बर्नआउट शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक थकावट की एक स्थिति है जो लंबे समय तक अधिक तनाव के संपर्क में रहने के परिणामस्वरूप होती है, ये स्थिति खासकर ऑफिस के काम, अधिक गतिविधि, रिलेशनशिप और नई मां को इसका सामना करना पड़ता है। बर्नआउट के कारण आप अत्यधिक थकान, कम प्रदर्शन और उन कार्यों या जिम्मेदारियों से अलग होने की भावना होती है जो जरूरी है। बर्नआउट का किसी व्यक्ति के पूरे स्वास्थ पर गंभीर परिणाम हो सकता है, जो उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों को प्रभावित करता है।
यदि आप रात में पूरी तरह से और अच्छे से सोते है लेकिन उसके बाद भी अगर आप सुबह उठकर थके हुए महसूस करते है और ऊर्जा की कमी होती है कोई काम करने का मन नही करता है तो आप बर्नआउट हो सकते है।
नींद आने में, सोते रहने या आरामदायक नींद का अनुभव करने में कठिनाई का महसूस होना। थकावट के बाद या पूरे दिन काम करने के बाद भी नींद का नही आना भी इसी का एक लक्षण है।
यदि आपको नींद नही आएगी और थकान रहेगी और आपका शरीर ठीक से काम नही कर पाएगा और आपको खाना पचाने में भी दिक्कत होती जिससे आपको कई तरह की बिमारियों का शिकार होना पड़ सकता है। बार-बार सिरदर्द, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, या अन्य शारीरिक बिमारियां हो सकती है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। शरीर में खाने का ठीक से पाचन न होने के कारण कई पोषक तत्व शरीर में अवशोषित नही होते है जिसके कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।
बर्नआउट से कैसे निपटना है इसके लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से
अपनी सीमाएं स्पष्ट रूप से परिभाषित करें और उन्हें सहकर्मियों, सुपरवाइजर और मित्रों को बताएं। आवश्यकता पड़ने पर “नहीं” कहना सीखें। हर काम के लिए हर किसी को हां कहने की जरूरत नही है इससे आपका पर काम का बोझ बढ़ता है और आप अधिक काम के कारण तनाव का सामना कर सकते है।
अपने कार्यों को व्यवस्थित करें, प्राथमिकताएं निर्धारित करें और बड़े कार्यों को छोटे चरणों में विभाजित करें। फोकस और उत्पादकता में सुधार के लिए समय प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें। इससे आप एक काम को निर्धारित समय में खत्म करें समय बरबाद नही करेंगे और अपने पसंदीदा काम करने का भी समय आपको मिलेगा।
पर्याप्त नींद लेना, पौष्टिक भोजन करना, नियमित व्यायाम करना और आराम करके अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। इसक आलावा आपको जो भी गतिविधि करने में आनंद आता है या आराम मिलता है आप वो कर सकते है।
यदि आप ऑफिस जाकर काम करते है तो पूरे समय अपने टेबल पर बैठकर काम करना सही नही है इससे आपके स्वास्थ और पॉश्चर दोनो पर गलत असर पड़ता है। आराम करने और तरोताजा होने के लिए पूरे दिन छोटे-छोटे ब्रेक लें। काम से दूर जाने से फोकस में सुधार हो सकता है और बर्नआउट को रोका जा सकता है।
काम के साथ साथ अपने शौक को पूरा करना भी बहुत जरूरी है नही तो आप अपने काम पर भी फोकस नही कर पाएंगे। काम के अलावा आराम और तनावमुक्त होने के लिए उन गतिविधियों में शामिल हों जिनका आप आनंद लेते हैं।
अगर आपको किताब पढ़ना पसंद है या नाचना गाना पसंद है तो अपनी छुट्टियों में ये सब करें। कई लोगों को साहसिक चीजे करना पसंद होता है तो कई लोगों को प्रकृति में समय बिताने का मन होता है तो आप ऑफिस से ब्रेक लेकर अलग जगाह पर जाकर ये सब कर सकते है।
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