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प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए शिल्पा शेट्टी दे रहीं हैं इस खास योगासन की सलाह 

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी पैरों को ऊपर उठाने की इस मुद्रा अर्थात गत्यात्मक उत्तानपादासन को प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आसन मानती हैं। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण योगासन के बारे में सब कुछ। 
यदि हम जीवन भर स्वस्थ फेफड़े चाहते हैं, तो हमें नियमित प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। चित्र:-शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 6 Jul 2022, 10:39 am IST
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बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी कुंद्रा योग के प्रति उत्साही होने के अलावा एक फिटनेस फ्रीक भी हैं। वे अक्सर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने फिटनेस वीडियो पोस्ट करती हैं। इसलिए उनका इंस्टाग्राम फीड फिटनेस इन्फ्लुएंसर की तुलना में बेहतर माना जाता है। 47 साल की उम्र में भी वह बेहद स्वस्थ हैं और बॉलीवुड की सबसे फिट अभिनेत्रियों में से एक हैं।

अपने लेटेस्ट इंस्टाग्राम पोस्ट में शिल्पा शेट्टी अपनी बहन और अभिनेत्री शमिता शेट्टी के साथ गत्यात्मक उत्तानपादासन या द रेज़्ड लेग पोज़ (The raised leg pose) का अभ्यास करती हुई दिखाई दे रही हैं। वीडियो में शेट्टी बहनें लंदन में अपनी छुट्टियों के दौरान एक पार्क में योगासन कर रही हैं। उन्होंने पोस्ट को कैप्शन दिया, “आज का एजेंडा #Partner Fitness Routines Gatyatmak Uttanpadasana, इस वर्कआउट के लिए शिल्पा ने सेलिब्रिटी ट्रेनर बेन कोलमैन को धन्यवाद दिया।

गत्यात्मक उत्तानपादासन क्या है?

यह आसन पैरों को ऊपर उठाने की मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। यह संस्कृत शब्दों से बना है। उत्तान का अर्थ है उठाया, पद का अर्थ है पैर और आसन का अर्थ है मुद्रा। गत्यात्मक उत्तानपादासन तब होता है जब आप अपने पैरों को हवा में ऊपर उठाते हुए अपने पैरों को आगे-पीछे करते रहती हैं।

शेट्टी के अनुसार, “यह पेट के निचले हिस्से के लिए सबसे अच्छे व्यायामों में से एक है, क्योंकि यह पेल्विस, कूल्हों, पैरों और पेरिनेम मसल्स को टोन और मजबूत करता है। यह महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि यह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन के कार्यों में सुधार लाता है। यह यूट्रस की दीवारों को मजबूत करता है।

कैसे करें गत्यात्मक उत्तानपादासन या रेज्ड लेग पोज?

  1. इस योग मुद्रा को शुरू करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और सामान्य रूप से सांस लें। अपने दोनों हाथों को अपने शरीर के साथ और अपनी हथेलियों को नीचे की ओर रखें।
  2. धीरे-धीरे श्वास लें और अपने पैर को फर्श से उठाने की कोशिश करें। इसके बाद, अपने पैरों को फर्श से 45-60 डिग्री के कोण पर सीधा रखें और अपने ऊपरी शरीर को फर्श के समानांतर रखें।
  3. इस पोजिशन में कुछ देर रुकें। इससे आपको पेट के निचले हिस्से में दबाव महसूस होगा।
  4. यदि आप गत्यात्मक उत्तानपादासन करना चाहते हैं, तो अपने पैरों को 45 और 60 डिग्री के कोण के बीच आगे-पीछे करते रहें।
  5. इस पोजिशन को छोड़ने के लिए सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपने पैरों को फर्श की तरफ नीचे करें। अंत में गहरी सांस लें और आराम करें।

इस योग मुद्रा के स्वास्थ्य लाभ:

गत्यात्मक उत्तानपादासन के कई फायदे हैं:

  1. यह एसिडिटी, अपच को रोकता है और शरीर से टाॅक्सिंस को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
  2. उत्तानपादासन का नियमित अभ्यास रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करने में मदद कर सकता है। इसलिए बैक पेन को रोकता है।
  3. यह एबडोमन एरिया की ताकत में सुधार लाता है। इस क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है।
  4. उत्तानपादासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन सही तरह से फंक्शन करता है, जिससे सेक्सुअल परफॉर्मेंस में भी सुधार आता है।
  5. गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान योग नहीं करना चाहिए। चित्र:-शटरस्टॉक
  6. यह आसन पीठ, कूल्हे और जांघ की मांसपेशियों को फैलाने में मदद करता है।

इस योग आसन का अभ्यास किसे नहीं करना चाहिए?

शिल्पा ने बताया, “गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। साथ ही, यदि आपको बैक पेन, स्लिप-डिस्क और सर्वाइकल प्रॉब्लम की समस्या है, तो इस आसन को न करें।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

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