बच्चे के प्राइवेट पार्टस में इचिंग से हैं परेशान, तो जेनिटल्स हाइजीन के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है। जानते हैंए वो कौन सी ऐसी टिप्स है, जिनकी मदद से किड्स जैनिटल हाइजीन को मेंटेन किया जा सकता हैं।
जानते हैं, वो कौन सी ऐसी बातें है, जिनका किड्स जैनिटल हाइजीन के दौरान ख्याल रखना ज़रूरी हैं। चित्र एडॉबीस्टॉक।
ज्योति सोही Published: 31 May 2023, 20:00 pm IST

बच्चों के खान पान और सेहत के अलावा स्वच्छता को बनाए रखना भी बेहद ज़रूरी है। हर रोज़ दांत साफ करने और नहाने से लेकर त्वचा की देखभाल समेत सब कुछ ज़रूरी है। बच्चों में पर्सनल हाइजीन(Personal hygiene) को मेंटेन रखने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। इससे बढ़ती उम्र में बचे किसी भी समस्या का शिकार होने से बच सकते हैं। जानते हैं, वो कौन सी ऐसी बातें है, जिनका किड्स जैनिटल हाइजीन ((kids genitals hygiene) के दौरान ख्याल रखना ज़रूरी हैं।

जेनिटल्स हाइजीन के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स यानि एएपी के मुताबिक हर सप्ताह तीन बार स्नान करने की सलाह दी जाती है। साबुन के इस्तेमाल से अलावा बॉडी वॉश का भी प्रयोग किया जा सकता है। इनके मुताबिक रोज़ाना साबुन से नहाने से त्वचा पर रूखापन आने लगता है। बच्चों को अगर आप रोजाना स्नान करवाते हैं, तो उसके लिए साबुन और बॉडी वॉश के इस्तेमाल से बचें।

मेल चाइल्ड को ये बातें सिखाएं

1. पीनस क्लीनिंग है ज़रूरी

जैसे जैसे बच्चा बढ़ता है उसे समझाएं कि शरीर के बाकी अंगों के समान पीनस की सफाई भी बेहद ज़रूरी है। इससे इचिंग और अन्य प्रकार के इंफैक्शन से बचा जा सकता है। फोरस्किन को हटाकर पीनस को साफ करने से भी बचें। इससे गर्मी के मौसम में बार बार होने वाली समस्या से बचा जा सकता है। साथ ही ओवरवॉश करने से भी बचें। इससे स्किन संबधी समस्या होने का खतरा रहता है।

2. अत्यधिक सोप न करें प्रयोग

बच्चों को ये बात समझाएं कि फोरस्किन हटाने के बाद सोप का प्रयोग न करें। उससे इरिटेशन का खतरा रहता है। इसके अलावा अगर नहाने के दौरान स्मैगमा यानि सफेद फलूइड नज़र आता है, तो उससे न डरें। वो पूरी तरह से नॉर्मल है। जेलिटल्स को रोना क्लीन करने के साथ उचित तरीके से स्वक्ष्छ बनाए रखना ज़रूरी है।

आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है मार्केट का केमिकल सोप। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. जोक लाइन संक्रमण से बचें

बच्चों को टाइट अंडरगार्मेस न पहनने की हिदायत दें। इसके अलावा कॉटन इनर वेयर ही पहलें। इससे स्किन ब्रीथएबल रहती है। साथ ही जोक लाइन इंफेक्शसन से आसानी से बचा जा सकता है। इससे बच्चे दिनभर कंफर्टेंबल बने रहते हैं। इससे जेनिटल्स फ्री फील करते हैं। साथ ही स्किन संक्रमण मुक्त रहती है।

फीमेल चाइल्ड को ये बातें बताएं

1. वजाइनल क्लीनिंग

अपने वजाइना को क्लीन करने के लिए साबुन का प्रयोग करने से बचें। इससे इचिंग की समस्या बढ़ सकती है। हर बार यूरिन पास करने के बाद वजाइन को क्लीन करें अन्यथा रिंग वार्मस और अन्य प्रकार के इंफैक्शन का खतरा रहता है। एनसीबीआई के मुताबिक फीमेल जैनीटल्स में बड़ी मात्रा में माइक्रो ओरगेनिज्म पाए जाते हैं। इन्हें माइक्रोफ्लोरा के तौर पर जाना जाता हैं।

2. फ्रंट टू बैक

वजाइना की स्वच्छता के अलावा हिप्स को साफ सुथरा रखना भी बेहद ज़रूरी है। नहाते वक्त योनि को साफ करने के साथ हिप्स की क्लीनिंग का भी ख्याल रखें। इसके चलते हम कई समस्याओं से बच सकते है।

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3. पीरियड हाइजीन

ग्रोइंग गर्ल्स से पीरियड़स के बारे में बातचीत करें। उन्हें पैड के इस्तेमाल से लेकर डिस्पोज़ तक सब कुछ समझाएं। इन खास दिनों में वजाइनल हेल्थ को बनाए रखने की जानकारी दें। उन्हें हर महीने आनी वाली पीरियड साईकिल के महत्व को सझाना न भूलें।

पीरियड में वजाइनल हेल्थ को बनाए रखने की जानकारी दें। उन्हें हर महीने आनी वाली पीरियड साईकिल के महत्व को सझाना न भूलें। चित्र : शटरस्टॉक

 डाइपर चेंज करते वक्त 

वेट वाइप्स की मदद से एरिया को पूरी तरह से क्लीन करें। इस बात का ख्याल रखें कि वाइप्स को रगड़ने से बचें। इससे रैशेज होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा प्राइवेट पार्टस को क्लीन करने के बाद उसे सूखे कपड़े से साफ कर दें।

बच्चे की पर्सनल हाइजीन को लेकर रखें इन बातें का ख्याल

1. रोज़ाना नहलाएं

बच्चों के प्राइवेट पार्टस की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए उन्हें रोज़ाना नहलाएं। इससे इचिंग, बैड स्मैल और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। बच्चों को नहलाते वक्त कैमिकल युक्त बॉडी वॉश का इस्तेमाल न करें। बच्चों की स्किन के हिसाब से सॉफ्ट बॉडी वॉश इस्तेमाल करें। इससे उनका शरीर हेल्दी और तंदरूस्त बना रहेगा।

2. बार बार हाथ धुलाएं

हर बार यूरिन पास करने के बाद हाथ धोने की आदत डालें। इसके अलावा उन्हें समझाएं कि खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना बेहद ज़रूरी है। हाथों पर जमा कीटाणु हमारे शरीर के लिए अनहेल्दी साबित हो सकते हैं। हाथों को धोने के बाद अवश्य पोछें। इसके अलावा हैंड वॉशस के लिए अत्यधिक खुशबू वाले पदार्थ का प्रयोग करने से भी बचें।

3. दांतों की सफाई

सुबह उठकर और रात को सोने से पहले बच्चों के दांतों की सफाई बेहद ज़रूरी है। ओरल हाइजीन को बनाए रखने के लिए टंग क्लीनिंग और टीथ ब्रशिंग बहुत ज़रूरी है। इससे बच्चे के माउथ से आने वाली दुर्गंध की समस्या से बचा जा सकता है। बच्चों के दांत हेल्थी और संक्रमण रहित रहते हैं।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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