योग एक ऐसी आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से शरीर को तंदरूस्त और मन को शांत रखा जा सकता है। ऋग्वेद में इस बात का प्रमाग मिलता है कि वैदिक काल में योग की शुरूआत हुई थी। हांलाकि योग का विस्तार पांचवी शताब्दी में होना आरंभ हो चुका था। वहीं पश्चिमी देशों में योग की शुरूआत 20वीं शताब्दी में हुई।
पूरे विश्व को एक सूत्र में बांध रहा है योग- सालाना मनाए जाने वाले वर्ल्ड योगा डे का मकसद लोगों को हेल्थ के प्रति जागरूक करना है। इस साल इंटरनेशनल योगा डे 2023 की थीम वसुधैव कुटुम्बकम है। इसका अर्थ हेल्दी और खुशहाली से भरपूर समाज की नींव रखना है। इस मौके पर विश्वभर में योग संबधी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसमें हर उम्र के लोग हिस्सा लेते हैं और योग मुद्राएं करते हैं।
समझिए क्या है योग- योग भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। योग एक ऐसी यात्रा है, जो हमें हमारी आत्मा से मिलवाता है। इसके निरंतर प्रयास से हम अपनी इंद्रियों को काबू में करके शरीर में मौजूद विकारों को दूर कर पाते हैं। शरीर को लचीला बनाकर मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करने वाले इस योग के महत्व से दुनिया को वाकिफ करवाने के लिए योग दिवस मनाया जाता है।
कब मनाया गया पहला योग दिवस- साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 177 देशों के समर्थन के बाद मिली मान्यता के उपरांत योग दिवस की शुरूआत हुई। इसी के चलते 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में सभा को संबोधित कर योग दिवस
सबके लिए फायदेमंद हैं योग के बेसिक आसन- शुरूआती दौर में ध्यान लगाना बेहद ज़रूरी है, जिससे आपका तन और मन शांत रह सके। इसके अलावा कुछ ऐसे योगासनों का अभ्यास करें, जिससे शरीर रिलैक्समहसूस करे। इसके लिए वज्रासन, भुजंगासन, ताड़ासन और बालासन जैसे योगासन बेहद प्रभावी साबित हो सकते है। यह योग शुरूआती तौर पर करना उचित है।