में रूखेपन की समस्या बढ़ जाती है, जिससे सूखी खांसी बढ़ने लगती है।
लगातार बढ़ने वाली खांस से राहत पाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें और खांसी के सही कारणों की जांच करें।
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