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योग निद्रा है अच्छी नींद और बेहतर इम्युनिटी का मंत्र, जानिए कैसे करना है इसका अभ्यास 

जब आप 6 से 8 घंटे की गहरी नींद लेती हैं, तो आपके शरीर को अपनी टूट-फूट की मरम्मत करने का वक्त मिल जाता है। योग निद्रा इसमें मददगार साबित हो सकती है। 
रोजमर्रा के जीवन की आदतों में साधारण बदलाव लाकर अनिद्रा से मुक्ति पाई जा सकती है। चित्र:शटर स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 28 Jun 2022, 15:20 pm IST
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बढ़िया स्वास्थ्य के लिए बढ़िया लाइफस्टाइल बेहद जरूरी है। नींद आपके लाइफस्टाइल के बारे में बहुत जरूरी संकेत देती है। जब आपका लाइफस्टाइल खराब होता है, तो आप घंटों बिस्तर पर करवट बदलती रहती हैं। जबकि स्वस्थ खानपान और हेल्दी लाइफस्टाइल में आपको बिस्तर पर पड़ते ही गहरी नींद आ जाती है। खैर, अगर आप नींद की कमी, तनाव और कमजोर इम्युनिटी जैसी समस्याओं से जूझ रहीं हैं, तो योग निद्रा आपके लिए मददगार साबित हो सकती है। यह योग की एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से आप 8 घंटे की गहरी नींद ले पाने में सक्षम हो जाती हैं। आइए जानते हैं क्या है (What is Yoga nidra) ये और कैसे किया जाता है इसका अभ्यास (How to practice Yoga nidra)। 

खराब लाइफस्टाइल की जड़ में बहुत सारी महत्वकांक्षाएं, प्रतिस्पर्धा और एक्साइटमेंट की निरंतर खोज शामिल है। कुल मिलाकर हमारी नर्व हमेशा सुपर एक्टिव रहती हैं। इसकी वजह से अच्छी नींद लेना हमारे लिए मुश्किल हो जाता है। 

प्रसिद्ध योग थेरेपिस्ट बिजोयलक्ष्मी होता की हाल में एक किताब “योग फॉर सुपर इम्युनिटी” प्रकाशित हुई। पुस्तक में काेरोना पेंडेमिक (Coronavirus Pandemic) के बाद कोरोना के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में योग की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई है। “योग फॉर सुपर इम्युनिटी” किताब में इम्युनिटी बूस्ट करने वाली स्लीप के बारे में बताया गया है।

जानिए क्या है योग निद्रा जो गहरी नींद देकर इम्युनिटी बढ़ाती है 

योग निद्रा (Yoga Nidra) का अर्थ हुआ नींद में किया जाने वाला योग। इस अभ्यास के माध्यम से शरीर को सबसे अधिक आराम मिलता है और अच्छी नींद भी आती है। इसके प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि योग निद्रा के दौरान भले ही कोई जाग्रत हो, ब्रेन वेव मुख्य रूप से अल्फा वेव बन जाती है। 

भरपूर नींद लेने के लिए अपनाएं ये तरीके। चित्र : शटरस्टॉक

एक ऐसी तरंग, जो केवल अत्यधिक आराम की स्थिति में उत्पन्न होती है। यह इतना शक्तिशाली रिलैक्सेंट है कि एक घंटे तक किए जाने वाले इस अभ्यास से शरीर पर चार घंटे की गहरी नींद के समान प्रभाव दिखाई देता है। योग निद्रा का प्रभाव बहुत जल्दी होता है। इनसोमनिया को भी दूर करने में सहायक है योग निद्रा। 

कब किया जाना चाहिए योग निद्रा का अभ्यास 

बेहतर स्वास्थ्य के लिए इसका अभ्यास किसी भी समय किया जा सकता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि जब मांसपेशियां तनाव मुक्त होती हैं, तो खराब तरीके से हो रहा हार्मोनल सीकरेशन भी खत्म हो जाता है। यह शरीर की सभी कार्य प्रणालियों पर प्रभावी ढंग से कार्य करता है। सोते समय इसका अभ्यास भी आवश्यक है। 

दिन भर का जमा तनाव योग से पूरी तरह दूर हो जाता है और सुपर इम्युनिटी डेवलप करने के लिए कार्य होने लगता है, जिससे सही नींद आती है। इस योगाभ्यास को अपनाने के बाद जब कोई व्यक्ति सुबह उठता है, तो वह एनर्जेटिक महसूस करता है। जब शरीर को इस तरह का आराम मिलता है, तो किसी भी रोग से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम भी मजबूत होने लगता है।

कैसे करें योग निद्रा का अभ्यास 

स्टेप 1 

शवासन में लेट जाएं

अपनी आंखें बंद कर लें

गहरी सांस लें और अपने आप से कहें ‘R-e-l-a-x’

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

10 बार सांस लें और रिलैक्स शब्द को मन ही मन दोहराएं।

अपनी सांस को नासिका छिद्रों या नॉस्ट्रिल्स में महसूस करें।

स्टेप 2 

इसके बाद अपनी श्वास को स्वाभाविक रहने दें। उन्हें गहरा या धीमा करने की कोशिश न करें। इस दौरान किसी भी दूसरी चीज के बारे में सोच कर तनाव न लें।

स्टेप 3 

अब अपने दिमाग को निम्न क्रम में अपने शरीर के अंगों पर घुमाएं। प्रत्येक भाग के बीच 3 सेकंड के लिए रुकें- दाहिना अंगूठा, इंडेक्स फिंगर, मिडल फिंगर, रिंग फिंगर, लिटिल फिंगर, हथेली, कलाई, फोर आर्म, एल्बो, ऊपरी बांह, कंधे, दाहिनी हिप, दाहिनी जांघ, घुटने, काफ, पिंडली, टखना, दाहिने पैर का अंगूठा, पर अपने दिमाग को ले जाएं।

स्टेप 4 

बाईं ओर भी इसी क्रम को दोहराएं। जैसा आपने पहले किया है। 

स्टेप 5 

फिर पीछे जाएं। दाहिनी पीठ, बाईं पीठ, रीढ़, दाहिने कंधे का ब्लेड, बाएं कंधे का ब्लेड, गर्दन का पिछला भाग और सिर का पिछला भाग।

योगा निद्रा के बाद आती है साउंड स्लीप। चित्र:शटरस्टॉक

स्टेप 6 

फिर सामने की ओर जाएं – सिर के ऊपर, माथा, दाहिनी भौंह, बायीं भौंह, दाहिनी आंख, बायीं आंख, भौहों के बीच में, दायां कान, बायां कान, दायां गाल, बायां गाल, दायां नथुना, बायां नथुना, ऊपरी होंठ, निचला होंठ, ठुड्डी, गर्दन, छाती, पेट।

रिलैक्स करने के लिए दो-तीन बार इस अभ्यास को दोहराएं। अक्सर यह प्रक्रिया पूरी होने से पहले नींद आ जाती है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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