हमेशा बिज़ी रहने वाली महिलाओं के लिए है सनसेट योगा, तनावमुक्त होने के लिए करें इनका अभ्यास 

हम समझ सकते हैं कि आपकी सुबह पर बच्चों, परिवार और नौकरी की जिम्मेदारियों का कब्जा है। तो टेंशन  फ्री होने के लिए आप सनसेट योगा की शरण में आ सकती हैं। 

sunset yoga
सूर्य ढलने के बाद भी इसकी रोशनी फायदेमंद होती है। चित्र:शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 18 Jun 2022, 18:00 pm IST
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सुबह कब होती है और कब दोपहर ढल जाती है, पता ही नहीं चलता। ऐसे में कोई भी वर्कआउट, जिम या योग आपके रुटीन में सेट नहीं हो पाता। अगर आपकी स्थिति भी ऐसी है, तो सनसेट योगा  (Sunset Yoga) सिर्फ आप ही के लिए है। ढलते सूरज के साथ इन योगासनों के अभ्यास से आप अपने दिन भर के तनाव को दूर कर सकती हैं। एक्सपर्ट बता रहे हैं उन योगासनों के बारे में, जिन्हें आप सनसेट योगा के तहत शाम  (Asanas for Sunset Yoga) के समय कर सकती हैं। 

व्यस्त लाइफस्टाइल के कारण शाम होते ही हम बुरी तरह से थक जाते हैं। हम रिलैक्स करना चाहते हैं, लेकिन हो नहीं पाते हैं। कई योग ऐसे हैं, जो सूरज ढलने के बाद शाम में किए जा सकते हैं। इन्हें सनसेट योग (Sunset Yoga) भी कहा जा सकता है। हमें यह याद रखना चाहिए कि योग दिन भर में कभी भी किया जा सकता है। सूरज उगने, दोपहर के समय या शाम में भी योग किया जा सकता है। यहां यह समझना जरूरी है कि आप किस समय किस तरह के योग का अभ्यास करती हैं। 

अलग-अलग समय किया जा सकता है योग 

यदि आप सुबह में योग करती हैं, तो इसका मतलब है कि आपने स्वयं को बिस्तर से उठाया और खुद को योग के माध्यम से एक्टिव बनाया। दिन के मध्य यानी दोपहर में आपको जो भी योग अच्छा लगता है, उसका चुनाव कर सकती हैं। बिस्तर पर जाने से 2-3 घंटे पहले किस योग को किया जाए, यह जानना महत्वपूर्ण है। यदि आपने गलत योग-आसन का चुनाव कर लिया, तो आपको अच्छी नींद आने की बजाय सोने में दिक्कत भी हो सकती है। 

डिवाइन सोल योग के संस्थापक डॉ. दीपक मित्तल हमें विस्तार से 6 योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिनका शाम के समय अभ्यास करने आप स्ट्रैस फ्री हो सकती हैं। 

 यदि आप ऑफिस की भागदौड़ के बाद घर आकर रिलैक्स करना चाहती हैं, तो इन 5 योगासनों का अभ्यास करें, जो न सिर्फ आपके दिमाग को शांत करेंगे, बल्कि अच्छी नींद भी देंगे। 

  1. अधोमुखश्वानासन

यदि पूरे शरीर को आप स्ट्रेच करना चाहती हैं, तो यह आसन आपके लिए सबसे बढ़िया है। शाम में योग की शुरुआत इसी आसन की मदद से की जा सकती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अच्छा है, जिन्होंने काफी सारा समय डेस्क पर काम करते हुए या कार में यात्रा करते हुए बिताया है। कार में भी आपको लगातार बैठना पड़ता है। 

अधोमुख श्वानासन यानी डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज। इसमें शरीर को टेबल की तरह ऊंचा करती जाएं। इसमें कुत्ते की तरह सिर को नीचे की ओर करें। 

सिर इस तरह हो कि आप फर्श को देख रही हों। इस आसन के अभ्यास के दौरान कंधे और हाथ एक सीध में रहने चाहिए। जबकि पैर हिप्स की सीध में रहेंगे। 

इस बात का ध्यान रहे कि आपके एंकल बाहर की तरफ रहें। अब हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं और गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश करें। 

आपकी नजर बॉडी के सेंटर प्वायंट पर रहे। इस स्थिति में कुछ सेकेंड्स तक रहें। 

इन गतिविधियों को करने के दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें।

 2 त्रिकोणासन:

 डॉ. दीपक मित्तल के अनुसार, त्रिकोणासन में आकर आप अपने पैरों में आए हुए स्ट्रेस और स्टिफनेस को कम कर सकती हैं। 

अपने दाहिने पैर को अपने दाहिने हाथ के अंदर की ओर ले जाएं। 

अपने बाएं पैर को अपनी चटाई के पिछले हिस्से के समानांतर मोड़ें और दोनों पैरों को सीधा करें। 

दाहिना हाथ आपके पैर के बाहर फर्श पर या किसी ब्लॉक पर या आपकी दाहिनी पिंडली पर आराम की मुद्रा में रह सकता है।

 अपने बाएं हाथ को अपने बाएं कूल्हे पर लाएं और इसे छत की ओर ऊपर उठाने से पहले धीरे से कूल्हे को खोलने के लिए उपयोग करें। 

चेस्ट की स्ट्रेचिंग के लिए अपने धड़ को छत की ओर मोड़ें। इस मुद्रा में पांच बार सांस लें और छोड़ें। 

फिर नीचे की ओर मुंह किए हुए वापस जाएं और बाएं पैर को आगे की ओर रखते हुए ट्राएंगल मुद्रा को दोहराएं।

 3 प्रसार पदोत्तानासन:

त्रिकोणासन (ऊपर) का दूसरा भाग करने के बाद दोनों पैरों को सीधा करें और अपने पैरों को समानांतर कर लें। आपका मुंह चटाई की ओर रहना चाहिए। गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। 

अब प्रसार पदोत्तानासन की क्रिया करें।

हाथ की कोई भी पोजीशन लें जो अच्छी लगे। आपको बड़े पैर की उंगलियां, टखनों या काफ को पकड़ना है। 

अपने हाथों को अपनी पीठ के पीछे रखें और अपनी बाहों को सीधा करें, या केवल हाथों को फर्श पर लाएं।

 4 मलासन:

डॉ. मित्तल बताते हैं, अपने पैरों को अपने शरीर की मध्य रेखा की ओर तब तक चलाएं जब तक कि वे लगभग दो फीट अलग न हो जाएं। 

अपने पैर की उंगलियों को बाहर करें और अपने घुटनों को माला की मुद्रा में लाएं। इसे बैठने की स्थिति में मोड़ें। 

यदि आपके लिए बैठना बहुत मुश्किल है, तो इसे और अधिक सुलभ बनाने के लिए कुछ विकल्प हैं

 यदि आपकी एड़ी फर्श पर नहीं आती है, तो एक कंबल रोल करें और इसे अपनी एड़ी के नीचे रखें। आप बैठने के लिए अपने बट के नीचे एक ब्लॉक को स्लाइड करने का भी प्रयास कर सकते हैं। 

यदि आप कूल्हे के क्रीज में थोड़ा और उतरना चाहते हैं, तो आप अपने वजन को पहले एक पैर और फिर दूसरे पर रखते हुए एक तरफ से दूसरी तरफ रॉक कर सकते हैं।

 5 अर्ध मत्स्येन्द्रासन:

अपने बट को फर्श पर आने दें और बैठ जाएं। बैठे हुए स्पाइनल ट्विस्ट के लिए अपने दाहिने पैर को अपनी बाईं जांघ के बाहर की ओर ले आएं। 

अपनी रीढ़ को स्ट्रेच करने के लिए श्वास लें। सांस छोड़ते हुए दाईं ओर मुड़ें। 

आप अपने दाहिने घुटने को अपनी बाईं कोहनी से मिला सकते हैं। या अपनी बाईं कोहनी को अपने दाहिने घुटने के बाहर ला सकती हैं।

 पांच की गिनती तक सांस रोकें फिर सांस छोड़ें। सांस छोड़ते हुए मुड़ें। 

फिर अपने पैरों के विन्यास को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए स्विच करें।

 6 शवासन:

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शवासन आपको रिलैक्स कराता है। चित्र:शटरस्टॉक

यह विश्राम की मुद्रा है। शवासन मुद्रा में आने के लिए अपने पैरों को सीधा करें। यह आसन आपको सहज होने में सहायता करता है। पांच मिनट के लिए आप अलार्म सेट कर सकते हैं, ताकि आपको नींद न आए। इन आसनों के बाद आपको अच्छी नींद आ जाएगी।

यहां पढ़ें:-योगाभ्यास शुरू करने वाली हैं, तो पहले जान लें कि क्या करें और क्या नहीं

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स्मिता सिंह स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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