इन 4 योगासनों का नियमित अभ्यास कंट्रोल कर सकता है गुस्सैल रवैया, जानिए अभ्यास का सही तरीका
बदल रहे लाइफस्टाइल के साथ लोगों में तनाव और एंग्जाइटी बढ़ने लगा है। छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आने और रिएक्ट करने से हमारी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचता है। इस स्थ्ति से बाहर आने के लिए कई प्रकार के उपचार और दवाएं लेने लगते है, जो कुछ पल की राहत तो दे सकते है, मगर इस समस्या को खत्म नहीं कर पाते हैं। ऐसे में योग की मदद से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। जानते हैं योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा से कि किन योगासनों की मदद से बार बार आने वाले गुस्से को शांत किया जा सकता है (yoga control anger)।
इस बारे में योग एवं आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि क्रोध और गुस्सा एक निरर्थक वस्तु है। दरअसल गुस्सा हमें बीती बातों पर आता है, जिन्हें बदलना हमारे बस में नहीं है। बहुत से ऐसे लोग है, जो हर समय गुस्से में रहते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास बेहद ज़रूरी है। इनका कहना है कि नियमित योग साधना करके गुस्से की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
जानते हैं वो 4 योग क्रियाएं, जिनके माध्यम से हम गुस्से को अलविदा कह सकते हैं।
1. गो मुखासन (Gomukhasana)
इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं। दाईं टांग को बांई टांग के उपर रखें। अब दांए पैर से बांए हिप और बाएं पैर से दाएं हिप को छुएं।
जो टांग उपर है। उसी तरफ का हाथ उठाएं और गदर्न से होता हुआ पीठ के पीछे लेकर जाएं। उसके बाद दूसरे हाथ को कमर से पीछे की ओर लग जाते हुए दोनों हाथों को आपस में पकड़ लें।
रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और आंखे बंद करके गहरी सांस लें और छोड़ें। 5 बार डीप ब्रीदिंग के बाद आप दोबारा से नॉर्मल पोज़िशन में आ जाएं।
आंखे बंद रखें और हाथों को टांगों पर रख लें। इस बार बाई टांग को दांई टांग के उपर रखें और योगासन को दोहराएं।
2. गुरूप्रणाम आसन (Guru pranam asana)
इस योग को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं और आंखे बंद कर लें। अब वज्रासन में बैठ जाएं और पीठ सीधी रखें। हाथों को नमस्ते की मुद्रा में रखें।
इसके बाद लंबी सांस लें और दोनों हाथों को उपर की ओर स्टेच करें। अब धीरे धीरे नमस्ते की मुद्रा में हाथों को पीछे की ओर लेकर जाएं। गर्दन को उपर की ओर रखें।
जहां तक हो सकें हाथों को पीछे की ओर लेकर जाएं और कमर को भी बैण्ड करें। इसके बाद अब बॉडी को आगे की ओर लाएं। चेस्ट को थाइज़ पर टिकाए।
माथे को मैट पर लगाएं और दोनों बाजूओं को आगे की ओर खींचे। इस योग को 3 से 4 बार दोहराएं।
3. भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari pranayam)
इस योग को करने के लिए मैट पर पदमासन की मुद्रा में बैठें। वे लोग जो इस मुद्रा में नहीं बैठ जाते, वे अर्ध पद्मासन लगाएं।
अब दोनों हाथों की इंडेक्स फिंगर से कानों को बंद करें और भंवरे जैसी आवाज़ निकालें। इस दौरान आंखों को बंद कर लें। अब उंगलियों को कानों से बाहर निकाल लें।
शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। आंखे बंद ही रखें। 5 से 7 बार गहरी सांस लें और छोड़े। इस योग को रोज करने से बार बार गुस्सा आने की समस्या अपने आप कम होने लगेगी।
4. शशांक आसन (Shashank aasan)
इसे करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। इस दौरान हथेलियों को थाइज़ पर टिका ले। धीरे धीरे हाथों को पीछे की ओर लेकर जाएं और उससे पैरों को छूएं।
अब शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे का ज़मीन पर लगाकर रखें। इस मुद्रा में शरीर को 15 से 20 सेकण्ड तक रखें। योगाभ्यास के दौरान आंखों को बंद कर लें।
आप चाहें, तो माथे को ज़मीन से छूने के स्थान पर माथे के नीचे एक पिलो रख सकते हैं। अब उपर की ओर उठें और हाथों को दोबारा थाइज़ पर टिका लें। इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
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