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इन 5 तरह से आपकी वेजाइना को प्रभावित कर सकती है प्रेगनेंसी, एक्सपर्ट से जानें कुछ जरूरी वेजाइनल केयर टिप्स

जब आप मां बनने वाली होती है तो आपके समग्र शरीर में बदलाव हो रहा होता है। ठीक उसी वक्त आपके वेजाइना में भी कई बदलाव आते हैं और इसे विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
जानें प्रेगनेंसी के दौरान केयर के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स। चित्र अडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 19 Jun 2023, 21:00 pm IST
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प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में तमाम बदलाव देखने को मिलते हैं, जैसे कि ब्रेस्ट और पेट का बढ़ना, पैरों में सूजन आना, वजन बढ़ना इत्यादि। परंतु क्या आपको मालूम है कि प्रेगनेंसी के शुरुआत से ही आपके वेजाइना में भी बदलाव होना शुरू हो जाता है। जी हां! प्रेगनेंसी में डिलीवरी के बाद और डिलीवरी के वक्त ही नहीं प्रेगनेंसी पीरियड के दौरान भी वेजाइना को कई बदलाव से गुजरना पड़ता है। तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे प्रेगनेंसी में वेजाइनल हेल्थ में होने वाले बदलाव के बारे में, साथ ही समझेंगे कि इस दौरान अपने वेजाइना का किस तरह से ध्यान रखना है।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर मिलान्न फर्टिलिटी एंड बर्थिंग हॉस्पिटल जेपी नगर बेंगलुरु की ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर गायत्री बीएन से बातचीत की, उन्होंने प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले वेजाइनल बदलाव और इसकी देखभाल से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं (vaginal care in pregnancy)। तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

पहले जानें प्रेगनेंसी में वेजाइनल स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव

1. बढ़ जाता है वेजाइनल डिस्चार्ज

बढ़ता वेजाइनल डिसचार्ज प्रेगनेंसी के दौरान नजर आने वाले वेजाइनल बदलाव में से सबसे आम बदलाव है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही शरीर में बढ़ता ब्लड वॉल्यूम और ब्लड फ्लो अधिक वेजाइनल डिसचार्ज का कारण बनता है।

एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से जानिए प्रसव के समय योनि की देखभाल का तरीका। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा

प्रेगनेंसी के दौरान यीस्ट, बैक्टीरियल और अन्य तमाम तरह के वेजाइनल इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है। बदलता हॉर्मोन्स वेजाइना के पीएच लेवल को असंतुलित कर देता है जिसकी वजह से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और आपकी योनि अधिक संवेदनशील हो जाती है।

3. वेजाइना में महसूस हो सकती है सूजन

मां की कोख में पल रहे बच्चे को सपोर्ट करने के लिए शरीर का ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिसकी वजह से वेजाइनल ब्लड फ्लो में भी बदलाव आता है। इस बदलाव की वजह से आपको सूजन का सामना करना पड़ सकता है। वहीं बढ़ता ब्लड फ्लो आपके लिबिडो को बढ़ा देता है जिसकी वजह से आपको पार्टनर के साथ इंटिमेट होने का अधिक मन हो सकता है।

वहीं हार्मोनल बदलाव की वजह से ब्लड फ्लो बढ़ता है और ऐसे में वेजाइना और लीबिया अधिक डार्क हो जाते हैं, हल्के ब्लू रंग के दिखाई दे सकते हैं।

4. वल्वर वेरीकोज वेन्स

प्रेगनेंसी के दौरान केवल आपके पैरों पर ही वेरीकोज वेन्स नजर नहीं आते बल्कि यह वल्वा और वेजाइनल एरिया पर भी नजर आ सकते हैं। वल्वर वेरीकोज की वजह से वेजाइना और वल्वा पर प्रेशर, सूजन इत्यादि जैसा अनुभव हो सकता है। इस स्थिति में कोल्ड कंप्रेस की मदद से आपको राहत मिलेगी। हालांकि, ज्यादातर लोगों में यह स्थिति डिलीवरी के बाद स्वयं सामान्य हो जाती है।

इसे विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

5. वेजाइनल ब्लीडिंग

पहले ट्राइमेस्टर के दौरान यदि आपको ब्लीडिंग हो रही है, तो यह बिल्कुल सामान्य है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान फर्टिलाइज्ड एग यूट्रस लाइनिंग में इमप्लांट होते हैं। इसके साथ ही ब्लड वॉल्यूम बढ़ने के कारण भी वेजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है। यदि आपको अधिक दर्द और प्रेशर के साथ वेजाइनल ब्लीडिंग हो रही है, तो यह मिसकैरिज हो सकता है। इस बारे में डॉक्टर से जितनी जल्दी हो सके संपर्क करें।

यहां हैं प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइनल केयर के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

1. फाइनल ट्राइमेस्टर में पैंटी लाइनर का प्रयोग करें

जब आप अपनी गर्भावस्था के अंतिम महीनों में पहुंचती हैं, तो बच्चे के विकास के कारण आपका गर्भाशय बड़ा हो जाता है। इस स्थिति में यूरिन लीकेज होना सामान्य है। इस दौरान पैंटी लाइनर पहनने की कोशिश करें, जिसे आप बिना असहज महसूस किए 2-3 घंटे में बदल सकती हैं।

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2. प्यूबिक हेयर को ट्रिम करना है जरूरी

यह सलाह दी जाती है कि प्यूबिक हेयर को रिमूव करने के लिए वैक्सिंग या क्रीम की जगह इसे ट्रिम करें। प्रेगनेंसी में आपका वेजाइना अधिक संवेदनशील होता है ऐसे में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए किसी प्रकार का भी रिस्क लेना आपके लिए उचित नहीं है। ट्रीमिंग मेथड हेयर रिमूव करने का एक सबसे अच्छा तरीका है। इससे न तो आपको इचिंग होती है न ही किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा होता है। ट्रिम करने के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण की साफ सफाई का ध्यान रखें।

3. शेपवियर न पहनें

प्रेगनेंसी के दौरान शेपवियर पहनना बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसे पहनने से यूट्रस और ब्लैडर पर अनावश्यक प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से नर्व पर भी दबाव बनता है। वहीं ऐसे में आपको बार बार बाथरूम जाने की आवश्यकता हो सकती है। यदि आप इसे पहन रही हैं, तो आपको पेल्विक और रीढ़ की हड्डियों के दर्द से परेशान रहना पड़ सकता है।

गर्भावस्था में खुद का रखें खास ख्याल। चित्र: शटरस्टॉक

4. अपनी योनि को साफ और सूखा रखें

डॉक्टर के अनुसार वेजाइना एक सेल्फ क्लींजिंग ऑर्गन है इसलिए आपको इस पर तरह तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं है। इसे सादे ठंडे पानी से धोना पर्याप्त होगा। आप उन्हीं इंटिमेट हाइजीन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जो एक्सपर्ट द्वारा सुझाए गए हैं। अपने आप कोई भी ओटीसी लैक्टिक एसिड वॉश न खरीदें क्योंकि यह आपके पीएच असंतुलन का कारण बन सकता है।

अपनी वेजाइना और आसपास के एरिया को साफ करने के बाद इसे अच्छी तरह से सुखाना न भूलें। इसके लिए कॉटन के साफ तौलिए का इस्तेमाल करें। प्रेगनेंसी के दौरान नियमित रूप से पेशाब करने के बाद अपने वेजाइना को जरूर ड्राई करें क्योंकि नमी से फंगल और बैक्टीरिया का विकास हो सकता है।

5. टाइट कपड़े पहनने से बचें

आपको टाइट बॉडीकॉन स्कर्ट या मॉम जींस में अपने बेबी बंप को फ्लॉन्ट करने की इच्छा हो सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि लंबे समय तक टाइट कपड़े पहनने से आपके योनि स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। टाइट फिटिंग कपड़े और लेसी कपड़े वेजाइनल स्किन पर जलन पैदा कर सकते हैं। इससे वुल्वोवाजाइनल संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है और यह एक दर्दनाक स्थिति हो सकती है, जिसे वुल्वोडनिया कहा जाता है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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