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ओरल हाइजीन के लिए जीभ साफ करना भी है जरूरी, इन 5 आदतों को करें रुटीन में शामिल

अच्छी ओरल हाइजीन आपकी गट हेल्थ और ब्रेन हेल्थ को बूस्ट रखने के लिए भी जरूरी है। पर इसका अर्थ केवल दिन में दो बार ब्रश कर लेना ही नहीं है। इसके लिए कुछ और चीजों पर भी आपको ध्यान देना होगा।
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दांतों की क्लीनिंग के अलावा जीभ पर जमे बैक्टीरिया को रिमूव करने के लिए स्क्रैपर की मदद ले सकते हैं। चित्र: अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 17 Apr 2024, 12:19 pm IST
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एक प्यारी सी मुस्कान किसे पसंद नहीं आती है। मगर ओरल हाइजीन के स्टेप्स को फॉलो न करने से दांतों में पीलापन, कैविटी और दर्द की समस्या बढ़ने लगती है, जिससे हंसते और बात करते वक्त अक्सर लोग दांतों को छुपाते हुए नज़र आने लगते हैं। इसका असर व्यक्ति की ओवरऑल पर्सनैलिटी पर दिखने लगता है। जानते हैं कि ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए किन टिप्स को करें फॉलो (Best practices to elevate oral hygiene)।

क्यों जरूरी है सही ओरल हाइजीन मेंटेन करना

दांतों और मसूड़ों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए ओरल हाइजीन (Oral hygiene) का ख्याल रखना आवश्यक है। इसके लिए रेगुलर ब्रशिंग और फ्लॉसिंग करना चाहिए। साथ ही डेंटल प्रोबलम्स से निपटने के लिए डेंटिस्ट से समय समय पर चेकअप अवश्य करवाएं। इससे दांत स्व्स्थ्स बने रहते हैं और बार बार होने वाला दर्द, मसूढ़ों में सूजन और ब्लीडिंग की समस्या से राहत मिल जाती है। साथ कैविटी की समस्या भी दूर होती है।

इस बारे में हेल्थशॉटस की टीम से बातचीत करते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, एमडीएस, डॉ दिवाकर वशिष्ट का कहना है कि दांतों को स्वस्थ रखने के ओरल हाइजीन का ख्याल रखना ज़रूरी है। इसके लिए रोज़ाना दो बार दांतों की सफाई करें। अब ब्रशिंग के अलावा माउथ वॉश भी दांतों में पाए जाने वाले बैड बैक्टीरिया की समस्या को आसानी से हल कर देता है। ओरल हाइजीन में दांतों की सफाई के साथ टंग क्लीनिंग को इम्नोर न करें। जीभ को नज़रदंआज़ करने से उस पर एक सफेद परत जमने लगती है। दरअसल, जीभ का सरफेस प्लेन नहीं होता है। रफ होने के चलते जीभ पर बैक्टीरिया धीरे धीरे इकट्ठा होने लगते हैं, जो दांतों में सड़न और सांस की दुर्गंध को बढ़ाने लगते हैं।

दांतों को स्वस्थ रखने के ओरल हाइजीन का ख्याल रखना ज़रूरी है। चित्र: अडोबी स्टॉक

ओरल हाइजीन बनाए रखने के लिए याद रखें ये 5 जरूरी बातें (5 best practice to maintain oral hygiene)

1 सोने से पहले और सुबह सोकर उठकर ब्रश करें

दिन में दो दफा ब्रश करने के लिए फ्लोराइड टूथपेस्ट और सॉफ्ट टूथब्रश का इस्तेमाल करें। इससे मसूढ़े और टूथ इनेमल स्वस्थ बने रहते हैं। इसकी मदद से मुंह में मौजूद बैड बैक्टीरिया को दूर करने में मदद मिलती है। दांतों को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद सबसे पहले क्लीन करें। इससे दांतों का पीलापन नहीं बढ़ता है। ब्रश को 3 हीने के बाद अवश्य रिप्लेस करें। इससे सांसों की दुर्गंध की समस्या से भी बचा जा सकता है।

2 माउथवॉश का करें प्रयोग

मुंह में पनपने वाले हार्मफुल बैक्टीरिया से राहत पाने के लिए ब्रश करने के बाद माउथवॉश का प्रयोग अवश्य करें। इससे दांतों के मध्य जमा होने वाले उन जर्मस का भी सफाया हो जाता है, जिसे ब्रश की मदद से क्लीन नहीं किया जा सकता। माउथवॉश को चुनने से पहले इस बात का ख्याल रखें कि वो पूरी तरह से अल्कोहल फ्री है, ताकि माउथवॉश के बाद रूखेपन से बचा जा सके। इसे ब्रश के बदले नहीं बल्कि ब्रश करने के बाद ही इस्तेमाल करें।

कई डेंटिस्ट दैनिक दंत चिकित्सा देखभाल के रूप में माउथवॉश के उपयोग को सही मानते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

3 फ्लॉसिंग भी है जरूरी

दांतों में फंसे मिलिमल स्क्रैप तक पहुंचने के लिए फ्लॉसिंग बेहद ज़रूरी है। दो वक्त ब्रश करने के बाद फ्लॉसिंग अवश्य करें। इससे दांतों के मध्य फंसे हुए कणों से पूर्ण रूप से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे फ्लॉस का चुनाव करें, जिसे आप आसानी से इस्तेमाल कर सकें। बाज़ार में मिलने वाले फ्लॉस को अपनी आवश्यकानुसार चुनें।

4 टंग क्लीनिंग के लिए करें स्क्रैपर का प्रयोग

दांतों की क्लीनिंग के अलावा जीभ पर जमे बैक्टीरिया को रिमूव करने के लिए स्क्रैपर की मदद ले सकते हैं। इसके लिए स्कैपर को जीभ पर टिकाकर आगे की ओर पुल करें। इससे जीभ पर जमे जर्मस क्लीन होने लगते हैं। साथ जीभ पर जमने वाली सफेद परत से भी मुक्ति मिल जाती है। इससे सांसों में बढ़ने वाली दुर्गंध से राहत मिल जाती है। ओरल हाइजीन को मेंटेन करने के लिए टंग क्लीनिंग को अवॉइड करने से बचना चाहिए।

दांतों की स्वच्छता बनाए रखने के साथ साथ जीभ के लिए स्क्रैपर का प्रयोग आवश्यक है। चित्र अडोबी स्टॉक

5 डेंटल चेकअप न करें अवॉइड

दांतों की सेहत को बनाए रखने के लिए क्लीनिंग के साथ साथ रेगुलर इंटरवेल्स पर डेंटल चेकअप करवाते रहें। इससे मसढ़ों में होने वाली सूजन, दांतों में बढ़ने वाली कैविट और ब्लीडिंग की समस्या समय के साथ दूर हो जाती है। अन्यथा दांतों की समस्याएं विकराल रूप धारण कर लेती है, जिसका असर ओवरऑल हेल्थ पर दिखने लगता है।

इसके अलावा दांतों के स्वास्थ्य को तवज्जो न देने से अन्य दांतों पर भी उसका असर दिखने लगता है। अगर आपका दांत डैमजे है, तो उसके आसपास के दो से तीन दांतों पर धीरे धीरे उसका प्रभाव पड़ने लगता है।

ये भी पढ़ें- Dental Plaque: ये 9 बैड हेबिट्स बढ़ा देती हैं डेंटल प्लाक और खराब होने लगती है ओरल हाईजीन

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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