अगर आप सुरक्षित यौन सबंध बनाना चाहती है, तो गर्भनिरोधक (Contraceptive) का इस्तेमाल बेहद ज़रूरी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि महिला कण्डोम (Female condom) भी पुरूष कंडोम (Male Condom) की ही तरह पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। हांलाकि समाज में महिला कंडोम को लेकर कई तरह के मिथ हैं। जिनके कारण अब भी बहुत सारी महिलाएं इनके इस्तेमाल से डरती हैं। महिला कंडोम की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि ये अवांछित गर्भ (Pregnancy) को रोकने का एक कारगर उपाय है।
दरअसल, पुरुष कंडोम हो या फिर महिला कंडोम दोनों ही प्रेग्नेंसी को रोकने में मददगार साबित होते हैं। इसके अलावा, वे यौन संचारित संक्रमण एसटीआई (STI), एचआईवी (HIV), एड्स (AIDS) और वायरल हेपेटाइटिस (viral hepatitis) से भी बचाने का काम करते हैं। मगर फिर भी ये कंडोम बहुत ज्यादा प्रयोग में नहीं लाए जा रहे हैं। अगर आपके मन में भी फीमेल कंडोम को लेकर कोई झिझक या सवाल हैं, तो उन्हें दूर करने के लिए हम यहां हैं। आपके सवालों के जवाब देने के लिए यहां हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ तेजी दवाने। डॉ तेजी वाइटहुड बैंगलोर में मदरहुड हॉस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।
आमतौर पर महिलाएं इन कंडोम को इस्तेमाल करने से कतराती हैं। महिलाओं को लगता है कि ये उनकी योनि (Vagina) को चोट पहुंचा सकते हैं। इसी वजह से महिलाएं कंडोम का ज्यादा प्रयोग नहीं कर रहीं। अध्ययन बताते हैं कि महिला कंडोम भी 95 प्रतिशत तक सुरक्षित हैं। अगर आप कंडोम को उचित तरीके से पहन लेती हैं, तो यकीनन अनचाही प्रेगनेंसी को रोकना आसान होगा।
महिला कण्डोम को लेकर महिलाओं की कई प्रकार की धारणाएं हैं। कोई इसके पक्ष में है, तो कोई इसे हानिकारक बता रहा है। आइए जानते हैं महिला कण्डोम के फायदे और नुकसान।
आप सेक्स से तकरीबन 6 से लेकर 8 घंटे पहले भी फीमेल कंडोम को इंसर्ट कर सकती हैं। ताकि सेक्स के दौरान आप पूरी तरह से सेफ रह पाएं और उस वक्त जल्दबाजी में पहनने की मुश्किल भी हल हो जाए।
कंडोम का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे महिलाओं में अनचाही प्रेगनेंसी को रोका जा सकता है। जिससे आप टेंशन फ्री रहती हैं।
आप महिला कंडोम को किसी भी फार्मेंसी से बिना किसी प्रिसक्रिप्शन के आसानी से खरीद सकती हैं।
इसे बनाने में एक खास प्रकार के मैटीरियल का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपकी योनि को हर प्रकार की इरीटेशन से बचाने का काम करता है। पीरियड्स के दिनों में भी आप कण्डोम को आसानी से प्रयोग कर सकती है।
नाइट्राइल रबर से बनने वाले कंडोम को पहनने के लिए आप किसी प्रकार के तेल को इस्तेमाल कर सकती है। अगर कंडोम लेटेक्स से बना हुआ है, तो आप पानी की मदद से भी उसे पहन सकती है।
फीमेल कंडोम हालांकि इस्तेमाल करने में आसान होते है, लेकिन अगर महिलाएं सही तरीके से इनका प्रयोग नहीं करती हैं, तो उसके फटने का खतरा भी बना रहता है।
अगर सही तरह से कंडोम नहीं पहना गया है या फिर इसे पहनने में ज्यादा लुब्रिकेंट का इस्तेमाल हुआ है, तो पीनस के फिसलने की आशंका रहती है। कई मामलों में लिंग के योनि के संपर्क में आने का भी डर रहता है।
इनकी कीमत पुरूष कंडोम से ज्यादा होती है, जो आपके बजट को भी बिगाड़ सकता है। साथ ही इन्हें पहनने में पहले पहल दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
महिला कंडोम अभी तक केवल मीडियम और लार्ज दो ही साईज़ में बाज़ार में उपलब्ध हैं। जबकि भारत में ये केवल एक ही साईज में उपलब्ध हैं। इसे ढूंढने में भी कई बार मशक्कत करनी पड़ती है, क्योंकि भारत में फार्मेसी की बहुत कम दुकानें इसे रखती हैं। वजह वही, क्योंकि इन्हें खरीदने वाले अभी कम हैं, इसलिए उपलब्धता भी कम है।
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