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कोकोनट शुगर या पाम शुगर, जानिए आपकी सेहत के लिए शुगर का कौन सा विकल्प है ज्यादा हेल्दी

कोकोनट शुगर आपकी डाइट में शामिल हो सकता है। चित्र:शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 9 Apr 2023, 12:30 pm IST
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लगातार बढ़ रही डायबिटीज़ और खराब हार्ट हेल्थ की समस्याओं ने हमारी डाइट से बहुत सी चीजों में कटौती की है। इन्हीं में से एक है शुगर। कोई भी मीठी रेसिपी में हम चीनी डालने से हाथ पीछे की ओर खींचते हैं। ज़ाहिर है, चीनी हमारी हेल्थ को प्रभावित करने का काम करती है। वहीं, बिना मिठास के रेसिपीज़ अधूरी सी लगने लगती है। रिसर्च गेट के मुताबिक ये स्वीटनर्स अनरिफाइंड प्रोडक्ट (Unrefined products) हैं। इनमें प्लाट सोर्सिज़ से पोषक तत्व और बायोएक्टिव कम्पाउंड पाए जाते हैं। दक्षिण पूर्व एशिया में खासतौर गन्ना, ताड़ यानि पाल्म और नारियल से मिलने वाली शुगर अनरिफाइंड (Coconut sugar vs Palm Sugar) होने के साथ साथ स्वाद में भी बेहद खास होती है।

नारियल चीनी

इस बारे में फिलीपींस खाद्य और पोषण अनुसंधान संस्थान की एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि दानेदार चीनी के कम्पैरिज़न में नारियल चीनी में जिंक, आयरन और कैल्शियम ज्यादा पाया जाता है। इसके अलावा नारियल चीनी में फाइटोन्यूट्रिएंट्स समेत पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और एंथोसाइनिडिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है।

कैसे बनती है नारियल चीनी

नारियल के पेड़ पर लगने वाले फूलों के बड्स से नारियल की चीनी यानी कोकोनट शुगर (Coconut sugar) प्राप्त होती है। इसके लिए फूलों को काटकर उसमें मौजूद तरल पदार्थ को निकाल लिया जाता है। उसके बाद उस पदार्थ को तब तक धीमी आंच पर रखा जाता है, जब तक उसमें मौजूद लिक्विड पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता। उसके बाद बर्तन के तले पर ब्राउन रंग का शुगर कंटेट नज़र आता है। इस तरह तैयार होने वाली शुगर के कण बारीक होते हैं। इससे गुड़ बनाने के लिए बड़े बर्तनों में इसे उबालने की प्रक्रिया की जाती है।

जानते हैं, कोकोनट शुगर के फायदे

रिफाइंड शुगर का हेल्दी विकल्प है देसी खांड। चित्र एडॉबीस्टॉक

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखती है

हमारी बॉडी एनर्जी के लिए ग्लोकज़ की मदद लेती है। ऐसे में कई पोषक तत्वों से भरपूर कोकोनट शुगर न केवल लो ब्लड प्रेशर को रोकने बल्कि ब्राउन शुगर और गन्ने तैयार होने वाली के समान ही ब्लड प्रेशर को मैनेज करने का काम करती है। साथ ही हाइपोग्लाइसीमिया जैसी जोखिम से बचाने में भी मदद करती है।

पोषक तत्वों से भरपूर है

एंटी ऑक्सीडेंट्स (Anti-oxidents) से भरपूर से शुगर में फाइबर भी उच्च मात्रा में पाए जाते है। इसके अलावा हल्के ब्राउन रंग की महीन दानों वाली इस शुगर में कैलोरीज बेहद कम होती हैं, जो डज्ञइटिंग के दौरान फायदेमंद साबित होती है। इसमें फ्रुक्टोज (fructose) भी पाया जाता है। जब कि साधारण चीनी में से तत्व नहीं मिलता है।

पाचन में सुधार करती है

गट हेल्थ का भी ख्याल रखती है। इसके सेवन से आंत से जुड़े रोगों का खतरा खुद ब खुद कम होने लगता है। दरअसल, इसमें मौजूद इन्स्युलिन शरीर में प्रीबायोटिक्स के तौर पर काम करता है।

अब जानते हैं पाम शुगर के बारे में

कोकोनट शुगर की भांति ही पाम शुगर भी साउथ ईस्ट एशिया में बड़ी तादाद में पाई जाती है। दोनों ही नेचुरल स्वीटनर्स हैं, जो पेड़ों से ही प्राप्त होते हैं। पाम शुगर ताड़ के पेड़ से निकले वाले रस से प्राप्त होती है। इस रस को धीमी आंच पर रखा जाता है, जब वो सूख जाता है, तो शुगर नीचे रह जाती है।

क्या हैं पाम शुगर के फायदे

इसे खाने से शरीर में रेड ब्लड सेल्स और एंटी बॉडीज़ का विकास होता है। चित्र शटरस्टॉक।

ये नेचुरल मूड बूस्टर है

पाम शुगर एक मूड बूस्टर के तौर पर काम करती है। इसमें मौजूद कैरेमल टेस्ट आपके शरीर में हैप्पी हार्मोंस रिलीज़ करती है। जिससे आपका मूड अच्छा होता है और आप ज्यादा प्रोडक्टिव फील करते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद कार्ब्स आपको एकदम एनर्जी से भर देते हैं।

एंटी बॉडीज़ के विकास में मददगार

इसे खाने से शरीर में रेड ब्लड सेल्स और एंटी बॉडीज़ का विकास होता है। इसमें मौजूद विटामिन बी 6 बॉडी को हेल्दी रखने का काम करता है। साथ ही एनीमिया की समस्या से भी राहत मिलती है।

कोकोनट शुगर या पाम शुगर जानिए आपके लिए दोनों में से क्या है ज्यादा बेहतर

इस बारे में मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि ये दोनों ही नेचुरल शुगर है। कोकोनट शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाम शुगर से थोड़ा लो ही होता है। दोनों में ही विटामिन्स, मिनरल्स, पोटेशियम और सोडियम पाया जाता है। इन दोनों को ही किसी प्रकार की रिफाइनिंग की आवश्यकता नहीं होता है। इसे इस्तेमाल किया जा सकता है, मगर एक लिमिटिड अमाउंट में। कोकोनट शुगर को डायबिटीज़ में परैफर किया जा सकता है। 

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नारियल की चीनी को नारियल के फूलों की कलियों में मौजूद तरल पदार्थ से बनाया जाता है। जबकि पाम शुगर पाम के ट्रंक सैप से बनकर तैयार होती है। निर्माण प्रक्रिया के बाद कोकोनट शुगर का रंग हल्का ब्राउन होता है। कई बार इसे आकर्षक बनाने के लिए उत्पादक इसमें कृत्रिम रंगाें का इस्तेमाल करते हैं। जो किसी की भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। जबकि पाम शुगर का रंग नेचुरली डार्क ब्राउन होता है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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