International Yoga Day : घायल तन और मन का मरहम बना योग, ये है सेलिब्रिटी ट्रेनर अंशुका परवानी की कहानी

दीपिका पादुकोण और आलिया भट्ट जैसी बॉलीवुड की अभिनेत्रियों को योग के माध्यम से फिट रखने वाली अंशुका परवानी की कहानी किसी परी कथा से कम नहीं है। एक समय था जब वे पायलट के रूप में आसमान में उड़ा करती थीं और एक वह भी समय आया जब वे ढेरों जख्म लिए बिस्तर पर पड़ीं थीं। कैसे योग ने बदला उनका जीवन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पढ़ते हैं उनकी प्रेरक कहानी।
अंशुका परवानी का खुद का जीवन इस बात का उदाहरण पेश करता है कि कैसे योग एक व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बना सकता है।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 23 Oct 2023, 09:30 am IST
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भारतीय समाज की किसी भी सामान्य लड़की की तरह अंशुका परवानी (Anshuka Parwani) पली-बढ़ीं। उनके साथ अच्छी बात यह हुई कि उन्हें जीवन में थोड़ी अधिक स्वतंत्रता मिली। वे राष्ट्रीय स्तर की तैराक और व्यावसायिक पायलट बनने के ख्वाब को देख सकी। पर एक बाइक दुर्घटना ने उसके जीवन की उड़ान रोक दी। पर वे यहां नहीं रुकीं। उन्होंने अपने अथाह मेहनत के बल पर सेलेब्रिटी योग ट्रेनर के रूप में पहचान बना (Anshuka Parwani) ली।

सेलिब्रिटी योग और वेलनेस एक्सपर्ट (Celebrity Yoga and wellness Expert Anshuka Parwani)

आज अंशुका भारत में अग्रणी सेलिब्रिटी योग और वेलनेस एक्सपर्ट में से एक हैं। वे इन दिनों बॉलीवुड ब्यूटी क्वीन को प्रशिक्षण दे रही हैं। अंशुका परवानी का खुद का जीवन इस बात का उदाहरण पेश करता है कि कैसे योग एक व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बना सकता है। वे योग की शांति से प्यार करती हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हेल्थ शॉट्स के इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अंशुका परवानी ने बचपन से लेकर आज के जुनून के बारे में खुलकर बात की।

खुले माहौल में हुई परवरिश

हमारा बचपन हमारे आगे के जीवन को आकार देता है। अंशुका के लिए उनका परिवार और पेरेंट्स सबसे बड़े स्तंभ हैं। उन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया। वे कहती हैं, “मुझे जो कुछ भी करना पसंद था, मेरे माता-पिता ने उसे करने के लिए हमेशा प्रेरित किया। खेलते हुए मुझे हमेशा चोट लग जाती थी। मैं लड़कों के साथ खेलती थी। मैं एक पायलट के रूप में बड़ी हुई। उस समय लड़की होने के नाते बहुत कुछ सुनना पड़ता था। मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे हमेशा मेरा साथ देने वाले माता-पिता मिले।”

अस्थमा को मात देने के लिए सीखा तैरना (swimming to defeat Asthma)  

अंशुका के दो जुनून थे-तैरना और उड़ना। दोनों ने उन्हें सशक्त बनाया। एक ने उन्हें हर मुसीबत से लड़ना सिखाया, तो दूसरे ने आसमान तक पहुंचना। वे अपने जीवन की एक रोचक कहानी भी शेयर करती हैं कि कैसे उन्होंने स्वीमिंग की शुरुआत की।

वे बताती हैं, “फेफड़ों को मजबूत करने के लिए मुझे स्वीमिंग पूल भेजा गया था। बड़े होने पर मुझे अस्थमा हो गया। मेरे दादा-दादी दोनों डॉक्टर थे। वे चाहते थे कि मैं हर समय दवा लेने की बजाय स्वीमिंग करूं और अपने फेफड़ों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाऊं। इस तरह मैंने स्वीमिंग की शुरूआत की। मुझे यह बहुत पसंद आया। फिर एक चीज मुझे दूसरी चीज की ओर ले गई।”

दुनिया घूमने की चाह ने बनाया पायलट

अंशुका कहती हैं, ‘ मुझे हमेशा एड्रेनालाइन, गति और यात्रा पसंद आई। विमान मुझे हमेशा से आकर्षित करते रहे हैं। मैं विमानों को उड़ाना चाहती थी और दुनिया की यात्रा करना चाहती थी। इन दोनों की चाह ने मुझे पायलट बनने के लिए प्रेरित किया।

एक हादसे ने बदल दी जिंदगी

यह 2008 की बात है। एक जानलेवा मोटरबाइक दुर्घटना के कारण अंशुका को महीनों तक बिस्तर पर पड़े रहना पड़ा। उन्हें बहुत सारी चोटें आईं। जिससे वे कमर्शियल पायलट के लिए मेडिकली अनफिट बता दी गईं। शारीरिक चोट के अलावा, दुर्घटना के अनुभव ने अंशुका को भावनात्मक और मानसिक स्तर पर भी असहनीय दर्द दिया। उन्हें चोट से उबरने में कई साल लग गए।

एक जानलेवा मोटरबाइक दुर्घटना के कारण अंशुका को महीनों तक बिस्तर पर पड़े रहना पड़ा।

मां ने सिखाया योगाभ्यास (Yoga Trainer Mother) 

उनकी मां एक योग शिक्षक हैं। उन्होंने योग के माध्यम से उन्हें ठीक होने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्राचीन अभ्यास योग शरीर, सांस और मन को जोड़ता है। अंशुका के लिए यह नया नहीं था। वे बचपन से अस्थमा को प्रबंधित करने के लिए कुछ आसन और प्राणायाम का अभ्यास कर रही थीं। इस बार यह उनके लिए जीवन बदलने वाला साबित हुआ।

बनीं योग प्रशिक्षक (Yoga Instructor) 

दुर्घटना के बाद उन्होंने फिजियोथेरेपी सेशन लिया। इसके बाद अंशुका ने योग थेरेपी भी ली। वे बताती हैं, “मेरी मां ने शुरुआती चरण में ही मेरी चोट को पहचान लिया था। मेरी चोट उन चोटों में से नहीं थी, जिसे पट्टी या दवाओं से ठीक किया जा सकता था। एथलीट होने के नाते और बहुत अधिक सक्रिय जीवन बिताने के कारण बिस्तर पर रहना मेरे लिए बहुत कठिन था।

मेरे लिए एयरलाइन की नौकरी खोना और भी अधिक कठिन था। मेरी मां ने महसूस किया कि मुझे निराशा से बाहर निकलने में योग से मदद ली जा सकती थी। तभी मैं योग स्कूल में दाखिल हुई। मैं 9 महीने बाद शिक्षक के प्रशिक्षण प्रमाणपत्र के साथ बाहर निकली।”

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योग का प्रभाव जादू जैसा

अंशुका को लगा कि योग उनके लिए जादू जैसा काम करता है। वह योग की मदद से बिना रीढ़ की हड्डी के दर्द के दिन में जाग सकती थी। बेहतर तरीके से आगे बढ़ सकती थी। भले ही वह वह सब कुछ करने में सक्षम नहीं थी जो, वह दुर्घटना से पहले कर सकती थी। पर वह खुश महसूस कर रही थी। वे कहती हैं, ‘यह कहना सही है कि योग से मुझे नए पंख मिल गए।’

दीपिका और आलिया को सिखाती हैं योग (Celebrity Yoga and wellness Expert Anshuka Parwani)

ट्रेनर ने प्रसिद्ध रूप से बॉलीवुड फिल्म ‘गहराइयां’ में योग दृश्यों को कोरियोग्राफ किया। दीपिका पादुकोण और आलिया भट्ट सहित कई सेलिब्रिटी उनके ग्राहक हैं।वे कहती हैं कि योग के ज्ञान को दूसरे लोगों के साथ भी शेयर करना चाहिए।

अंशुका अपने योग स्टूडियो में पारंपरिक हठ, अष्टांग विन्यास, एयर योग, प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद किये जाने वाले योग, बच्चों के योग और पिलेट्स भी सिखाती हैं। पाइपलाइन में उनकी कई नई योजनाएं भी हैं। उन्होंने बताया, ‘ यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में रहने का अच्छा समय है, क्योंकि हर कोई स्वास्थ्य को लेकर बहुत सचेत है।’

सेलिब्रिटी ट्रेनर होने का दबाव

वह देश के कुछ बड़ी एक्ट्रेस-एकटर को प्रशिक्षित करती हैं। उनके लाखों सोशल मीडिया फॉलोअर्स हैं। इसलिए खुद की छवि बनाए रखने का दबाव जरूर रहता है। लेकिन अंशुका मानती हैं कि उन्हें कोई दबाव महसूस नहीं होता। वे कहती हैं, “मैं जो करती हूं उससे प्यार करती हूं। मैं इसे प्योर इरादे से करती हूं, इसलिए मैं इसका आनंद लेती हूं। मैं ऑनलाइन जो कुछ भी साझा करती हूं, उसके प्रति बहुत सावधान रहती हूं। मैं खुद को दूसरों के लिए जिम्मेदार मानती हूं। वे मेरे द्वारा किए गए कार्यों के कारण मेरा अनुसरण कर रहे हैं

अंशुका देश के कुछ बड़ी एक्ट्रेस-एकटर को प्रशिक्षित करती हैं। उनके लाखों सोशल मीडिया फॉलोअर्स हैं।

काम के आपाधापी के बीच कैसे रखती हैं खुद को कूल

यही कारण है कि उनके पास हेल्थ और फिटनेस प्रभावित करने वालों के लिए एक संदेश है, “यदि आप सलाह दे रही हैं और यदि लोग आपसे प्यार करते हैं, तो वे आपकी बात को सुनेंगे। इसलिए प्रामाणिक और सच्चे बनें। मैं इसे अधिकतम करने की कोशिश करती हूं।

वह हर दिन काम के तूफान के बीच शांत रहने के लिए कुछ उपाय करती हैं। वे कहती है, “मैं सांस लेती हूं। मैं बस कुछ मिनट अन्य स्थान से ध्यान हटाकर सिर्फ सांस लेती हूं। मैं ज्यादातर समय अपने कुत्ते के साथ बिताती हूं। वह शुद्ध प्रेम मेरा ध्यान और मेरी सांस है।

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