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ये 4 संकेत बताते हैं कि आप हो रही हैं इमोशनल एग्जॉशन की शिकार, इससे बचना है जरूरी

इमोशनल एग्जॉशन यानि भावनात्मक थकान का असर हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों पर दिखने लगता है। इमोशनल एग्जॉशन के कारणों और लक्षणों के अलावा जानें इससे बाहर आने का तरीका भी।
भावनाओं को खुलकर व्यक्त न कर पाना और उन्हें मन में एकत्रित करते जाना सप्रैसेंट इमोशंस कहलाते हैं। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 9 Sep 2023, 18:30 pm IST
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जीवन में कभी न कभी हम सभी लोग कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं। कुछ लोग डटकर उनका मुकाबला कर लेते हैं, तो कुछ हालात से परेशान होकर तनाव और चिंता का दाम थाम लेते हैं। कई बार चिंताएं इस कदर जाती हैं कि हम पूरी तरह से एग्जॉस्टिड (exhausted) होने लगते हैं। इसका असर हमारी मेंटल हेल्थ (mental health) पर दिखने लगता है। इमोशनल एग्जॉशन के कारणों और लक्षणों के अलावा जानें इससे बाहर आने का तरीका भी (signs of emotional exhaustion)

जानते हैं इमोशनल एग्जॉशन (emotional exhaustion)  बढ़ने के कारण

रिलेशनशिप में ब्रेकअप का सामना करना
जॉब में वर्क प्रेशर
क्राॅनिक मेडिकल कंडीशन
वित्तीय संकट
किसी अपने के बिछड़ने का गम
किसी प्लान का सक्सेसफुल न होना

इमोशनल एग्जॉशन (emotional exhaustion) क्या है

हेल्थशॉटस से बातचीत करते हुए सर गंगाराम अस्पताल में साइकोलॉजिस्ट सीनियर कंसलटेंट, डॉ आरती आनंद ने इस बारे में विस्तार में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एग्जॉशन (exhaustion) उस स्थिति को कहते हैं, जब व्यक्ति जिदगी में आने वाली कई परेशानियों के कारण पूरी तरह से होपलेस (hopeless), हेल्पलेस (helpless) और परेशान हो जाता है। तनाव और बर्नआउट की स्थिति में व्यक्ति किसी तरह के डिसीज़न लेने में असमर्थ महसूस होने लगता है। शरीर में एनर्जी (energy) की कमी बढ़ने लगती है और व्यवहार में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।

कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को न करें नजरअंदाज। चित्र: शटरस्टॉक

जानते है इमोशनल एग्जॉशन के कुछ महत्वपूर्ण लक्षण

1 नींद न आना

रातभर दिमाग में किसी बात को लेकर गहन चिंतन करने से नींद पूरी नहीं हो पाती है। मन हर वक्त परेशान रहता है, जिससे नींद बार बार खुलने लगती है। बहुत से लोग इमोशनल एग्जॉशन (emotional exhaustion) की सिचुएशन से गुज़रने के कारण देर रात तक जागते है, जो उनकी मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक होने लगता है।

2 ऑफिशियल कमिटमेंटस पूरा न कर पाना

तनाव का स्तर बढ़ने से उसका असर प्रोफेशनल लाइफ पर भी दिखने लगता है। इसके चलते अक्सर लोग अपनी ऑफिशियल कमिटमेंटस पूरा नहीं कर पाते हैं। वर्क प्रोडक्टिविटी कम होने से वे डेडलाइंस को मीट नहीं पाते हैं, जो उनकी प्रगति में रूकावट का कारण बनने लगती है। ये कंडीशन व्यक्ति के मन में एकाग्रता को कम करती है।

3 बार बार गुस्सा आना

किसी बात को लेकर जब मन चिंतित रहने लगता है और बार बार आपका ध्यान उसी विषय पर जाता है। तो उसका असर आपके व्यवहार में भी दिखने लगता है। छोटी छोटी बातें आपको परेशान करने लगती है। जो आपके गुस्से का कारण बन जाती है। हर किसी की कही बात आपको चुभने लगती है और परिस्थितियां आप पर हावी होने लगती है।

छोटी छोटी बातें आपको परेशान करने लगती है। जो आपके गुस्से का कारण बन जाती है। चित्र : अडोबी स्टोक

4 भूख न लगना या ओवरइटिंग (overeating) करना

जब आप किसी प्रकार के तनाव में होते हैं, तो उसका असर आपके एपिटाइट पर भी दिखने लगता है। आप या तो बहुत ज्यादा खाते है या फिर भूख प्यास सब कुछ खत्म होने लगती है। ऐसे में इसका असर हेल्थ पर दिखने लगता है। वे लोग जो अक्सर किसी कारणवश एंग्जाइटी में रहते है, वे वेटगेन करने लगते हैं।

इमोशनल एग्जॉशन (emotional exhaustion) से बचने के उपाय

माइंडफूल थॉटस आपके लिए बेहद ज़रूरी है। दिमाग में मौजूद नकारात्मकता को पॉजिटिविटी में बदलें।

ऐसे लोगों से दूर रहें, जो आपके कॉफिडेंस को गिराने का काम करते हैं।

लोगों के चश्मे से खुद के व्यक्तित्व को न आंके। बहुत बार लोगों का गलत व्यवहार आपके कॉफिडेंस को खत्म कर सकता है।

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कस्टमाइज़ करें

कुछ वक्त खुद के लिए निकालें। उसमें आप वॉक, पेंटिंग या किताब पढ़ना शामिल कर सकते हैं।
योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज़ को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं

दोस्तों के साथ घूमने के लिए ज़रूर जाएं। इससे आपकी मेंटल हेल्थ इंप्रूव होने लगती है।
अगर आप ब्रेकअप से गुज़रें है, तो अपने आप को व्यस्त करने के नए तरीके अपनाएं।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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