मुंबई में बच्चे ने निगल ली चुंबक, जानिए ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं
छोटे बच्चों में नासमझ और मासूम होते हैं। वे हर चीज़ को उठाकर सीधे मुंह में डालते हैं। ध्यान न दिए जाने पर कई बार बच्चे ये चीजें निगल भी लेते हैं। जिससे स्थिति खतरनाक हो सकती है। अनजाने में अगर बच्चे ने सिक्का, लोहे के नट-बोल्ट, रबड़ की छोटी चीजें निगल ली है (what to do if baby swallows something) तो आपको दोगुनी तेजी से डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो इससे बच्चे की जान भी जा सकती है। इसलिए इस पर तत्काल ध्यान दिया जाना और सही उपचार जरूरी है। हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां 11 साल के बच्चे ने लोहे के चुंबक से खेलते हुए इसे निगल लिया। अगर समय रहते उसकी सर्जरी न की जाती तो यह खतरनाक हो सकता था।
कई बार पेरेंट्स को पता ही नहीं चल पाता कि बच्चे ने कुछ निगल लिया है। जबकि बहुत बार ऐसा भी होता है कि आप यह समझ नहीं पाते कि इस स्थिति में क्या किया जाए।
परेशानी इतनी बढ़ गई की चुंबक को निकालने के लिए बच्चे का ऑपरेशन करना पड़ा। इसलिए छोटे बच्चों के सभी मां-बाप को इस बात को लेकर सचेत रहना चाहिए। उन्हें मालूम होना चाहिए कि बच्चे यदि कुछ निगल लेते हैं, तो इस स्थिति में फौरन क्या करना चाहिए।
मुंबई में एक बच्चे ने निगल ली चुंबक (11 year boy swallows magnet)
भाटिया अस्पताल मुंबई के सलाहकार गैस्ट्रोएंटरोलॉजी हार्दिक शाह ने इस घटना की जानकारी दी। 17 दिसंबर की शाम 5:00 बजे 11 साल के बच्चे ने चुंबक से खेलते हुए एंटरटेनमेंट के चक्कर में पूरा का पूरा चुंबक निकाल लिया। जब परिवार को इस बारे में पता लगा, तो वे उसे लेकर शाम 7:00 बजे अस्पताल पहुंचे। वहां बच्चे का एक्सरे लिया गया और पता चला कि बच्चों के पेट में चुंबक फंसा हुआ है।
हालांकि, बच्चों को अस्पताल लाने के पहले घर पर केला और दूध खिलाकर देखा गया था। पेट भरा होने के कारण बच्चे को एनेस्थीसिया देकर ऑपरेशन करना मुमकिन नहीं था, इसलिए डॉक्टर ने 5 से 6 घंटे इंतजार करने के बाद ऑपरेशन का फैसला लिया।
अगले दिन दोपहर 12:30 के करीब एंडोस्कोपी के जरिए पेट में फसे चुंबक को बाहर निकाला गया। बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं थी, वह पूरी तरह से स्वस्थ है। बच्चे की स्थिति को देखते हुए उसे जल्दी घर भेज दिया गया।
ये संकेत बताते हैं आपके बच्चे ने कुछ निगल लिया है
यदि आपको पता लगता है कि आपके बच्चे ने कुछ निगल लिया है, तो सबसे पहले इस स्थिति में शांत रहने का प्रयास करें पैनिक न करें। हालांकि, बहुत से पेरेंट्स को काफी देर से इसका अंदाजा होता है, क्योंकि उन्होंने सामने से बच्चों को कुछ निगलते नहीं देखा होता है। वहीं एक दो या तीन साल का बच्चा जो ठीक से अपनी बात समझा तक नहीं पता उनके केस में अधिक परेशानी की बात हो जाती है। यदि बच्चे में निम्नलिखित लक्षण नजर आ रहे हैं, तो हो सकता है आपके बच्चे ने कुछ निगल लिया हो। इस स्थिति में फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
1 पेट में असहनीय दर्द महसूस होना
2 छाती में दर्द का अनुभव
3 ऐसा महसूस करना जैसे कि गले में कुछ फंसा हो
4 सांस लेने में परेशानी होना
5 खाद्य पदार्थों को घोटने में दिक्कत आना
6 उल्टी आना
7 बार-बार खांसना
8 बोलने में तकलीफ होना
9 बच्चे के मुंह से लार टपकना
कई बार जब बच्चे नॉन टॉक्सिक ऑब्जेक्ट्स जैसे की बिड्स और कॉइन निगल लेते हैं, उस स्थिति में बच्चों में किसी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आते। ऐसे ऑब्जेक्ट गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में फंस जाते हैं, परंतु 24 घंटे के बाद उल्टी, लार टपकना, खाना न खाना, छाती में दर्द, खांसी आना, बोलने में तकलीफ होने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इन्हें नजरअंदाज न करें, फौरन डॉक्टर से मिले और सलाह लें।
वहीं यदि आपको कभी भी यह संकेत होता है, कि आपके बच्चे ने कुछ निगल लिया है, तो किसी भी प्रकार के लक्षण नजर आने का इंतजार न करें फौरन डॉक्टर से मिले और सलाह लें।
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कस्टमाइज़ करेंक्या करें अगर बच्चा गलती से कुछ निगल ले
स्टेप 1
यदि आपके बच्चे को बुखार सर्दी खांसी के अलावा अचानक से सांस लेने में तकलीफ हो रही है, या उल्टी होना शुरू हो गया है, साथ ही पेट में दर्द हो रहा है, तो आपको अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में संपर्क करना चाहिए। वहीं सामान्य दिक्कत होने पर आप पीडियाट्रिशियन या प्राइमरी हेल्थ केयर प्रोवाइडर की सलाह ले सकती हैं।
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स्टेप 2
बहुत से छोटे बच्चे कॉइन जैसे ऑब्जेक्ट्स को गलती से निगल जाते हैं, आमतौर पर कुछ ऑब्जेक्ट्स ऐसे होते हैं जो डाइजेस्टिव सिस्टम से पास होकर स्टूल के साथ बाहर निकल आते हैं। पर कई बार एक ही ऑब्जेक्ट किसी बच्चे के स्टॉल के माध्यम से बाहर निकल आता है, तो किसी बच्चे के पेट में ही फंसा रह जाता है। यही वजह है कि इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और ज्यादा समय तक इसके निकलने का इंतजार न करें। यदि कॉइन और रबड़ का कोई ऑब्जेक्ट 2 से 3 घंटे में बाहर नहीं निकलता है, तो फौरन डॉक्टर से मिलकर मेडिकल केयर लेना जरूरी है।
स्टेप 3
जबकि कुछ ऑब्जेक्ट्स अन्न प्रणाली या फिर पेट में फंस जाते हैं, जिन्हें बाहर निकालने के लिए एंडोस्कोपिक प्रोसीजर की आवश्यकता पड़ती है। बटन, बैटरी और मैग्नेट जैसे ऑब्जेक्ट्स को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी एंडोस्कोपी के माध्यम से बाहर निकालना जरूरी हो जाता है। अन्यथा ऐसे ऑब्जेक्ट्स बच्चों के अन्न प्रणाली में गंभीर डैमेज पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को भी प्रभावित कर सकते हैं।
स्टेप 4
कुछ ऑब्जेक्ट्स ऐसे भी होते हैं, जिन्हें फौरन निकालना जरूरी हो जाता है। अन्यथा इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है। बैटरी, मैग्नेट और अन्य रिएक्टिव मटेरियल से बने कोई भी ऑब्जेक्ट्स पेट में रिएक्ट कर सकते हैं। जिसकी वजह से गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति में खतरे को अवॉयड करने के लिए बिल्कुल भी इंतजार नहीं करना चाहिए। फौरन डॉक्टर से मिलकर इस विषय पर सलाह लेनी चाहिए और डॉक्टर इसे ऑपरेशन या फिर एंडोस्कोपी के माध्यम से बाहर निकाल देंगे।
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